भारत का इतिहास हमें बार–बार एक ही कटु सत्य याद दिलाता है – भारत बाहरी आक्रमणकारियों से नहीं, बल्कि भीतर के गद्दारों से हारा। मोहम्मद गौरी ने 16 बार भारत पर हमला किया और हर बार हार गया, लेकिन 17वीं बार उसे विजय इसलिए मिली क्योंकि कुछ हिंदू गद्दारों ने उसे महत्वपूर्ण जानकारी दी और रास्ता दिखाया, और यही गद्दारी भारत को सदियों की गुलामी में धकेल गई। आज वही इतिहास खुद को नए रूप में दोहरा रहा है, फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार तलवार और भाले की जगह वोट बैंक, विदेशी फंडिंग, मीडिया प्रोपेगेंडा और नकली सेकुलरिज़्म हथियार बने हैं, और यही कारण है कि लोग इसे मोहम्मद गौरी पार्ट–2 राहुल गांधी कह रहे हैं – क्योंकि आज का मोहम्मद गौरी है राहुल गांधी।
✦ राहुल गांधी – एक असफल नेता नहीं, एक खतरनाक मोहरा
बहुत से लोग राहुल गांधी को केवल एक असफल, हास्यास्पद नेता मानते हैं, जो बार–बार चुनाव हारता है और जनता द्वारा नकारा जाता है। लेकिन यही सबसे खतरनाक भ्रम है।
- राहुल गांधी कोई साधारण चेहरा नहीं, बल्कि भारत विरोधी इकोसिस्टम का सबसे बड़ा मोहरा है।
- जिस तरह मोहम्मद गौरी लगातार हारकर भी हिम्मत नहीं हारा और 17वीं बार जीतकर भारत को गुलाम बना गया, उसी तरह राहुल गांधी भी चुनावी हार के बावजूद चर्च, वामपंथी गिरोह, मुस्लिम वोट बैंक और विदेशी ताक़तों के सहारे हर वक्त सक्रिय रहता है।
- अगर यह एक बार भी सफल हो गया, तो भारत को उसी अंधकार और गुलामी में धकेल देगा जिससे हमारे पूर्वज सदियों तक झेलते रहे।
✦ गद्दारों का सहारा – इतिहास और वर्तमान
गौरी को भारत में गद्दारों ने रास्ता दिया था।
- आज राहुल गांधी को सेकुलर दलाल, विदेशी NGOs, धर्मांतरण माफ़िया, टुकड़े–टुकड़े गैंग और लुटियन मीडिया सहारा दे रहे हैं।
- जब भी कोई सरकार घुसपैठियों, आतंकियों या धर्मांतरण गिरोहों पर कार्रवाई करती है, राहुल गांधी सबसे पहले उनके बचाव में खड़ा होता है।
यह संयोग नहीं है – यह उसका राजनीतिक एजेंडा है।
✦ कांग्रेस और हिंदू विरोध
कांग्रेस का पूरा इतिहास हिंदू विरोध और भारत विरोध से भरा पड़ा है।
- राम मंदिर निर्माण का विरोध।
- 370 हटाने का विरोध।
- “हिंदू आतंकवाद” का झूठा नैरेटिव गढ़कर पूरी दुनिया में हिंदुओं को बदनाम करना।
- पाकिस्तान और चीन की भाषा बोलना।
- मणिपुर जैसी घटनाओं में आग में घी डालना।
ये सब केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि सुनियोजित साज़िश है ताकि भारत को अंदर से कमजोर किया जा सके।
✦ आज का सबसे बड़ा खतरा – भीतर के गद्दार
आज भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के सामने सबसे बड़ा खतरा किसी विदेशी आक्रमणकारी से नहीं है, बल्कि भीतर के गद्दारों से है।
- विपक्षी पार्टियाँ, वामपंथी विचारक, नकली सेकुलर और लुटियन मीडिया मिलकर भारत विरोधी इकोसिस्टमबना चुके हैं।
- इन्हें विदेशी NGOs, चर्च नेटवर्क, इस्लामी ताक़तें और आतंकवादी संगठन समर्थन दे रहे हैं।
