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जवाहरलाल नेहरू

नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने का विवादित फैसला और दशकों तक इसके परिणाम

1. 1947 का निर्णायक क्षण – सत्ता का सवाल

  • आज़ादी के समय जब कांग्रेस के भीतर प्रधानमंत्री के चुनाव का सवाल उठा, तो स्थिति बिल्कुल साफ थी।
  • लगभग सभी प्रांतीय कांग्रेस समितियों ने सरदार पटेल का नाम आगे रखा।
  • जवाहरलाल नेहरू को एक भी प्रस्ताव नहीं मिला।
  • गांधी जी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि यदि नेहरू को प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया, तो वे अनशन करेंगे।

👉 इस दबाव में पटेल ने कदम पीछे खींच लिए।
👉 परिणाम: नेहरू प्रधानमंत्री बने और यही भारत की सबसे बड़ा ऐतिहासिक भूल साबित हुई।

2. उस एक फैसले का बोझ – हिंदू समाज की पीड़ा

नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने का परिणाम भारत और हिंदू समाज ने दशकों तक भुगता।

  • मुस्लिम तुष्टिकरण राजनीति की नींव रखी गई।
  • हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया गया।
  • मंदिरों पर सरकारी कब्जा और वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियाँ
  • शिक्षा व्यवस्था से हिंदू संस्कृति को बाहर कर दिया गया।
  • वंशवाद और परिवारवाद को कांग्रेस की राजनीति का मूल बनाया गया।

👉 यह सब सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि गांधी की जिद को राष्ट्रहित और बहुमत की आवाज़ से ऊपर रखा गया।

3. पटेल बनाम नेहरू की सोच

  • पटेल की सोच: व्यावहारिक, राष्ट्रहित सर्वोपरि, हिंदुओं की सुरक्षा और भारत की एकता।
  • नेहरू की सोच: आदर्शवादी, मुस्लिम तुष्टिकरण आधारित और सत्ता का घमंड।
  • पटेल ने साफ कहा—“जब बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ है, तो हिंदुस्तान हिंदुओं का है।”
  • लेकिन नेहरू ने सेकुलरिज़्म के नाम पर हिंदुओं को ही दबा दिया।

4. वक्फ बोर्ड और अन्याय की जड़ें

नेहरू का निर्णय था—

  • “मुसलमानों के छोड़े घर हिंदुओं को नहीं दिए जाएंगे, उन्हें वक्फ बोर्ड को सौंपा जाएगा।”

👉 यही से वक्फ बोर्ड नामक संस्था को इतनी ताकत मिली कि आज वह अरबों-खरबों की संपत्ति पर दावा ठोक रही है।

  • पटेल का विज़न था—“जो हिंदू पाकिस्तान से आए हैं, उन्हें इन घरों में बसाओ।”
    लेकिन नेहरू ने इसे ठुकरा दिया और अन्याय की नींव रख दी।

5. मंदिरों और हिंदू संस्थानों पर प्रहार

  • पाकिस्तान बनने के तुरंत बाद ही मंदिरों और डीएवी स्कूलों पर कब्ज़े शुरू हो गए।
  • उनके नाम बदलकर इस्लामी कर दिए गए।
  • हिंदुओं का पलायन बढ़ता गया।
  • पटेल ने इसे गंभीर चेतावनी बताया, लेकिन नेहरू ने कहा—“हमें पाकिस्तान से क्या लेना देना।”

👉 यही लापरवाही आज भी जारी है, जब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदू समाप्त होने की कगार पर हैं।

6. धर्मनिरपेक्षता – एकतरफ़ा बोझ

नेहरू ने नारा दिया—“भारत को धर्मनिरपेक्ष बनाएंगे।”
लेकिन हकीकत यह रही कि—

  • सेकुलरिज़्म का बोझ सिर्फ हिंदुओं पर डाला गया।
  • हिंदू त्योहारों पर रोक लगी।
  • मंदिर सरकारी नियंत्रण में आ गए।
  • हिंदू शिक्षा प्रतिबंधित हुई।
  • जबकि मुसलमान और ईसाई अपने धार्मिक संस्थानों को स्वतंत्र रूप से चलाते रहे।

👉 यही “झूठा सेकुलरिज़्म” आज तक भारत की सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है।

7. कांग्रेस का सत्ता-अहंकार

  • नेहरू ने कहा—“यह देश कांग्रेस का है, कांग्रेस जैसा चाहेगी वैसा होगा।”
  • यह कथन स्पष्ट करता है कि उनके लिए भारत नहीं, बल्कि सत्ता और वंशवाद ही सर्वोपरि था।
  • पटेल ने चेतावनी दी—“अंग्रेज भी गए, मुसलमान भी गए, कांग्रेस भी जाएगी।”
  • आज जब कांग्रेस हाशिये पर खड़ी है, यह पटेल की भविष्यवाणी सच हो रही है।

8. “मुगल सोच” और कांग्रेस की दिशा

  • पटेल ने साफ कहा—“आप मुगल सोच त्याग दें।”
  • लेकिन दुर्भाग्य से नेहरू और उनके वंशजों ने उसी मुगल और वंशवादी सोच को आगे बढ़ाया।

परिणाम:

👉 यही सोच आज कांग्रेस और उसके सहयोगियों को “ठगबंधन” बना चुकी है।

9. आधुनिक संदर्भ – इतिहास से सबक

अब प्रश्न है—क्या हम वही गलती दोहराएँगे?

  • क्या हम फिर ऐसे नेताओं को चुनेंगे जो केवल मुस्लिम वोट-बैंक के लिए हिंदुओं को बांटें?
  • क्या हम मोदी जी जैसे राष्ट्रवादी नेतृत्व को खो देंगे?

👉 अगर हिंदू समाज आज भी बिखरा और जागा नहीं, तो भारत का भविष्य पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा हो जाएगा—

गरीब, अस्थिर, कट्टरपंथी और दुनिया के लिए बोझ।

10. मोदी युग – सुधार और पुनर्जागरण

मोदी जी के नेतृत्व में—

  • तुष्टिकरण की राजनीति का अंत हुआ।
  • हिंदुओं का आत्मविश्वास लौटा।
  • भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना।
  • वैश्विक मंच पर भारत की इज़्ज़त और नेतृत्व स्थापित हुआ।
  • सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में भारत मज़बूत बना।

👉 यही वह दिशा है, जो पटेल चाहते थे और जिसे मोदी जी आज साकार कर रहे हैं।

11. अब वही गलती न हो

  • भारत की सबसे बड़ी सीख यही है—
  • गांधी की जिद से लिया गया एक गलत फैसला हमें दशकों तक भुगतना पड़ा।
  • वही निर्णय हमारी सभी पीड़ाओं की जड़ है।
  • अब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम फिर वैसी गलती न दोहराएँ।

👉 अगर हम मोदी जी जैसे नेतृत्व को खो देंगे, तो भारत फिर उसी अंधकार में चला जाएगा।
👉 यह समय है कि हम सब हिंदू एक होकर देशहित में मतदान करें और भारत को सुपरपावर बनाएं।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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