भारत सुरक्षित है, क्योंकि मोदी दिल से चौकसी करते हैं — डर से नहीं।
1️⃣ प्रस्तावना — जब राष्ट्र जागा और दुश्मन सो गया
- भारत की सुरक्षा केवल सीमा पर तैनात सैनिकों की बंदूक़ों पर नहीं, बल्कि जागरूक नागरिकों, सतर्क नेतृत्व और सशक्त शासन पर निर्भर है।
- जिस रात देशवासी चैन की नींद सो रहे थे, उसी रात भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ सीमाओं से लेकर महानगरों तक पूरी मुस्तैदी से सक्रिय थीं।
- उसी रात पाँच बड़े आतंकी नेटवर्क, जो विदेशों से संचालित हो रहे थे, एक साथ निष्क्रिय कर दिए गए।
- यह केवल “ऑपरेशन” नहीं, बल्कि “नए भारत” की सुरक्षा-संस्कृति का परिचय था — जहाँ हर नागरिक प्रहरी है और हर प्रहरी राष्ट्र की आत्मा से जुड़ा है।
2️⃣ खतरे की पाँच दिशाएँ — जब साजिशें सीमाओं से परे जाती हैं
- आज का युद्ध पारंपरिक हथियारों के अलावा तकनीक, विचारधारा, फंडिंग और नैरेटिव वॉरफेयर से लड़ा जा रहा है।
- दुश्मन कई मोर्चों पर सक्रिय थे — जैविक/रासायनिक लैब्स, डिजिटल रिक्रूटमेंट, ड्रोन-आधारित तस्करी, विदेशी फंडिंग और भ्रम फैला कर सांस्कृतिक ध्रुवीकरण।
- पर यह तत्व भूल गए कि अब भारत वह पुराना भारत नहीं है — यह सजग, सक्षम और निर्णायक है।
3️⃣ ऑपरेशन के पाँच मोर्चे — निर्णायक विजय
🔹 गुजरात – “डॉक्टर ऑफ डेथ” गिरफ्तार
रेज़िन नामक जैविक/रासायनिक पदार्थ बनाना और साजिश रचना उजागर हुआ — ISKP से कनेक्शन मिल पाए।
🔹 उत्तर प्रदेश – डिजिटल कट्टरवाद नेटवर्क ध्वस्त
हजारों ऑनलाइन हैंडल से संचालित रैडिकल नेटवर्क को ट्रेस कर नष्ट किया गया।
🔹 दिल्ली – IED नेटवर्क का पर्दाफाश
चार राज्यों में समन्वित रेड; भारी विस्फोटक और डिवाइस जब्त किए गए।
🔹 जम्मू-कश्मीर – नारको-टेरर मॉड्यूल पर प्रहार
ड्रग-रूट से फंड हो रहे आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़।
🔹 पंजाब – RDX और रिमोट डिवाइस नेटवर्क पकड़ा गया
UK–Pakistan लिंक वाले नेटवर्क से RDX व विस्फोटक बरामद।
4️⃣ हाल की विशेष छापेमारी — भारी सामग्री बरामदगी और जांच
- सुरक्षा एजेंसियों ने एक संदिग्ध रैकेट के खिलाफ और छापे मारे; अनेक स्थानों से भारी मात्रा में विस्फोटक, असॉल्ट राइफलें, गोलियां और वारहेड बरामद हुए।
- प्रारम्भिक जानकारी बताती है कि NCR क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हमले की योजना थी — पर समय रहते कार्रवाई कर उसे विफल कर दिया गया।
- सभी कड़ियों की वित्तीय, फोन- और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सहित गहन जाँच जारी है।
- जहाँ भी संस्थागत संदिग्धता मिली, वहां त्वरित, निष्पक्ष और वैधानिक जांच सुनिश्चित की जा रही है।
5️⃣ सक्रिय जिहादी आतंकी मॉड्यूल — वास्तविकता और चुनौतियाँ
- देश में एक सक्रिय जिहादी आतंकी मॉड्यूल वर्षों से समय-समय पर हिंसा और हमलों की साजिश रचता रहा है।
- हर बार हमारी खुफिया-नेटवर्क और सुरक्षा एजेंसियाँ समय रहते उसमें सेंध लगा कर बड़े हादसों को रोकी हैं।
- पर यह सत्य भी है कि कुछ नेटवर्क स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन के माध्यम से सक्रिय बने हुए हैं — और इनके सहायक, समर्थक और प्रायोजक दशकों से कुछ दृष्टि-केंद्रों से जुड़े रहे हैं।
इसीलिए अब एक व्यापक, समन्वित, और क़ानून-सम्मत राष्ट्रीय अभियान की ज़रूरत है — एक ऐसा कार्यक्रम जो इंटेलिजेंस-आधारित, न्यायिक और पारदर्शी हो; उदाहरण—Operation Sindoorजैसी तर्ज पर — ताकि:
- जिहादी तंत्र की सभी तहें उजागर की जा सकें;
