भारत के मुख्यधारा के इतिहास में मुगल शासकों और मुस्लिम आक्रांताओं का महिमामंडन किया जाता है, जबकि राजपूत और मराठा योद्धाओं की वीरता को नजरअंदाज कर दिया गया है। लेकिन सच यह है कि राजपूतों और मराठाओं के अद्वितीय साहस, बलिदान और अथक संघर्ष ने ही अंततः इस्लामिक शासन का पतन किया और हिंदू सभ्यता को बचाया।
लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कुछ लालची हिंदू गद्दारों (जयचंदों) ने इस संघर्ष को और कठिन बना दिया और उनके कारण हिंदुओं का भयंकर रक्तपात हुआ। अगर ये गद्दार नहीं होते, तो भारत को कभी भी विदेशी शासन का सामना नहीं करना पड़ता।
1. राजपूत प्रतिरोध: इस्लामी आक्रमणों के खिलाफ पहली रक्षा दीवार
1192 में मोहम्मद घोरी के आक्रमण से लेकर मुगल शासन तक, राजपूत योद्धा भारत के पहले और सबसे मजबूत रक्षक थे। उन्होंने लगातार आक्रमणों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
🔹 पृथ्वीराज चौहान (1178-1192) और जयचंद की गद्दारी
- पृथ्वीराज चौहान ने 1191 में मोहम्मद घोरी को हराया (तराइन का पहला युद्ध) और हमेशा के लिए इस्लामी आक्रमण को समाप्त कर सकते थे।
- लेकिन कन्नौज के राजा जयचंद ने अपने ही हिंदू भाई को धोखा दिया और तराइन के दूसरे युद्ध (1192) में घोरी की मदद की।
- जयचंद की स्वार्थी सोच और ईर्ष्या के कारण पृथ्वीराज पराजित हुए और भारत में 700 वर्षों तक इस्लामी अत्याचारों का रास्ता खुल गया।
- परंतु, घोरी की कैद में रहते हुए भी पृथ्वीराज ने उसे मार डाला, यह साबित करते हुए कि हिंदू योद्धा कभी आत्मसमर्पण नहीं करते।
🔹 महाराणा प्रताप (1572-1597) – जो कभी नहीं झुका
- अकबर की सत्ता को स्वीकार नहीं किया, जबकि कई अन्य राजपूत शासकों ने उसके साथ संधि कर ली।
- हल्दीघाटी के युद्ध (1576) में केवल 22,000 राजपूतों ने अकबर की 80,000 सेना का सामना किया।
- राजपूत गद्दार मान सिंह (जयचंद) अकबर की तरफ से लड़ा, जिससे यह युद्ध और कठिन हो गया।
- परंतु, हार के बाद भी महाराणा प्रताप ने गुरिल्ला युद्ध जारी रखा और अकबर कभी भी मेवाड़ पर कब्जा नहीं कर सका।
🔹 तथ्य: ब्रिटिश इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड लिखते हैं,
“अगर पूरा भारत महाराणा प्रताप की तरह लड़ा होता, तो मुगलों का शासन कभी नहीं होता।“
2. मराठा योद्धा: जिन्होंने मुगल साम्राज्य को पूरी तरह नष्ट कर दिया
अगर राजपूतों ने भारत को इस्लामी आक्रमणों से बचाया, तो मराठाओं ने पूरी तरह से मुगल सत्ता का अंत कर दिया और विदेशी शासन को भारत से बाहर कर दिया।
🔹 छत्रपति शिवाजी महाराज (1630-1680) – सबसे महान हिंदू योद्धा
- जब औरंगजेब हिंदुओं का नरसंहार कर रहा था, तब शिवाजी ने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की।
- उन्होंने आदिलशाह, मुगलों और सिद्दियों को हराकर एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाया।
- मुगल गद्दारों जैसे मिर्जा राजा जय सिंह और जसवंत सिंह ने औरंगजेब की मदद की, लेकिन शिवाजी ने सबको मात दी।
- 1666 में आगरा की कैद से शिवाजी बच निकले, यह साबित करते हुए कि कोई भी मुगल उन्हें रोक नहीं सकता था।
