श्रीकृष्ण नीति का आधुनिक स्वरूप
नरेंद्र मोदी कृष्ण नीति आज के भारत में धर्म, राष्ट्रहित और रणनीतिक नेतृत्व का जीवंत उदाहरण है। यह नीति श्रीकृष्ण की नीति से प्रेरित आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
- जब भारत किसी सभ्यतागत संकट का सामना करता है, तो इतिहास गवाह है कि धर्म अपना रक्षक स्वयं ढूंढ लेता है।
- द्वापर युग में यह रक्षक भगवान श्रीकृष्ण थे, जिन्होंने मार्गदर्शन, रणनीति और युद्ध के माध्यम से धर्म की विजय सुनिश्चित की।
- कलियुग में, जब भारत इस्लामिक आतंकवाद, वामपंथी-उदारवादी प्रोपेगैंडा, पश्चिमी डीप स्टेट की साज़िश और कांग्रेस सहित भीतरघाती तंत्र के हमलों से घिरा है, तब वही मार्गदर्शक शक्ति हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
- उनका नेतृत्व केवल राजनीति नहीं है — यह आधुनिक युग में कृष्ण नीति का साक्षात् रूप है।
🔹 1. मोदी जी का व्यक्तित्व — तपस्या, सेवा और धर्म सर्वोपरि
मोदी जी का जीवन त्याग और तपस्या का उदाहरण है।
- एक चायवाले के बेटे से लेकर दुनिया के सबसे प्रभावशाली जन-नेता बनने तक की यात्रा यह सिद्ध करती है कि संस्कार और समर्पण वंशवाद और धन से कहीं श्रेष्ठ हैं।
- श्रीकृष्ण की तरह, जो लोगों के बीच रहे, उनके साथ हंसे-खेले, परंतु भीतर दिव्य ज्ञान धारण किए रहे — मोदी जी भी सादगी और दूरदर्शिता का संगम हैं।
- उनका कोई परिवार नहीं, कोई उत्तराधिकारी नहीं, कोई निजी संपत्ति नहीं। उनका एकमात्र परिवार है भारत माता।
- उनका व्यक्तित्व कृष्ण के सिद्धांत को दर्शाता है: निजी इच्छाओं से विरक्ति, धर्म से पूर्ण आसक्ति।
- उनका कार्यशैली 18+ घंटे की मेहनत, लगातार यात्राएं और कभी छुट्टी न लेना है।
- यह वही है जो श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सिखाया था:
- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।” (कर्तव्य करो, फल की चिंता मत करो)।
🔹 2. मोदी जी की कार्यशैली — आधुनिक कृष्ण नीति का जीवंत रूप
⚔️ (a) रणनीतिक मौन, निर्णायक प्रहार
श्रीकृष्ण ने शिशुपाल के 100 अपमानों को सहा, पर 101वां होते ही उसका वध कर दिया।
मोदी जी भी धैर्य से प्रतीक्षा करते हैं और फिर निर्णायक प्रहार करते हैं:
सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक — पाकिस्तान को करारा जवाब।
- अनुच्छेद 370 का हटना — दशकों की समस्या का एक झटके में समाधान।
- CAA और NRC — जनसंख्या जिहाद के खिलाफ सुरक्षा कवच।
🛡️ (b) व्यावहारिक धर्मयुद्ध
जैसे कृष्ण ने भीम को दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करने की सलाह दी, वैसे ही मोदी जी परिस्थिति के अनुसार रणनीति बदलते हैं:
- तीन तलाक का अंत और समान नागरिक संहिता (UCC) की पहल — स्त्री-समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम।
- PFI पर बैन और जिहादी फंडिंग पर प्रहार — दुश्मन की सांसें बंद करना।
📜 (c) कथा-युद्ध (Narrative Warfare)
कृष्ण कभी ग्वाले के रूप में, कभी विश्व रणनीतिकार के रूप में सामने आए।
मोदी जी भी कथा को नियंत्रित करते हैं:
