भारत में सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के कई गुप्त हथियार हैं, जिनमें से एक है निकाहबाज़ी जिहाद । यह केवल एक वैवाहिक प्रथा नहीं, बल्कि एक ऐसी रणनीति है, जो धीरे-धीरे देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देती है। इस लेख में हम इस अदृश्य खतरे के पीछे की मानसिकता, इसके व्यापक प्रभाव और भारत की एकता व अखंडता पर पड़ने वाले परिणामों का पर्दाफाश करेंगे।
भारत के नागरिकों को अब आंखें खोलनी चाहिए?
क्या आप जानते हैं?
भारत के लगभग हर राज्य में हजारों–लाखों मुस्लिम परिवारों ने अपनी बेटियों का निकाह पाकिस्तान में किया हुआ है।
इन वैवाहिक संबंधों के ज़रिये एक गुप्त, मगर बेहद संगठित नेटवर्क खड़ा हो चुका है जो भारत के लिए भीतर से खतरा बन चुका है।
अब आप खुद सोचिए –
क्या वो अब्बा, भाईजान, चच्चा जो सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं, अपनी ही बेटियों के पतियों और पोते-पोतियों को नुकसान पहुँचाने वाली भारतीय सेना के लिए वफादार हो सकते हैं?
बिलकुल नहीं!
वे अपने जीजा, नाती, दोहते की जान बचाने के लिए बार-बार भारत से गद्दारी करेंगे — चाहे वो किसी सरकारी कार्यालय में हो, या अस्पताल, रेलवे, डाक विभाग, सेना से जुड़े ठेके, या कोई अन्य संवेदनशील क्षेत्र।
1947 से ही चल रहा है ये षड्यंत्र… अब उजागर हो रहा है
पाकिस्तान से वैवाहिक संबंध बनाना एक व्यक्तिगत मामला नहीं है — यह एक आंतरिक सुरक्षा का प्रश्न है।
आज जब मोदी सरकार ने अचानक पाकिस्तान के वीजा रद्द किए, तब खुलासा हुआ कि:
- हज़ारों मुस्लिम महिलाएं जिन्होंने 10–30 साल पहले पाकिस्तान में निकाह किया, आज भी भारत की नागरिकता का लाभ ले रही हैं।
- ये महिलाएं भारत की सरकारी योजनाओं का लाभ, राशन कार्ड, पासपोर्ट, और मेडिकल सुविधाओं का इस्तेमाल कर रही हैं।
- इनके माध्यम से पाकिस्तानी नागरिक भारत आते-जाते रहे — और यहां संवेदनशील इलाकों की रैकी, जासूसी, और नेटवर्किंग करते रहे।
- इनके कारण आतंकवादियों को अंदरूनी लोकेशन, खुफिया जानकारियाँ, और मूवमेंट्स की सूचना आसानी से मिलती रही।
क्या होगा अगर देश पर युद्ध या संकट आ गया?
इन करोड़ों मुस्लिम रिश्तेदारों का झुकाव साफ़ है — ये भारत का नहीं, पाकिस्तान का साथ देंगे।
क्योंकि:
- ये अपनी बेटी को विधवा नहीं बनाना चाहेंगे
- अपने नाती-पोतों को अनाथ नहीं देख सकते
- अपने पाकिस्तानी दामादों को सुरक्षित रखना इनकी प्राथमिकता होगी, ना कि भारत की सेना को मज़बूत करना
यह है निकाहबाज़ी जिहाद — एक सुनियोजित षड्यंत्र भारत को भीतर से खोखला करने का।
अब समय है सख्त कानून और कार्यवाही का:
- ऐसे सभी मुस्लिम परिवारों की सरकारी योजनाओं में पात्रता तत्काल समाप्त हो।
- जिन महिलाओं की शादी पाकिस्तान में हुई है, उनके राशन कार्ड, पासपोर्ट और सरकारी ID निरस्त किए जाएं।
- संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक निगरानी (surveillance) — फोन, इंटरनेट, मैसेजिंग ऐप्स पर।
- यदि कोई राष्ट्र-विरोधी गतिविधि या गुप्त जानकारी साझा करने का संकेत मिले तो तत्काल गिरफ्तारी और देशद्रोह का मुकदमा।
- ऐसी मुस्लिम महिलाओं और उनके परिवारों को स्थायी रूप से पाकिस्तान डिपोर्ट किया जाए।
ये कोई जातीय विद्वेष नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की पुकार है
भारत की सुरक्षा, अखंडता और भविष्य के लिए ये कदम अत्यंत आवश्यक हैं।
हमें ये समझना होगा कि ये वैवाहिक संबंध केवल पारिवारिक नहीं — राजनीतिक, वैचारिक और जिहादी रणनीति का हिस्सा हैं।
सनातनियों से अपील
राष्ट्र की सुरक्षा से बड़ा कोई मानवाधिकार नहीं
ग़लत दया, वोटबैंक की राजनीति और सेक्युलर चुप्पी अब नहीं चलेगीआंतरिक सुरक्षा की सफाई सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए
भारत अब और गद्दारी नहीं सहेगा
ये “निकाहबाज़ी जिहाद” का पर्दाफाश और समूल नाश अनिवार्य है।
जय हिन्द। जय सनातन। वंदे मातरम्।
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