भारत का वैश्विक उदय: मोदी नेतृत्व ने विश्व समीकरण कैसे बदल दिए
🇮🇳 1. एक वैश्विक राजनेता का उदय
- जब 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद संभाला, तब दुनिया भारत को एक भ्रष्ट, अस्थिर और निर्णयहीन लोकतंत्र के रूप में देखती थी।
- लेकिन ग्यारह वर्षों की निर्णायक, राष्ट्रवादी और विकासोन्मुख नेतृत्व के बाद भारत आज एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरा है — सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक सभी मोर्चों पर।
- जहाँ कभी वैश्विक मीडिया भारत का मज़ाक उड़ाती थी, वहीं आज वही उसे “21वीं सदी का सबसे प्रभावशाली नेता” कहती है।
- भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और शीर्ष तीन की ओर अग्रसर है।
- दुनिया अब भारत पर आईटी, फार्मा, रक्षा और हरित ऊर्जा के लिए निर्भर है।
- संयुक्त राष्ट्र से लेकर G20 तक, भारत को अब वैश्विक दक्षिण की आवाज़ माना जाता है।
आज विरोधी देश भी स्वीकार कर चुके हैं — “मोदी ने विश्व समीकरण बदल दिया है।”
⚔️ 2. पश्चिमी देशों की मान्यता — संदेह से सम्मान तक
जो कभी मोदी का विरोध करते थे, अब वही उनके नेतृत्व के आगे झुकने को विवश हैं।
अमेरिका के पूर्व राजनयिक रेमंड विकरी ने राहुल गांधी की विदेशों में भारत-विरोधी टिप्पणियों पर कहा —
- “यह व्यक्ति अपने ही देश से विश्वासघात कर रहा है। कोई सच्चा नेता अपने वतन का अपमान विदेशी भूमि पर नहीं करता।”
यह वही अंतर है — जहाँ राहुल भारत की छवि को कलंकित करते हैं, वहीं मोदी अमेरिकी संसद को खड़े होकर ताली बजाने पर मजबूर कर देते हैं।
राहुल संदेह बोते हैं, जबकि मोदी सम्मान अर्जित करते हैं।
🌍 3. ऑस्ट्रेलिया और यूरोप – “21वीं सदी भारत की होगी”
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा —
- “21वीं सदी भारत की है। आने वाले 40–50 वर्षों में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा।”
उन्होंने भारत पर अमेरिकी शुल्क नीति की आलोचना करते हुए कहा कि भारत की स्थिर लोकतंत्र, नैतिक शक्ति और आर्थिक प्रगति ही उसे चीन का वास्तविक विकल्प बनाती है। उन्होंने भविष्यवाणी की —
- “वह दिन दूर नहीं जब ‘सुपरपावर’ का ताज अमेरिका से हटकर भारत के सिर सजेगा।”
यूरोप में भी भारत के प्रति दृष्टिकोण बदल गया है
- अब भारत को व्यापार, रक्षा और रणनीतिक सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है, जो वैश्विक शक्ति-संतुलन का केंद्र बन चुका है।
🤝 4. ग्लोबल साउथ का भरोसा – अफगानिस्तान से अफ्रीका तक
मोदी की विदेश नीति ने भारत की नैतिक छवि को पुनर्स्थापित किया।
- अफगानिस्तान से अफ्रीका तक, भारत को अब एक मित्र और निर्माता राष्ट्र के रूप में देखा जाता है।
अफगान क्रिकेटर राशिद खान ने कहा था —
- “अफगानिस्तान हमेशा भारत के साथ रहेगा। अस्पताल, सड़कें, मैदान — सब भारत का उपहार हैं।”
अफ्रीका ने भी वैक्सीन मैत्री मिशन के लिए भारत की प्रशंसा की, जहाँ भारत ने 100 से अधिक देशों को निःशुल्क वैक्सीन दी।
- संयुक्त राष्ट्र ने इसे “वैश्विक नैतिक नेतृत्व का उदाहरण” बताया।
💬 5. भारत में जागा आत्मविश्वास
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा —
- “संविधान ख़तरे में नहीं है, जो 75 साल से देश को लूटते रहे वे ख़तरे में हैं।”
मोदी ने वंशवाद की राजनीति समाप्त कर योग्यता और प्रदर्शन आधारित संस्कृति स्थापित की।
