नरेंद्र मोदी बनाम ग्लोबल डीप स्टेट
पिछले एक दशक में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के उत्थान ने केवल देश के भीतर के विरोधियों को ही नहीं, बल्कि पश्चिमी ‘डीप स्टेट‘ को भी झकझोर कर रख दिया है। यह डीप स्टेट—एक ऐसा जाल है जिसमें पश्चिमी राजनेता, वामपंथी विचारक, कॉर्पोरेट लॉबी, एनजीओ, थिंक टैंक, और बिकाऊ मीडिया शामिल हैं।
इन वैश्विक और देशी ताक़तों ने मोदी को अस्थिर करने के लिए हर हथकंडा अपनाया, जैसे:
🛑 विफल हथकंडे:
- मोदी के विरोध में विपक्षी दलों को गुप्त रूप से समर्थन और फंडिंग देना,
- वामपंथियों, लिबरल्स, शहरी नक्सलियों और टुकड़े–टुकड़े गैंग को उपकरण बनाना,
- भारत को असहिष्णु और अलोकतांत्रिक दिखाने के लिए लुटियंस मीडिया को सक्रिय करना,
- सीएए, किसान आंदोलन, टूलकिट साजिशें और अंतरराष्ट्रीय प्रोपेगेंडा को हवा देना,
- पक्षपातपूर्ण डॉक्युमेंट्री, अवार्ड्स, और अंतरराष्ट्रीय लॉबिंग से मोदी को बदनाम करना।
परंतु, इन सभी साजिशों के बावजूद वे असफल रहे।
क्यों?
क्योंकि उन्होंने मोदी की देशभक्ति, रणनीति, और आत्म–त्याग पर आधारित नेतृत्व को समझा ही नहीं।
🧠 शोर नहीं, रणनीति और संकल्प से विजय
मोदी और उनकी टीम ने इन सब हमलों का उत्तर शांति और कार्य पर केंद्रित रहते हुए दिया:
- वे हर आरोप का जवाब नहीं देते,
- वे पश्चिमी स्वीकृति की परवाह नहीं करते,
- वे केवल भारत के विकास और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
जब विपक्ष तानाशाही का रोना रोता है, मोदी चुपचाप देश की नींव को सशक्त बनाते रहते हैं।
🌍 वैश्विक राजनीति: कौन साथ है, कौन नहीं
मोदी को आज विश्व के अधिकांश देशों का सम्मान और समर्थन प्राप्त है। वे मोदी की:
- निर्णायक नेतृत्व क्षमता,
- आत्मनिर्भर रणनीति, और
- न्यायसंगत कूटनीति के प्रशंसक हैं।
✅ विश्वसनीय मित्र राष्ट्र:
- रूस – भारत का दीर्घकालीन रक्षा और ऊर्जा सहयोगी।
- जापान – आधारभूत संरचना और तकनीकी साझेदारी में अग्रणी।
- इज़रायल – खुफिया, रक्षा और कृषि नवाचार में अभिन्न सहयोगी।
ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान इन मित्रों ने बिना शर्त भारत का साथ दिया, जबकि अमेरिका और अन्य या तो मौन रहे या संदेहास्पद रवैया अपनाया।
❌ भारत विरोधी या संदिग्ध देश:
- पाकिस्तान – स्थायी शत्रु।
- चीन – सामरिक और वैचारिक प्रतिद्वंदी।
- तुर्की व ईरान – इस्लामी कट्टरता को समर्थन देने वाले राष्ट्र।
- अमेरिका और यूरोप – ऊपर से लोकतंत्र की बातें करते हैं, लेकिन अंदर से भारत–विरोधी और हिंदू–विरोधी नेटवर्कों को पोषित करते हैं।
⚔️ देश के भीतर का युद्ध: राष्ट्रविरोधी तंत्र का सफाया
- देश के भीतर एक ‘एंटी–इंडिया इकोसिस्टम‘ वर्षों से पनपता रहा:
- विदेशी फंडिंग वाले एनजीओ,
- बौद्धिक माफिया जो विश्वविद्यालयों और मीडिया को नियंत्रित करते हैं,
- कार्यकर्ता न्यायपालिका,
- और कट्टरपंथी तत्व जो सोशल मीडिया और कैंपसों से जहर फैलाते हैं।
नरेंद्र मोदी टीम अब इस पूरे तंत्र की रीढ़ तोड़ने में जुटी है:
- अवैध फंडिंग की जांच,
- झूठे नैरेटिव की पोल खोलना,
- राष्ट्रवादी विमर्श को पुनः स्थापित करना,
- और सनातन संस्कृति और राष्ट्रीय गर्व का पुनर्जागरण।
अब विपक्ष बिखर रहा है—वैचारिक रूप से, सांगठनिक रूप से, और चुनावी रूप से।
उनका एकमात्र एजेंडा ‘मोदी विरोध‘ है — और वह पूरी तरह से विफल हो चुका है।
🔥 नरेंद्र मोदी का मंत्र: प्रचार नहीं, रणनीति से बदलाव
- मोदी की सबसे बड़ी शक्ति यही है कि वे:
- प्रोपेगेंडा की राजनीति में नहीं उलझते,
- मीडिया की चाटुकारिता से दूर रहते हैं,
- पश्चिमी नैरेटिव्स की चिंता नहीं करते।
वे चाणक्य की तरह मौन और दूरदर्शी नीति से काम करते हैं:
- चुपचाप लेकिन योजनाबद्ध ढंग से,
- एक समर्पित टीम के साथ,
- और केवल राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर।
जब आलोचक उन्हें “तानाशाह” कहते हैं, वह गरीबों को बिजली, गांवों को सड़क, सेना को ताकत, और भारत को विश्व मंच पर सम्मान दिलाते हैं।
मोदी का युग – भारत का भविष्य
नरेंद्र मोदी केवल एक नेता की नहीं, बल्कि एक सभ्यतागत युद्ध की कहानी है—जहाँ:
- सत्य ने प्रोपेगेंडा को हराया,
- राष्ट्रवाद ने देशद्रोह को पराजित किया,
- और धर्म ने अधर्म का विनाश किया।
पश्चिम ने साजिश रची।
विपक्ष ने विलाप किया।
राष्ट्रविरोधियों ने जाल बिछाया।
परंतु—मोदी विजयी हुए।
भारत उठ खड़ा हुआ है।
एक नया युग आरंभ हो चुका है—
शक्ति, एकता, गर्व और धर्म के साथ।
मोदी हर तूफान को पार करेंगे—और भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाएंगे।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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