- अंतर्निहित फंडिंग चैनल, लॉजिस्टिक्स, और निहित राजनीतिक या संस्थागत समर्थन का पता चले;
- दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई, गिरफ्तारी और मुक़द्दमे हो सकें;
- संवैधानिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रताओं का सम्मान करते हुए समस्त जाल को डिसमेंटल किया जा सके।
- यह ऑपरेशन केवल ज़बरदस्त पुलिस-कार्रवाई नहीं होगा — बल्कि एक कठोर इंटेलिजेंस, फाइनेंशियल फॉरेंसिक, साइबर-टैक्सोनॉमी और न्यायिक सहभागिता का मिश्रण होगा।
- इसका उद्देश्य है — धार्मिक समुदायों या आम लोगों को निशाना बनाना नहीं, बल्कि आतंक और उसके सहायक तंत्र को खत्म करना।
6️⃣ मोदी सरकार का विज़न — Reactive नहीं, Proactive Bharat
इन सफलताओं का आधार मोदी सरकार की स्पष्ट सुरक्षा नीति है:
- रीयल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग,
- AI और साइबर सर्विलांस,
- फंडिंग ट्रैकिंग व अंतर-एजेंसी समन्वय,
- Zero Tolerance नीतियाँ और सख्त कानूनी कार्रवाई।
यह दृष्टि ही भारत को “प्रो-एक्टिव” राष्ट्र बनाती है।
7️⃣ अगर साजिशें सफल होतीं तो? — भयावह परिदृश्य
- कल्पना कीजिए — ज़हरीला रसायन खाद्य-श्रृंखला में मिल जाए, एक साथ कई धमाके हों, युवा नशे और कट्टर विचारों से प्रभावित हो कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हों — यह विनाशकारी होता।
- परंतु सक्रिय इंटेलिजेंस और कानून-प्रणाली और सरकार ने इससे देश को बचाया।
8️⃣ लोकतंत्र की शक्ति — सही वोट की अहमियत
- आज भारत सुरक्षित है क्योंकि जनता ने निडर नेतृत्व चुना।
- आपका वोट राष्ट्र की दिशा तय करता है
- यह सुरक्षा की ढाल है।
- तुष्टिकरण-काल अब अतीत बना दिया गया है;
- आज कानून के लिए सभी समाने हैं।
9️⃣ नागरिकों का दायित्व — कानूनी सहयोग और सतर्कता
- हर नागरिक से अपेक्षा है कि वह संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दे; अफवाहें न फैलाए; और कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करे।
- जब नागरिक और सुरक्षा तंत्र मिलकर काम करते हैं, तो राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी और भी दृढ़ होती है।
- याद रखें — देश सुरक्षित है तभी सनातन-समुदाय और समस्त नागरिक सुरक्षित हैं।
🔟 दंड, अनुशासन और न्याय — कानून ही सबसे मजबूत ढाल
- सभी राष्ट्रविरोधी और आतंकी तत्वों के विरुद्ध तत्पर एवं पारदर्शी कानूनी कार्रवाई होना आवश्यक है।
- न्याय की निर्भीकता और शीघ्रता ही समाज में विश्वास लौटाएगी।
�� भविष्य का संकल्प — Secure India 2027
प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य — 2027 तक भारत को सर्वाधिक सुरक्षित लोकतंत्र बनाना:
- रक्षा उत्पादन की आत्मनिर्भरता,
- आतंकी नेटवर्क का पूर्ण उन्मूलन,
- नागरिक सुरक्षा को शिक्षा और संस्कृति में समाहित करना।
यह केवल नीति नहीं — एक राष्ट्र-जागरण है।
समापन — अनुशासन, एकता और कानून ही सुरक्षा की गारंटी
- भारत आज सुरक्षित है क्योंकि शासन दृढ़ है और जनता सजग।
- सुरक्षा अब चुनावी नारा नहीं, जन-सभ्यता का अंग बन चुकी है।
- निष्ठा, देशभक्ति और कानूनी अनुशासन — यही भारत के सुरक्षा स्तंभ हैं।
“न्याय का भय, कानून की शक्ति और नागरिक की सजगता — यही भारत का वास्तविक सुरक्षा कवच है।”
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t
टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdl पर क्लिक करेँ। पुराने ब्लॉग्स टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।
