मोदी युग में राष्ट्र का वास्तविक पुनर्जागरण
- स्वतंत्रता के बाद भारत को दिशा देने की जिम्मेदारी कांग्रेस के हाथों में थी।
लेकिन शुरुआती दो–तीन दशकों में लिए गए कूटनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज से जुड़े गलत फैसलों ने भारत को कमजोर, असुरक्षित और विकास से दूर रखा। - आज जब भारत शक्तिशाली बनकर उभर रहा है, तब इन गलतियों को समझना आवश्यक है
- ताकि भारत फिर कभी ऐसे रास्ते पर न जाए जहाँ उसकी संप्रभुता और भविष्य खतरे में पड़ जाए।
🔴 1. नेहरू की कश्मीर नीति — जीता हुआ युद्ध हार में बदला
1947–48 में भारतीय सेना लगभग पूरे कश्मीर को आज़ाद करा चुकी थी। लेकिन नेहरू ने—
- एकतरफा युद्धविराम की घोषणा कर दी
- मुद्दा UN में अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया
- अनुच्छेद 370 के जरिए कश्मीर को अलग दर्जा दे दिया
📌 परिणाम:
- PoK स्थायी रूप से छिन गया
- 70 वर्षों का आतंकवाद
- लाखों कश्मीरी हिंदुओं का पलायन
- भारत–पाक तनाव की जड़ आज भी यही है
कश्मीर समस्या का सबसे बड़ा कारण यही ऐतिहासिक भूल है।
🔴 2. तिब्बत पर मौन — चीन को भारत की सीमा तक पहुँचाने की भारी भूल
1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया। भारत की सरकार चुप रही क्योंकि नेहरू को विश्वास था:
👉 “चीन से हमें खतरा नहीं।”
📌 परिणाम:
- तिब्बत जो बफर-स्टेट था, खत्म
- चीन सीधे भारतीय सीमा पर आ गया
- आक्साइ चीन पर कब्जा
- 1962 का युद्ध और अपमानजनक हार
यह नेहरू की सबसे महंगी रणनीतिक असफलताओं में से एक है।
🔴 3. “हिंदी-चीनी भाई भाई” का रोमांटिक भ्रांतिवाद
जब चीन लगातार सड़कें, सैन्य ठिकाने और आक्रामक रणनीति बना रहा था,
भारत “मित्रता” का उत्सव मना रहा था।
नेहरू–कांग्रेस की गलतियाँ:
- चीन की घुसपैठ को नजरअंदाज
- सामरिक सड़क निर्माण रोका
- खुफिया तंत्र कमजोर छोड़ा
- सीमा सुरक्षा की उपेक्षा
परिणाम:
- 1962 की करारी हार
- भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को गहरी चोट
🔴 4. UNSC स्थायी सीट ठुकराना — भारत का वैश्विक भविष्य रोक दिया गया
- 1955–60 के बीच अमेरिका और सोवियत रूस, दोनों ने भारत को UN Security Council की स्थायी सीट की पेशकश की।
लेकिन नेहरू ने कहा:
👉 “यह सीट भारत नहीं, चीन को मिलनी चाहिए।”
📌 भयानक परिणाम:
- आज चीन UNSC में भारत के हर हित को वीटो करता है
- पाकिस्तान को बचाता है
- भारत की शक्ति वृद्धि रोकता है
यह वैश्विक कूटनीति की सबसे बड़ी ऐतिहासिक भूलों में गिना जाता है।
🔴 5. सेना को कमजोर रखना — “भारत सैन्य राष्ट्र नहीं है” वाली सोच
नेहरू के कथन दर्ज हैं:
👉 “भारत को सैन्य शक्ति बनने की आवश्यकता नहीं।”
इसके दुष्परिणाम:
- रक्षा बजट में कटौती
- हथियारों की कमी
- सीमा सुरक्षा कमजोर
- खुफिया तंत्र लगभग न के बराबर
यही 1962 के राष्ट्रीय अपमान का कारण बना।
🔴 6. पाकिस्तान के प्रति अव्यावहारिक नरमी — आतंकवाद की जड़
कांग्रेस की “शांति नीति” अधिकतर एकतरफा थी—
- 1960: इंडस वॉटर ट्रीटी — 80% पानी पाकिस्तान को
- 1971 युद्ध जीतकर PoK नहीं लिया
- 93,000 पाक सैनिक बिना किसी शर्त छोड़े
- आतंकवाद पर कभी कठोर कार्रवाई नहीं
- पाकिस्तान के द्वारा बंदी बनाए गए सेनानियों को बचाने और वापसी के लिए कोई प्रयास नहीं
परिणाम:
- पाकिस्तान ने आतंकवाद को राज्य नीति बना दिया
- भारत दशकों तक उसका शिकार बना
🔴 7. सेक्युलरिज्म का विकृति-रूप — वोट बैंक की राजनीति
कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म को संतुलन के बजाय एकतरफा तुष्टीकरणबना दिया:
- मुस्लिम पर्सनल लॉ को लागू किया
- शाहबानो केस में कट्टरपंथियों के आगे झुकना
- हिन्दू कोड बिल के जरिए हिंदुओं पर ankush
- पहचान की राजनीति और समाज में विभाजन
इसने सामाजिक एकता को गहराई से नुकसान पहुँचाया।
🔴 8. “लाइसेन्स-पर्मिट राज ” — भारत को गरीब रखने वाली आर्थिक नीति
नेहरू की समाजवादी नीति में—
- सरकार हर उद्योग पर नियंत्रण रखती थी
- उद्यमिता दब गई
- निजी क्षेत्र बाधित
- भ्रष्टाचार और लालफीताशाही पनपी
परिणाम:
- 1991 में भारत लगभग दिवालिया हो गया।
🟢 9. मोदी युग — कांग्रेस की गलतियों को सुधारने की निर्णायक शुरुआत
आज भारत निर्णायक मोड़ पर है:
- धारा 370 हटाना
- कश्मीर को पूर्ण भारत में शामिल करना
- सीमा इंफ्रास्ट्रक्चर तेज़ी से निर्माण
- आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन
- चीन को दृढ़ सैन्य जवाब
- CAA-NRC से नागरिकता नीति स्पष्ट
- पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर सहनशीलता नहीं कठोर कार्यवाही
भारत अब कमजोर, डरपोक या भ्रमित राष्ट्र नहीं — यह विश्व की उभरती महाशक्ति है।
🔵 10. इतिहास की आवश्यकता — ताकि वही गलतियाँ दोहराई न जाएँ
राष्ट्र वही मजबूत होता है जो अपनी गलतियों को समझता है और उनसे सीखता है।
कांग्रेस–नेहरू युग को समझना इसलिए जरूरी है—
- ताकि भारत फिर कभी कश्मीर जैसी गलत रणनीति न अपनाए
- चीन को कम न आंके
- पाकिस्तान के प्रति अवास्तविक उम्मीदें न रखे
- वोट बैंक राजनीति को शासन का आधार न बनाए
- अर्थव्यवस्था को बेड़ियों में न जकड़े
🔥 नया भारत जाग चुका है
कांग्रेस की ऐतिहासिक गलतियाँ आज भी भारत के सामने चुनौतियाँ खड़ी करती हैं।
लेकिन मोदी युग का नया भारत—
- अधिक जागरूक है
- अधिक मजबूत है
- अधिक आत्मविश्वासी है
- और सबसे बढ़कर— समझौता नहीं करता
भारत अब अपनी सुरक्षा, संप्रभुता और भविष्य के साथ किसी भी प्रकार के जोखिम को स्वीकार नहीं करेगा।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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