- Deep State और विदेशी शक्तियाँ भारत की तेज़ आर्थिक और सैन्य प्रगति से घबराकर इसे अस्थिर करने में लगी हैं।
इन गद्दारों का मकसद है – भारत को कमजोर करना, समाज को बाँटना और हिंदुओं को दबाकर धीरे–धीरे इस देश को इस्लामीकरण की ओर धकेलना।
✦ हिंदू समाज की निष्क्रियता – हमारी सबसे बड़ी कमजोरी
दुर्भाग्य से सबसे बड़ी समस्या हिंदू समाज की अपनी निष्क्रियता है।
- अधिकांश हिंदू केवल अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन तक सीमित हैं।
- जाति, प्रांत, भाषा और छोटी–छोटी बातों में बँटकर एकजुट नहीं हो पा रहे हैं।
- न तो मानसिक तैयारी है, न शारीरिक और न ही वैचारिक, कि किसी संभावित हमले या संकट का सामना कर सकें।
जबकि दुश्मन पूरी तरह संगठित है, विदेशी समर्थन प्राप्त कर रहा है और एक साझा एजेंडे पर काम कर रहा है – वहीं हिंदू समाज अपने अहंकार, स्वार्थ और अज्ञान में सो रहा है।
✦ अब क्या करना होगा?
इस खतरे का मुकाबला केवल सरकार नहीं कर सकती। यह लड़ाई पूरे समाज को लड़नी होगी।
- एकजुट होना पड़ेगा – जाति, प्रांत और भाषा से ऊपर उठकर केवल “हिंदू” और “भारतीय” बनना होगा।
- राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी होगी – राष्ट्रवादी और प्रगतिशील सरकार (जैसे भाजपा) को हर हाल में सत्ता में बनाए रखना होगा।
- संगठित रणनीति बनानी होगी – RSS, VHP, बजरंग दल, अखाड़ा परिषद, धार्मिक नेता और सभी संगठन एक ही मंच पर आकर साझा एजेंडा बनाना होगा।
- मानसिक और शारीरिक और समाज के बचाव की तैयारी करनी होगी – अगर मुसलमान आक्रामक हिंसा थोपते हैं तो हमें भी तैयार रहना होगा और मुँहतोड़ जवाब देना होगा।
- गद्दारों को बेनकाब करना होगा – कांग्रेस, विपक्ष और नकली सेकुलरों की गद्दारी को हर मंच पर उजागर करना होगा।
- जागरूकता अभियान चलाना होगा – हर घर, हर मोहल्ले, हर गाँव और हर शहर में सनातन और राष्ट्रधर्म का संदेश फैलाना होगा।
✦ धर्म बनाम अधर्म – अंतिम लड़ाई
- यह लड़ाई मोदी बनाम राहुल की नहीं है। यह धर्म बनाम अधर्मकी लड़ाई है।
अगर हम जागे नहीं, तो कुछ ही दशकों में भारत का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। - इतिहास गवाह है कि जब–जब हिंदू एकजुट हुआ, विजय मिली। जब–जब विभाजित हुआ, पराजय मिली। एकता ही शक्ति हैं। हमें सभी भेदभावों को भूलकर एकजुट होना ही होगा।
✦ निष्कर्ष – राष्ट्रधर्म का आह्वान
- राहुल गांधी और उसके इकोसिस्टम को हराना ही काफी नहीं है।
- उसकी पूरी राजनीति और उसकी गद्दारी को जड़ से खत्म करनाहोगा।
- तभी भारत माता सुरक्षित होगी और सनातन धर्म जीवित रहेगा।
👉 याद रखो – मोहम्मद गौरी तलवार से आया था, राहुल वोट बैंक से आ रहा है।
👉 अगर एक बार भी गलती हुई, तो भारत फिर गुलामी में चला जाएगा।
👉 अब समय है उठने का, लड़ने का और धर्म रक्षा के लिए सबकुछ दांव पर लगाने का।
🚩 “उठो, जागो और धर्म की रक्षा करो – यही राष्ट्रधर्म है।” 🚩
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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