मोदी युग
पिछले 11 वर्षों में भारत ने एक शांत लेकिन ऐतिहासिक क्रांति देखी है — राजनीतिक, संस्थागत और प्रक्रियागत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार का पूरी तरह सफाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक ऐसे दौर से उबरकर आज आत्मगौरव की स्थिति प्राप्त की है, जहाँ कभी घोटाले ही शासन की पहचान थे, वहीं आज ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही हमारी शासन प्रणाली के स्तंभ बन चुके हैं।
चाहे रक्षा सौदे हों, सरकारी टेंडर हों, डिजिटल सेवाएँ हों या कल्याणकारी योजनाएँ — वो पूरा भ्रष्ट तंत्र जिसे वर्षों से अछूता माना गया था, मोदी सरकार ने उसे जड़ से समाप्त किया है।
🔥 आखिर किसे तकलीफ़ है इस बदलाव से?
जिन लोगों की रोज़ी-रोटी भ्रष्टाचार पर टिकी थी, आज वे सभी एकजुट होकर सरकार को बदनाम करने में लगे हैं:
- वो भ्रष्ट राजनेता और उनका खानदानी सत्ता तंत्र
- वो अधिकारी जो सरकार को निजी दुकान समझते थे
- वो बिचौलिए जो हर फाइल को पैसे से आगे बढ़वाते थे
- वो विदेशी पोषित NGO और मीडिया जो देशद्रोही एजेंडा चलाते थे
- कुछ न्यायिक और पुलिस अधिकारी जो भ्रष्ट तंत्र के रक्षक थे
> इनकी कमाई बंद हो गई है, धंधा बंद हो गया है, और अब ये सब मिलकर एक ही सुर में बोल रहे हैं — ‘मोदी चोर है।’
> पर आप खुद सोचिए — कहाँ है वो चोर? कहाँ है वो घोटाला? कोई सबूत? कोई FIR?
> कुछ नहीं है। क्योंकि ये सरकार नहीं चुराती।
⚖️ लेकिन जंग अभी बाकी है
जहाँ केंद्र स्तर पर भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पा लिया गया है, वहीं नीचे का तंत्र — यानी स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सरकारी बाबू — आज भी भ्रष्ट है।
- नगर निगम और ज़मीन दफ्तरों में रिश्वतखोरी
- पुलिस में एफआईआर करवाने के लिए पैसे
- कोर्ट-कचहरी में देरी या ‘सेटिंग’
- ठेकेदारों और स्थानीय नेताओं का कमीशन तंत्र
- स्कूलों, विश्वविद्यालयों और भर्ती बोर्डों में धांधली
यही असली युद्ध का मैदान है अब।
🧠 असली लड़ाई मानसिकता की है
भ्रष्टाचार केवल पैसे की नहीं, सोच की बीमारी है। जब तक लोग यह सोचते रहेंगे कि:
- “सब देते हैं तो मैं भी दे दूँ क्या फर्क पड़ता है?”
- “काम जल्दी हो जाए तो घूस देना बुरा क्या है?”
- “सरकारी पैसा कोई अपने बाप का थोड़ी है!”
- “बगैर दिए काम नहीं होगा!?”
तब तक कोई सरकार, कोई कानून, कोई प्रधानमंत्री हमें सुधार नहीं सकता। देश के नागरिक ही मिलकर इसे सुधार सकते हैं।
🚨 जो सरकार नहीं कर सकती, वो हमें करना है
🗣️ सरकार कानून बनाएगी
🔍 एजेंसियाँ पकड़ेंगी
💰 बजट पास होगा
लेकिन समाज को ईमानदार बनाना हमारी ज़िम्मेदारी है।
हमें:
- खुद भ्रष्टाचार से इनकार करना होगा
- ईमानदार अफसरों का साथ देना होगा
- बच्चों को नैतिक शिक्षा देनी होगी
- भ्रष्टाचार उजागर करने वालों की मदद करनी होगी
- सिर्फ़ उन्हीं नेताओं का समर्थन करना होगा जो सच में कुछ कर रहे हैं
💡 मोदी से नफरत क्यों है? सच्चाई जानिए
जो लोग आज मोदी से नफरत करते हैं, वे इसलिए नहीं नाराज़ हैं कि मोदी ने कुछ गलत किया — वे नाराज़ हैं कि मोदी ने उन्हें चोरी करने से रोक दिया।
- उनकी विदेश यात्राएँ बंद हो गईं
- उनकी कमीशन की आमदनी बंद हो गई
- उनका झूठा सम्मान चला गया
अब ये सब ‘तानाशाह‘, ‘फासीवादी‘, ‘संविधान खतरे में‘ जैसे नारे लगाते हैं — ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके।
🇮🇳 भारत का भविष्य अब हमसे तय होगा
- यह लड़ाई केवल मोदी की नहीं है — यह हर भारतवासी की है।
- एक भ्रष्टाचारमुक्त भारत अब केवल सपना नहीं — वास्तविकता बन सकती है, अगर हम सब इसमें भागीदार बनें।
आइए, संकल्प लें:
- “न मैं भ्रष्ट बनूँगा, न भ्रष्टाचार सहन करूँगा।“
🔊 यह युद्ध नरेंद्र मोदी का नहीं — यह युद्ध भारत माता का है। इसमें शामिल हों, नेतृत्व करें, और जीतें।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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