प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में भारत का परिवर्तन
मोदीजी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है, महाशक्ति और विश्वगुरु बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
1. वह भारत जो पुनः जाग रहा है
- 21वीं सदी का भारत अब वह “सोने की चिड़िया” है जो केवल इतिहास के पन्नों में नहीं, बल्कि आधुनिक विश्व मंच पर भी चमक रही है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में भारत ने केवल विकास की गति नहीं बढ़ाई, बल्कि एक आत्मगौरव, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का युग प्रारंभ किया है।
- आज भारत केवल जनसंख्या या भूगोल से बड़ा देश नहीं, बल्कि वैचारिक, आध्यात्मिक और तकनीकी शक्ति के रूप में विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है।
मोदीजी के नेतृत्व ने भारत को दासता, निराशा और निर्भरता के युग से निकालकर आत्मनिर्भर, आत्मबलशाली और विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर किया है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – दासता से नेतृत्व तक
- हजारों वर्षों से भारत ज्ञान, विज्ञान, योग, और आध्यात्मिकता का केंद्र रहा है। लेकिन मुगल और अंग्रेजी शासन ने हमारी आत्मा को कुचल दिया। स्वतंत्रता के बाद भी भारत को वह दिशा नहीं मिली जिसकी उसे आवश्यकता थी।
- कांग्रेस और वामपंथी नीतियों ने भारत को पश्चिम पर निर्भर बना दिया। हमारी शिक्षा, अर्थव्यवस्था और संस्कृति सब कुछ “विदेशी मॉडल” पर आधारित हो गईं। परिणामस्वरूप, हम अपनी ही जड़ों से कटते चले गए।
- मोदी युग ने इस दिशा को पलट दिया। उन्होंने कहा — “हम पश्चिम की नकल नहीं करेंगे, बल्कि भारत की परंपरा से प्रेरित होकर आधुनिकता का निर्माण करेंगे।”
- यही सोच भारत को आज पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में ले जा रही है।
3. आत्मनिर्भर भारत – आर्थिक स्वतंत्रता का घोष
- मोदीजी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति केवल आर्थिक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना है।
- रक्षा, अंतरिक्ष, कृषि, डिजिटल तकनीक, स्वास्थ्य और ऊर्जा — हर क्षेत्र में भारत ने आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
- Make in India और Startup India जैसी योजनाओं ने युवा पीढ़ी को नौकरी माँगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बना दिया।
- Ujjwala Yojana, Jan Dhan, PM Awas, Ayushman Bharat — इन योजनाओं ने करोड़ों गरीबों को मुख्यधारा में जोड़ा।
- Digital India ने गांव-गांव में तकनीक की रोशनी फैला दी, और आज भारत UPI के माध्यम से विश्व को डिजिटल भुगतान की दिशा दिखा रहा है।
यह सब केवल आर्थिक सुधार नहीं, बल्कि राष्ट्र पुनर्जागरण का आर्थिक आयाम है।
4. वैश्विक मंच पर भारत – अब कोई झुका हुआ नहीं
- जहाँ कभी भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिचकिचाता था, वहीं आज भारत G20 की अध्यक्षता, BRICS में नेतृत्व और UN में दृढ़ता के साथ बोलता है।
- G20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व ने देखा कि भारत न केवल विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व कर सकता है बल्कि विकसित देशों के लिए भी नीति निर्माता बन सकता है।
- वसुधैव कुटुंबकम् की भारतीय भावना को मोदीजी ने वैश्विक राजनीति में एक नैतिक दर्शन के रूप में प्रस्तुत किया।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के समय भारत ने न किसी के आगे झुककर, न किसी का अनुकरण करके, “भारत पहले” की नीति पर कार्य किया।
अब अमेरिका, यूरोप और एशिया सभी भारत को एक संतुलनकारी शक्ति (balancing power) के रूप में देखते हैं।
5. रक्षा और सुरक्षा – आत्मरक्षा से आत्मबल तक
- मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब कायर राष्ट्र नहीं, बल्कि कर्मयोगी और शक्तिशाली राष्ट्र है।
- सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक ने दिखा दिया कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।
- अग्निपथ योजना, मेक इन इंडिया डिफेंस प्रोजेक्ट्स, और अंतरिक्ष रक्षा कार्यक्रम ने भारत की सामरिक शक्ति को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।
- इसरो (ISRO) ने चंद्रयान और आदित्य मिशन से भारत को अंतरिक्ष की अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा किया है।
- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना ने सेना और नागरिक समाज दोनों में राष्ट्रभक्ति की नई लहर पैदा की है।
6. संस्कृति और सनातन की पुनर्स्थापना
- मोदीजी ने भारत के विकास को केवल अर्थव्यवस्था या सैन्य शक्ति तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने संस्कृति को राष्ट्र निर्माण का आधार बनाया।
- काशी, अयोध्या, और केदारनाथ पुनर्निर्माण केवल मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का पुनर्जागरण है।
- “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” – इस नीति ने धर्म और समाज के बीच विश्वास का पुल बनाया।
- Yoga Day, Ayurveda Mission, Indian Knowledge System (IKS) जैसे प्रयासों ने विश्व को भारतीय दर्शन की प्रासंगिकता दिखाई।
आज भारत केवल तकनीकी शक्ति नहीं, बल्कि संस्कृति और अध्यात्म का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र है — यही है विश्वगुरु भारत का मूल स्वरूप।
7. राष्ट्रवाद और जनजागरण – जनता से जनशक्ति तक
- मोदीजी की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि उन्होंने राजनीति को आंदोलन में, और आंदोलन को राष्ट्र पुनर्निर्माण में परिवर्तित कर दिया।
- हर नागरिक आज स्वयं को राष्ट्र के निर्माण में सहभागी महसूस करता है।
- युवा वर्ग अब केवल रोजगार की बात नहीं करता, वह “भारत कैसे महान बने” इस पर सोचता है।
- “नया भारत” अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि हर भारतीय का संकल्प बन गया है।
यह जनजागरण मोदी सरकार की सबसे बड़ी शक्ति है।
8. भविष्य का मार्ग – भारत 2047 का संकल्प
- मोदीजी का लक्ष्य केवल आज की उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि 2047 तक भारत को विश्व की सर्वोच्च शक्ति बनाना है।
- रक्षा, तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति – हर क्षेत्र में भारत को नेतृत्व की भूमिका निभानी है।
- भारतीय लोकतंत्र को अब “जनता द्वारा, जनता के लिए” की परिभाषा से आगे बढ़कर “भारत द्वारा, विश्व के लिए” बनाना है।
- “अमृत काल” का यह समय हर भारतीय के लिए कर्मयोग का समय है।
यदि हम आज सजग नहीं हुए, यदि हम राष्ट्रवादी नेतृत्व का साथ नहीं दिया, तो हमारा यह स्वर्ण अवसर खो सकता है।
- इसलिए, आज मोदी सरकार का समर्थन कोई विकल्प नहीं, बल्कि अस्तित्व की आवश्यकता है — भारत माता, सनातन धर्म और हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए।
9. जाग्रत भारत, विजयी भारत
- भारत का यह पुनर्जागरण केवल राजनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्थान का प्रतीक है।
- मोदीजी के नेतृत्व में भारत अब किसी के आदेश का पालन नहीं करता, बल्कि अपना मार्ग स्वयं तय करता है।
- यह भारत अब विश्व को न केवल विज्ञान और तकनीक देगा, बल्कि धर्म, नीति और मानवता का दर्शन भी देगा।
यही वह भारत है जिसकी भविष्यवाणी महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद ने की थी —
- “भारत फिर से विश्वगुरु बनेगा।”
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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