- विपक्ष, जो मोदी की लोकप्रियता और उपलब्धियों का मुकाबला नहीं कर सकता, अब “लोकतंत्र खतरे में है” जैसे झूठे नारे लगा रहा है — जिन्हें दुनिया अब गंभीरता से नहीं लेती।
यहाँ तक कि इमाम परिषद के अध्यक्ष ने भी स्वीकार किया —
- “कांग्रेस ने मुसलमानों को डराया, भाजपा ने उन्हें काम दिया।”
यह मोदी के समावेशी शासन मॉडल का प्रमाण है।
⚙️ 6. सैन्य शक्ति – पुतिन की स्वीकृति
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2024 में कहा —
- “आज भारत पृथ्वी का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र है। हर भारतीय सैनिक हमारी दस सेना के बराबर है।”
यह वक्तव्य भारत की रक्षा स्वावलंबन और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रमाण था।
मोदी ने भारत को रक्षात्मक राष्ट्र से निर्णायक शक्ति में बदला
- चीन की सीमाओं पर सख़्त रुख़, पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक और विश्व रक्षा गठबंधनों में बढ़ती भूमिका इसका प्रमाण हैं।
☪️ 7. इस्लामी देशों में भारत का सम्मान
मोदी के नेतृत्व में भारत को पहली बार इस्लामी विश्व में भी सम्मान मिला।
यूएई, सऊदी अरब, मिस्र और यहाँ तक कि तालिबान प्रतिनिधियों ने भी भारत की संतुलित नीति की प्रशंसा की।
तालिबान प्रवक्ता ने कहा —
- “पाकिस्तान छल का देश है, जबकि भारत ने अफगानिस्तान में अस्पताल और स्कूल बनाए — हम उसका सम्मान करते हैं।”
पहली बार इस्लामी मंचों पर भारत की बात गंभीरता से सुनी जाने लगी है — यह मोदी कूटनीति की ऐतिहासिक सफलता है।
📰 8. वैश्विक मीडिया – आलोचना से प्रशंसा तक
जहाँ पहले न्यूयॉर्क टाइम्स और इकोनॉमिस्ट जैसे मीडिया भारत-विरोधी थे, वहीं अब उनका स्वर बदल गया है।
NYT के संस्थापक जोसेफ होप ने लिखा —
- “मोदी केवल भारत के शत्रुओं से ही नहीं लड़ रहे, वे विश्व व्यवस्था को नया आकार दे रहे हैं।”
- उन्होंने कहा कि मोदी ने पाकिस्तान को अलग-थलग किया, चीन को कमजोर किया, और भारत को एक नैतिक एवं रणनीतिक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया।
विश्व बैंक और IMF ने भी भारत को “सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था” कहा है।
🕉️ 9. आंतरिक रूपांतरण – निर्भरता से आत्मविश्वास तक
मोदी ने शासन ही नहीं, बल्कि भारत की मानसिकता भी बदली —
- सब्सिडी मानसिकता से आत्मनिर्भर उद्यमिता तक
- नीतिगत पक्षाघात से साहसिक निर्णयों तक (अनुच्छेद 370, GST, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया)
- आतंकवाद पर असहायता से सर्जिकल और बालाकोट स्ट्राइक तक
आज आलोचक भी स्वीकारते हैं कि
- स्वतंत्र भारत में मोदी जैसा निर्णायक नेता पहले कभी नहीं हुआ।
🌅 10. भारत के शताब्दी युग का उदय
- ग्यारह वर्षों के बाद दुनिया अब यह नहीं पूछती — “क्या भारत उठेगा?”
अब पूछती है — “भारत कितनी ऊँचाई तक जाएगा?”
मोदी ने भारत को एक संस्कृति आधारित, आधुनिक दृष्टि वाला राष्ट्र बनाया है —
वॉशिंगटन से मॉस्को, टोक्यो से रियाद तक एक ही स्वर गूंजता है
- “India has arrived.”
जब कुछ देशद्रोही अब भी औपनिवेशिक सोच दोहराते हैं, तब दुनिया स्वीकार कर चुकी है —
- “भारत 21वीं सदी की धड़कन है।”
यह केवल मोदी की सफलता नहीं, बल्कि सनातन भारत के पुनर्जागरण की कहानी है
- एक ऐसी सभ्यता की, जो अब फिर से विश्व नेतृत्व के केंद्र में खड़ी है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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