Skip to content Skip to sidebar Skip to footer

मोदी फंसे हुए हैं चक्रव्यूह में: एक चेतावनी

वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने अपने शो में यह बताया कि आज के भारत में एक असली चक्रव्यूह कैसा दिखता है। इस चक्रव्यूह के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जो केवल एक नेता नहीं, बल्कि राष्ट्र का प्रतीक बन गए हैं। वह हिंदू मूल्यों, हिंदुत्व, और धर्म एवं राष्ट्र को जाति और विभाजन से ऊपर रखने का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन उनकी सोच और उनकी पहचान के खिलाफ, एक बहुस्तरीय चक्रव्यूह तैयार किया गया है ताकि भारत को अस्थिर किया जा सके।

चक्रव्यूह के सात स्तर


पहली परत: आर्थिक पतन


चक्रव्यूह की पहली परत भारत की आर्थिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास करती है। यह प्रचार फैलाया जा रहा है कि भारत के वित्तीय संस्थान और बाजार धोखाधड़ी कर रहे हैं। यह अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि LIC, SBI और अन्य संस्थान डूब रहे हैं। इससे निवेशकों का विश्वास तोड़ा जा रहा है ताकि वे अपने पैसे वापस निकाल लें और नए निवेश रोक दें। इसका उद्देश्य भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करना है।

दूसरी परत: सेना को कमजोर करना


दूसरी परत का लक्ष्य सशस्त्र बलों में असंतोष फैलाना है। अग्निवीर जैसे मुद्दों का उपयोग कर सैनिकों को भड़काने की कोशिश हो रही है। सेना, जो देश की रक्षा करती है, अगर सरकार के खिलाफ हो जाए, तो देश की सुरक्षा कमजोर हो जाएगी।

तीसरी परत: किसानों को भड़काना


इस परत में किसानों को उकसाकर भारत की कृषि व्यवस्था को तहस-नहस करने की कोशिश हो रही है। अगर देश के अन्नदाता ही अस्थिर हो जाएं, तो देश में भूखमरी और अराजकता फैल सकती है।

चौथी परत: जातिगत विभाजन


चौथी परत हिंदुओं के भीतर जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य जातिवाद को इतना गहरा करना है कि हिंदू एकता पूरी तरह खत्म हो जाए। युद्ध या संकट के समय यह विभाजन ही सबसे बड़ा नुकसान करेगा।

पाँचवीं परत: संविधान खतरे में है


पाँचवीं परत में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में हैं। यह बताया जा रहा है कि तानाशाही बढ़ रही है और अगर जनता ने सरकार के खिलाफ विद्रोह नहीं किया, तो उनकी आजादी छीन ली जाएगी।

छठी परत: अल्पसंख्यकों को भड़काना


इस परत में अल्पसंख्यक समुदायों को यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि उनका अस्तित्व खतरे में है। उन्हें भड़काया जा रहा है कि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और अपनी अलग सरकार बनाने की कोशिश करें। यह समाज में और अधिक विभाजन पैदा कर सकता है।

सातवीं परत: विदेशी हस्तक्षेप


सबसे बाहरी परत में विदेशी ताकतों को शामिल किया गया है। ये ताकतें धन, संसाधन और योजनाओं के माध्यम से भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। चाहे खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित करना हो, पूर्वोत्तर में ईसाई शासन की मांग हो, या केरल और बंगाल में इस्लामिक शासन की स्थापना हो, इनका उद्देश्य भारत को कमजोर करना है। अंततः, जब स्थिति बेकाबू हो जाएगी, तो विदेशी ताकतें “लोकतंत्र बचाने” के नाम पर हस्तक्षेप करेंगी।

असल निशाना: जनता का मोदी पर भरोसा


इस चक्रव्यूह का सबसे बड़ा हमला जनता के मोदी पर भरोसे को तोड़ने का है। अगर यह भरोसा टूट गया, तो भारत की प्रगति की नींव हिल जाएगी।

अगर मोदी हारे तो क्या होगा?


अगर मोदी को हराया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

राष्ट्रवाद अपराध बन जाएगा: देशभक्ति को दमन का प्रतीक बना दिया जाएगा।
हिंदुओं पर हमला: हिंदुओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जाएगा, उनके घरों को लूटा जाएगा, और उनके खिलाफ हिंसा की जाएगी।
न्यायपालिका पर दबाव: सुप्रीम कोर्ट के जज भी दबाव में आ जाएंगे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा।
हिंदुत्व का दमन: बीजेपी और मोदी के समर्थकों को उत्पीड़कों के रूप में चित्रित किया जाएगा।
धार्मिक उत्पीड़न: हिंदुओं पर जजिया टैक्स लगाया जा सकता है और उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ेगा।
होते हुए संकेत
यह सब काल्पनिक नहीं है। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह सब हो रहा है। इतिहास गवाह है कि जब भी एक राष्ट्र आंतरिक फूट और बाहरी हस्तक्षेप का शिकार हुआ है, उसका पतन निश्चित हो गया है।

क्या करना चाहिए?


यह केवल मोदी की लड़ाई नहीं है; यह भारत की संप्रभुता, एकता और भविष्य के लिए संघर्ष है।

जागरूक रहें और सतर्क रहें।
नेतृत्व में विश्वास बनाए रखें।
सामुदायिक एकता को मजबूत करें।
चक्रव्यूह को विफल करने के लिए, हमें इस संकट को समझना और दूसरों को इसके प्रति जागरूक करना होगा।

यह संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ। इतिहास की गलतियों को दोहराने से बचें।

Share Post

Leave a comment

from the blog

Latest Posts and Articles

We have undertaken a focused initiative to raise awareness among Hindus regarding the challenges currently confronting us as a community, our Hindu religion, and our Hindu nation, and to deeply understand the potential consequences of these issues. Through this awareness, Hindus will come to realize the underlying causes of these problems, identify the factors and entities contributing to them, and explore the solutions available. Equally essential, they will learn the critical role they can play in actively addressing these challenges

SaveIndia © 2025. All Rights Reserved.