- 1674 में शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ और उन्होंने मुगल सत्ता के अंत की नींव रखी।
🔹 मराठा साम्राज्य: जिन्होंने मुगलों का अंत किया
- शिवाजी के बाद पेशवा बाजीराव प्रथम, बालाजी विश्वनाथ और अन्य मराठाओं ने मुगलों को पूरी तरह खत्म कर दिया।
- बाजीराव प्रथम (1720-1740) कभी कोई युद्ध नहीं हारे और हिंदू शासन को पूरे भारत में फैलाया।
- 1737 में मराठाओं ने दिल्ली में मुगलों को हरा दिया, जिससे यह साबित हो गया कि हिंदू शक्ति सर्वोपरि थी।
- 1757 तक मुगलों को पेंशन पर रखा गया, वे सिर्फ नाममात्र के बादशाह रह गए।
- लेकिन, एक बार फिर हिंदू गद्दारों जैसे शिंदे और होल्कर ने ब्रिटिशों का साथ दिया, जिससे मराठाओं का पतन हुआ (1818)।
3. हिंदू गद्दारी: कैसे जयचंदों ने इस्लामी शासन को आसान बना दिया
भारत पर विदेशी शासन केवल आक्रमणकारियों की ताकत के कारण नहीं हुआ। कुछ हिंदू गद्दारों (जयचंदों) ने अपने ही धर्म को धोखा दिया और मुगलों को भारत में शासन करने में मदद की।
🔹 इतिहास में कुछ हिंदू गद्दार (जयचंद)
- जयचंद (कन्नौज का राजा) – मोहम्मद घोरी का समर्थन किया, जिससे इस्लामी शासन की शुरुआत हुई।
- मान सिंह (अंबर का राजा) – अकबर के लिए महाराणा प्रताप के खिलाफ लड़ा।
- मिर्जा राजा जय सिंह – शिवाजी को औरंगजेब के पास भेजा, जिससे वे कैद हो गए।
- गर्दी पठान और होल्कर – 1761 में पानीपत की लड़ाई में हिंदू पक्ष को धोखा दिया और बाद में ब्रिटिशों की मदद की।
- नेहरू और वामपंथी इतिहासकार – मुगलों का महिमामंडन किया और हिंदू योद्धाओं को इतिहास से मिटा दिया।
4. हमें यह सच क्यों नहीं बताया जाता?
इतिहास की किताबों को इस तरह से लिखा गया है कि मुगलों को महान दिखाया जाए, जबकि हिंदू योद्धाओं को भुला दिया जाए।
- नेहरूवादी और कम्युनिस्ट इतिहासकारों ने जानबूझकर मुगलों को “धर्मनिरपेक्ष” और “महान शासक” कहा।
- ब्रिटिशों ने यह भ्रम फैलाया कि उन्होंने मुगलों को हराया, जबकि सच यह है कि मराठाओं ने मुगल सत्ता को पूरी तरह नष्ट कर दिया था।
5. सच्चाई को सामने लाना होगा!
अगर राजपूत और मराठा योद्धा नहीं होते, तो भारत आज अफगानिस्तान या पाकिस्तान की तरह इस्लामी राज्य बन चुका होता।
🔹 हमें क्या करना चाहिए?
✅ शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, बाजीराव और अन्य हिंदू योद्धाओं की सच्ची गाथा बच्चों को पढ़ानी चाहिए।
✅ मुगल आक्रांताओं का महिमामंडन करने वाले झूठे इतिहास को अस्वीकार करें।
✅ गद्दारों (जयचंदों) को पहचानें और इतिहास से सबक लें।
✅ हिंदू प्रतिरोध दिवस मनाएं और अपने वीरों को याद करें।
✅ ऐसे प्रयासों का समर्थन करें जो इतिहास को सही तरीके से लिख रहे हैं।
हिंदू एकता से ही भारत बच सकता था
अगर हिंदू एकजुट होते, तो इस्लामी शासन कभी नहीं होता।
असल दुश्मन हमेशा हमारे ही बीच के जयचंद थे, जिन्होंने स्वार्थ के लिए हिंदुओं को धोखा दिया।
⚔️ अब हमें यह गलती नहीं दोहरानी चाहिए – हिंदू एकता ही भारत की शक्ति है! ⚔️
🚩 जय राजपूताना! जय महाराष्ट्र! जय भारत! 🚩