नेल्सन मंडेला की चेतावनी
जब 1990 में दक्षिण अफ्रीका को गोरे शासन से आज़ादी मिली, तो नवनिर्वाचित सरकार पर भारी दबाव था। वर्षों से शोषित अफ्रीकी समुदाय ने शिक्षा, सरकारी और निजी क्षेत्र में आरक्षण की माँग की। लेकिन नेल्सन मंडेला, जो दूरदर्शी और राष्ट्रभक्त नेता थे, उन्होंने स्पष्ट कहा:
- ❝ मैं किसी भी क्षेत्र में आरक्षण की अनुमति नहीं दूंगा, क्योंकि आरक्षण और आरक्षण से निकले लोग इस देश को तबाह कर देंगे। ❞
यह जिद नहीं, बल्कि एक गहरी समझ और दूरदृष्टि थी।
📜 नेल्सन मंडेला के शब्द आज भी यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ अफ्रीका के द्वार पर अंकित हैं:
- “किसी राष्ट्र को नष्ट करने के लिए न परमाणु बम चाहिए, न मिसाइल। बस शिक्षा की गुणवत्ता गिरा दो और परीक्षा में नकल की छूट दे दो।“
जब शिक्षा ढहती है, तब सब कुछ ढहता है:
बिना ज्ञान के डॉक्टर के हाथों मरीज़ मरते हैं।
- भ्रष्ट इंजीनियर की बनाई इमारतें गिर जाती हैं।
- धोखेबाज बैंकर देश की अर्थव्यवस्था तबाह कर देते हैं।
- पाखंडी धर्मगुरु मानवता को मारते हैं।
- भ्रष्ट न्यायाधीश न्याय की हत्या करते हैं।
- “शिक्षा का पतन, राष्ट्र का पतन है।”
🇮🇳 भारत: मंडेला की चेतावनी का साक्षात उदाहरण
दुर्भाग्य से, भारत आज उसी खतरनाक राह पर चल पड़ा है, जिसकी आशंका मंडेला ने जताई थी।
- आरक्षण अब सामाजिक न्याय नहीं, राजनीतिक हथियार बन चुका है।
- प्रतिभा और योग्यता की जगह जातिगत समीकरणों ने ले ली है।
- शिक्षा और प्रशासन में गिरावट साफ दिखती है।
- अधिकांश युवा जाति, आरक्षण और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के जाल में उलझ चुके हैं।
आज भारत में प्रतियोगिता से नहीं, आरक्षण से अवसर मिलते हैं — यह प्रवृत्ति राष्ट्र को अंदर से खोखला कर रही है।
📉 अगर अब भी नहीं चेते तो आने वाले दशक में स्थिति भयावह होगी
यदि हमने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया:
- हम औसत नेतृत्व से ग्रस्त राष्ट्र बन जाएंगे।
- व्यवस्था भ्रष्ट और अकुशल हो जाएगी।
- हिंदू समाज, जो पहले से जनसंख्या, मज़हबी कट्टरता और लव-जिहाद जैसे संकटों से जूझ रहा है — अपनी पहचान तक खो देगा।
- भारत का लोकतंत्र भी आरक्षण और जातिवाद की राजनीति में डूब जाएगा।
🧠 कांग्रेस की भूमिका और सेकुलरिज्म की साजिश
यह पतन एक दिन में नहीं हुआ।
- ब्रिटिशों ने हमारी गुरुकुल प्रणाली नष्ट कर दी, और स्वार्थी व पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली लादी।
- कांग्रेस सरकार ने इस जहर को और गहराया, और सेकुलरिज्म के नाम पर हिंदू इतिहास और संस्कृति को मिटा दिया।
- मुगलों को महान बनाया गया, जबकि मराठों, राजपूतों और सनातन नायकों को भुला दिया गया।
- भारतीय युवाओं के मन में अपने ही धर्म और सभ्यता के लिए अपराधबोध भर दिया गया।
- सच्चर कमिटी रिपोर्ट के ज़रिए मुस्लिम तुष्टीकरण को नीति बनाने का प्रयास किया गया, और हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया।
- अगर 2014 में कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौट आती, तो शायद भारत आज एक इस्लामिक राष्ट्र बन चुका होता, जहाँ शरीया कानून लागू होते।
हमारा सौभाग्य है कि मोदी सरकार ने समय पर आकर इस पतन को रोका — पर लड़ाई अभी बाकी है।
✅ समाधान क्या है?
- जाति आधारित आरक्षण की तत्काल समाप्ति, और आर्थिक स्थिति पर आधारित सहायता नीति।
- गुरुकुल आधारित नैतिक शिक्षा का पुनरुत्थान।
- योग्यता आधारित संस्थानों की रक्षा, और नियुक्तियों में पारदर्शिता।
- सेकुलरिज्म के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति पर पूर्ण रोक।
- युवाओं और हिंदू समाज को जागरूक करना, कि समाज के भविष्य की रक्षा केवल तुम कर सकते हो।
🕉 अंतिम शब्द:
- “जो देश अपनी प्रतिभा की कद्र नहीं करता, वह अपने भविष्य की बलि चढ़ाता है।”
- आइए — नेल्सन मंडेला के शब्दों को केवल पढ़ें नहीं — अपने जीवन में उतारें।
- भारत को शिक्षा, योग्यता और धर्मनिष्ठा से बचाइए।
जय भारत • जय सनातन धर्म •
पुराने मेसेजेस के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