- राम मंदिर उद्घाटन — हिंदुओं को वैश्विक स्तर पर एकजुट करना।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस — भारत की सॉफ्ट पावर का पुनर्जागरण।
- डिजिटल इंडिया, वंदे भारत, चंद्रयान-3 — भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना।
🌍 (d) राजनयिक कृष्ण नीति
जैसे कृष्ण ने पांडवों के लिए मित्र बनाए और कौरवों को अलग-थलग किया, मोदी जी ने भी भारत की विदेश नीति को नया आयाम दिया:
G20 अध्यक्षता — भारत को वैश्विक मंच पर केंद्र में लाना।
- इज़राइल, अमेरिका, जापान, यूरोप, UAE से गहरे रिश्ते — और रूस को स्थायी मित्र बनाए रखना।
- पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना — यहां तक कि इस्लामिक देश भी भारत को मान्यता देने लगे।
🔹 3. नीतियाँ — कृष्ण की शिक्षाओं का प्रत्यक्ष रूप
धर्मराज्य: न्याय के साथ कल्याण
- जन धन, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत — गरीबों को सम्मान के साथ उठाना।
- साथ ही, भ्रष्टाचार और काले धन पर कठोर प्रहार।
- अर्जुन का गांडीव: राष्ट्रीय सुरक्षा
- राफेल, तेजस, अग्नि मिसाइल, INS विक्रांत — सेना का आधुनिकीकरण।
- आत्मनिर्भर भारत — हथियारों में आत्मनिर्भरता।
- अर्जुन का जागरण: हिंदू समाज का उत्थान
- राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक — आध्यात्मिक पुनर्जागरण।
- नई शिक्षा नीति — विकृत इतिहास नहीं, वास्तविक भारतीय गौरव का अध्ययन।
- शकुनियों का निष्क्रियकरण: भीतरी गद्दारों का पर्दाफाश
- कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का खुलासा।
- मीडिया, NGO, विश्वविद्यालयों में वामपंथी पकड़ तोड़ना।
- मन की बात और सांस्कृतिक कूटनीति से वैकल्पिक कथा निर्माण।
🔹 4. वैश्विक नेतृत्व — कृष्ण के राजनयिक स्वरूप में मोदी
- जैसे कृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध से पहले हस्तिनापुर जाकर शांति का प्रयास किया, वैसे ही मोदी जी ने भी पाकिस्तान और चीन से शांति का हाथ बढ़ाया।
- लेकिन विश्वासघात सामने आने पर कठोर शक्ति का प्रयोग किया।
- आज भारत सुपरपावर्स के बीच नेतृत्वकारी शक्ति है।
- वैक्सीन मैत्री से लेकर क्लाइमेट और टेक डायलॉग्स तक,
- भारत अब वैश्विक निर्णयों का केंद्र है।
🔹 5. निष्कर्ष — कलियुग की राजनीति के आधुनिक कृष्ण
- मोदी जी की राजनीति केवल शासन नहीं है — यह राष्ट्र धर्म का प्रत्यक्ष कार्यान्वयन है।
- वह करुणा और कठोरता, मौन और निर्णायकता, कूटनीति और शक्ति — सबको संतुलित करते हैं।
- यह कृष्ण नीति का सार है।
- जैसे कुरुक्षेत्र में कृष्ण की उपस्थिति ने धर्म की जीत सुनिश्चित की, वैसे ही आज मोदी जी का नेतृत्व भारत के पुनर्जागरण की गारंटी है।
- आज हिंदुओं को यह पहचानना होगा कि हम सभ्यताओं के कुरुक्षेत्र में खड़े हैं।
- अर्जुन जैसी हमारी हिचकिचाहट अब समाप्त होनी चाहिए।
- मोदी जी — हमारे युग के कृष्ण के नेतृत्व में — हमें एकजुट होकर लड़ना है और सनातन धर्म की शाश्वत विजय सुनिश्चित करनी है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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