l कांग्रेस के अंधकार से भाजपा के उजाले तक — अब राष्ट्र की रक्षा का संकल्प
🔹 कांग्रेस का युग — लूट, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण का अंधकार
स्वतंत्र भारत के प्रारंभिक दशकों में देश को आगे बढ़ाने के बजाय कांग्रेस ने उसे अपने स्वार्थ और परिवारवाद की जंजीरों में जकड़ दिया।
- देश का विकास वोट बैंक राजनीति और परिवार की सत्ता की भेंट चढ़ गया।
- “गांधी-नेहरू परिवार” ने राष्ट्र को अपनी निजी संपत्ति समझ लिया।
- प्रशासन में भ्रष्टाचार, घोटाले, नीतिगत पंगुता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर उदासीनता घर कर गई।
- 2G, CWG, कोयला, अगस्ता वेस्टलैंड जैसे घोटालों ने भारत की साख को गिरा दिया।
- आतंकवाद पर नरमी, घुसपैठियों पर चुप्पी, और हिंदुओं पर भेदभाव — यही कांग्रेस की पहचान बन गई।
कांग्रेस का शासन “लोकतंत्र” नहीं बल्कि “परिवार तंत्र” था — जहां देश नहीं, केवल परिवार सर्वोपरि था।
🔹 2014 के बाद भारत का पुनर्जन्म — मोदी युग की शुरुआत
जब नरेंद्र मोदी जी सत्ता में आए, तब भारत ने पहली बार ईमानदार नेतृत्व, राष्ट्रवादी नीतियों, और विकास के दृष्टिकोण का स्वाद चखा।
मोदी युग में देश के हर क्षेत्र में परिवर्तन हुआ:
1. सुशासन और पारदर्शिता
- नीति-निर्माण में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी गई।
- जनधन योजना से करोड़ों गरीब बैंकिंग सिस्टम से जुड़े।
- भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर प्रशासन को जन-केंद्रित बनाया गया।
2. सामाजिक सशक्तिकरण
- उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, PM आवास योजना, हर घर जल जैसी योजनाओं ने गरीबों का जीवन बदला।
- महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ भारत अभियान ने सामाजिक चेतना को जगाया।
3. राष्ट्रीय सुरक्षा
- उरी और बालाकोट स्ट्राइक से भारत ने दुनिया को दिखाया कि अब नया भारत जवाब देता है।
- “बुलेट का जवाब बुलेट से” — यह नया भारत का संदेश था।
4. वैश्विक नेतृत्व
- भारत अब “फॉलोअर” नहीं, बल्कि “डिसीजन मेकर” राष्ट्र है।
- G20, BRICS और SCO जैसे मंचों पर भारत की आवाज़ बुलंद है।
🔹 ठगबंधन — भारत को फिर अंधकार में धकेलने की साजिश
अब जबकि देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है, कांग्रेस और उसके सहयोगी अपनी हार से बौखला गए हैं।
उन्होंने एक नया गठबंधन बनाया है —
👉 “थगबंधन” — यानी सत्ता के भूखे दलों का भ्रष्ट गठजोड़।
⚠️ इनकी साजिशें:
- सत्ता वापस पाने के लिए किसी भी स्तर तक गिरने के लिए राजी।
- प्री-2014 की लूट और घोटालों की राजनीति को वापस लाना।
- भारत को पाकिस्तान या बांग्लादेश जैसी अस्थिर स्थिति में धकेलना।
⚠️ इनके हथकंडे:
- विदेशी NGO, डिप-स्टेट एजेंसियों और भारत-विरोधी शक्तियों के साथ गुप्त सहयोग।
- सोशल मीडिया पर फेक नैरेटिव, झूठे वीडियो और प्रचार तंत्र के ज़रिए मोदी सरकार को बदनाम करना।
- हिंदू समाज को जाति, भाषा, क्षेत्र के नाम पर बाँटकर भ्रम फैलाना।
🔹 कांग्रेस की पुरानी चालें — विभाजन, झूठ और तुष्टिकरण
- कांग्रेस ने हमेशा “विभाजित करो और राज करो” की नीति अपनाई।
- पहले धर्म के नाम पर देश को बाँटा।
- फिर जाति, भाषा और प्रांत के नाम पर हिंदुओं को विभाजित किया।
- आतंकवादियों, घुसपैठियों और धर्मांतरित नेटवर्क को संरक्षण दिया।
- राष्ट्रवादियों, साधुओं, और सैनिकों को बदनाम किया।
अब यही एजेंडा ठगबंधन ने अपना लिया है — केवल एक लक्ष्य के साथ:
“मोदी को हटाओ, भारत को रोक दो।”
🔹 विदेशी ताकतों का गठजोड़ — भारत को अस्थिर करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश
- ठगबंधन केवल देश के भीतर की समस्या नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों से पोषित नेटवर्क है।
- सोरस फाउंडेशन और पश्चिमी NGO नेटवर्क भारत में “रेजिम चेंज” के लिए करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं।
- सोशल मीडिया पर टूलकिट गैंग्स विदेशी एजेंडों को फैलाने में जुटे हैं।
इनका लक्ष्य है —
- भारत की आर्थिक प्रगति को रोकना,
- हिंदू एकता को तोड़ना,
- और भारत के लोकतंत्र को कमजोर दिखाना।
यह वही रणनीति है जो उन्होंने यूरोप, अमेरिका, और अफ्रीका में अपनाई —
सिस्टम को भीतर से तोड़ो, समाज को बांटो, और सत्ता बदलो।
🔹 जनता का जागरण — 11 वर्षों में सच्चाई उजागर
आज भारत की जनता पहले से अधिक जागरूक है।
- लोग जानते हैं कि मोदी सरकार ने न केवल वादे किए बल्कि धरातल पर कार्य भी किया।
- भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- रक्षा उत्पादन, तकनीकी नवाचार, और इंफ्रास्ट्रक्चर में नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं।
- गांव से लेकर शहर तक विकास की रफ्तार दिखाई दे रही है।
जनता समझ चुकी है कि भाजपा शासन में भ्रष्टाचार नहीं, विकास होता है; भाषण नहीं, काम होता है।
🔹 अब यह संघर्ष केवल चुनाव का नहीं — भारत के भविष्य का है
यह चुनाव या राजनीति की लड़ाई नहीं — यह “भारत बनाम विरोधी ताकतों” की लड़ाई है।
- एक ओर मोदी जी का “विकसित भारत” का सपना है।
- दूसरी ओर ठगबंधन का “विभाजित भारत” का षड्यंत्र है।
जनता को तय करना है:
- क्या वे विकास, सुरक्षा और सम्मान चाहते हैं,
- या फिर से लूट, झूठ और विफलता का युग वापस लाना चाहते हैं?
🔹 राष्ट्रहित सर्वोपरि — यही भाजपा का मंत्र
- “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास।”
- यह केवल नारा नहीं — यह भाजपा सरकार की कार्यनीति और दर्शन है।
अब समय है कि हर नागरिक यह समझे कि भारत की प्रगति, स्थिरता और सम्मान केवल राष्ट्रवादी नेतृत्व के अधीन ही संभव है। - भारत ने 2014 से पहले अंधकार देखा,
- 2014 से बाद प्रकाश देखा
अब फिर एक बार भारत को निर्णय लेना है —
- क्या हम उस अंधकार में लौटेंगे या उजाले की इस यात्रा को जारी रखेंगे?
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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