नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का क्रांतिकारी परिवर्तन
भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज में नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखा गया है। कांग्रेस के लंबे शासनकाल ने भारत को भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और राजनीतिक अस्थिरता में धकेल दिया था। उस दौर में न तो कोई स्पष्ट विज़न था और न ही मज़बूत नेतृत्व।
2014 में जब नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद संभाला, तब भारत ने पहली बार देखा कि यदि नेतृत्व ईमानदार, दूरदर्शी और राष्ट्रवादी हो, तो देश कितनी तेज़ी से आगे बढ़ सकता है।
1. निर्णायक नेतृत्व और राष्ट्रवाद का उदय
कांग्रेस शासन में नेतृत्व अक्सर कमजोर और “रिमोट कंट्रोल” पर आधारित रहा। प्रधानमंत्री के निर्णय बाहरी प्रभावों पर निर्भर थे, जिसके कारण देश आतंकवाद, भ्रष्टाचार और बाहरी दबावों के सामने असहाय दिखाई देता था।
मोदी जी के नेतृत्व में जनता ने पहली बार महसूस किया कि भारत का प्रधानमंत्री खुद निर्णय लेता है, खुद जिम्मेदारी उठाता है और जनता के लिए खड़ा होता है।
उदाहरण:
- सर्जिकल स्ट्राइक
- एयर स्ट्राइक
अब आतंकवाद का जवाब “कड़ी निंदा” से नहीं बल्कि ठोस सैन्य कार्रवाई से दिया जाता है।
2. हिंदू गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण
कांग्रेस ने दशकों तक “सेक्युलरिज़्म” के नाम पर बहुसंख्यक हिंदू समाज की उपेक्षा की। अयोध्या का मामला वर्षों तक लटका रहा, जबकि काशी और मथुरा जैसे तीर्थ स्थलों की उपेक्षा होती रही।
मोदी सरकार ने हिंदू संस्कृति को उसका असली सम्मान दिया।
मुख्य उपलब्धियाँ:
- अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और केदारनाथ धाम का भव्य पुनर्निर्माण
- योग को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली
इससे भारत के करोड़ों हिंदुओं में आत्मगौरव जागा और भारत की सांस्कृतिक आत्मा मजबूत हुई।
3. विदेश नीति और वैश्विक पहचान
कांग्रेस काल में भारत की विदेश नीति “निरपेक्षता” के नाम पर कमजोर मानी जाती थी। पाकिस्तान लगातार आतंकी हमले करता रहा और भारत केवल बयान जारी करता रहा।
मोदी जी ने इस नीति को पूरी तरह बदल दिया।
मुख्य बिंदु:
- अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और अरब देशों से मज़बूत संबंध स्थापित हुए
- भारत ने G20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की
- पड़ोसी देशों से संतुलित संबंध बनाए
- भारत की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी
आज भारत को “विश्वगुरु” कहे जाने का सपना साकार होता दिख रहा है।
4. आर्थिक सुधार और विकास की रफ्तार
कांग्रेस शासनकाल घोटालों से भरा रहा — 2G, CWG, कोयला घोटाला आदि। निवेशक भारत से भागते थे और नौकरशाही भ्रष्टाचार में डूबी थी।
मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
मुख्य सुधार:
- GST से कर व्यवस्था को सरल बनाया गया
- डिजिटल इंडिया और UPI ने भुगतान प्रणाली में क्रांति ला दी
- स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया से युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा मिला
- रिकॉर्ड स्तर पर FDI (विदेशी निवेश) भारत आया
- महामारी के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहा
5. कल्याणकारी योजनाएँ – गरीबों के लिए सीधी राहत
कांग्रेस की योजनाएँ अक्सर चुनावी वादों तक सीमित रहीं और भ्रष्टाचार के कारण लाभ जनता तक नहीं पहुँच पाया।
मोदी सरकार ने सीधे जनता तक सहायता पहुँचाई।
मुख्य योजनाएँ:
- जन धन योजना: हर गरीब का बैंक खाता खुला
- उज्ज्वला योजना: करोड़ों महिलाओं को गैस सिलेंडर मिला
- आयुष्मान भारत: मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की सुविधा
- प्रधानमंत्री आवास योजना: गरीबों को घर मिला
- मुफ्त राशन योजना: महामारी के दौरान करोड़ों परिवारों को राहत मिली
6. सुरक्षा और आतंकवाद पर नियंत्रण
पहले भारत आतंकवाद के सामने असहाय था — मुंबई 26/11 इसका उदाहरण है।
मोदी सरकार ने साफ संदेश दिया कि भारत अब कमजोर नहीं है।
मुख्य कदम:
- सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के माध्यम से पाकिस्तान को जवाब दिया गया
- आतंकवाद पर “जीरो टॉलरेंस” नीति लागू की गई
- सेना को आधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस किया गया
7. असली खतरा – भीतर के दुश्मन
मोदी सरकार बाहरी दुश्मनों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है, लेकिन असली खतरा भीतर के दुश्मनों से है:
- कांग्रेस और उसका ठगबंधन
- तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पार्टियाँ
- वामपंथी, लिबरल और छद्म-सेक्युलर समूह
- लेफ्ट-लुटेन मीडिया
- विदेशी NGOs और डीप स्टेट
ये सभी तत्व भारत को अस्थिर करने, मोदी सरकार को कमजोर करने और विदेशी एजेंडा लागू करने की कोशिश में लगे हैं।
8. भविष्य का रास्ता
अगर भारत को 2047 तक “विश्वगुरु” बनाना है, तो मोदी जी को सिर्फ केंद्र में ही नहीं बल्कि हर राज्य में भी मज़बूत समर्थन मिलना चाहिए।
तभी तेज़ी से निर्णय लेकर भारत को सुपरपावर बनाया जा सकता है।
अगर हम इसमें विफल रहे, तो भारत भी पाकिस्तान और बांग्लादेश की तरह अस्थिर, गरीब और विभाजित हो सकता है — जहाँ हिंदुओं की जैसी दुर्दशा हुई, वैसा ही खतरा भारत में भी उत्पन्न हो सकता है।
कांग्रेस का भारत = भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और असुरक्षा
मोदी का भारत = विकास, राष्ट्रवाद और आत्मगौरव
अब चुनाव जनता के हाथ में है —
क्या हम फिर से कांग्रेस के रास्ते पर जाकर पाकिस्तान जैसे हालात चाहते हैं,
या मोदी जी के नेतृत्व में भारत को “विश्वगुरु” बनाना चाहते हैं?
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