✊ “अब निर्णायक समय है — सहिष्णुता का नहीं, सजग प्रतिकार का युग है’’
📜 1. इतिहास और भू-राजनीति: यहूदी राष्ट्र के खिलाफ इस्लामी रणनीति
- 1948 में जब यहूदियों को जेरूसलम में इजरायल राष्ट्र मिला, तब से लगभग 57 इस्लामी देशों ने इसके विरुद्ध मोर्चा बना लिया।
- पहला हमला 1948 में ही अरब देशों ने किया, इजरायल ने सबको हराया।
- 1967 में छह दिवसीय युद्ध हुआ — इजरायल ने 6 दिन में 3 देशों को हराकर मिस्र की नील नदी तक कब्ज़ा किया।
- हर युद्ध के बाद इजरायल और सशक्त हुआ, लेकिन इस्लामिक दुनिया “सामने से हार कर अब परोक्ष युद्ध (Proxy War)” की रणनीति अपनाने लगी।
🛢️ पेट्रोलियम जिहाद और रणनीतिक आतंकवाद
- 1970 के दशक में सऊदी, ईरान, इराक जैसे देशों को भारी पेट्रोलियम संपदा मिली।
- इन्होंने इस धन का उपयोग “तेल के जरिए जिहाद” को फैलाने में किया।
आतंकवादी संगठन खड़े किए गए:
- हिजबुल्ला (लेबनान)
- हूती (यमन)
- हमास (फिलीस्तीन)
- ISIS (इराक-सिरिया)
💣 2. ऑपरेशन राइजिंग लॉयन्स – इजरायल का निर्णायक हमला
🔻 पृष्ठभूमि:
- 8 अक्टूबर 2023 को हमास ने गुप्त हमले से इजरायल में नरसंहार किया।
- जवाब में इजरायल ने गाजा और वेस्ट बैंक पर धावा बोला — हजारों की मृत्यु।
- 2025 में युद्धविराम के बावजूद तनाव बना रहा।
🔺 फिर आता है 13 जून 2025:
- इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन्स” के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया।
- इस्फहान और अराक में भारी क्षति हुई — सैकड़ों वैज्ञानिक और सैन्य कर्मियों की मौत।
- ईरान ने जवाबी हमलों में तेल अवीव, हाइफा, राफा आदि शहरों पर ड्रोन और मिसाइल वर्षा की।
🌐 वैश्विक तनाव:
- जिनेवा शांति वार्ता विफल हुई।
- अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप की चेतावनी दी।
- हिजबुल्ला, हूती, हमास — सब सक्रिय हो गए।
यह युद्ध अब इजरायल बनाम ईरान नहीं, बल्कि “सभ्यता बनाम इस्लामी कट्टरता” का रूप ले चुका है। सभी देशों को मिलकर आतंकवाद को समूल रूप से नष्ट करना चाहिए।
🇮🇳 3. भारत की निर्णायक भूमिका — मौन नहीं, अब प्रतिरोध आवश्यक है
अपनी सुरक्षा के लिए भारत को इस्लामिक आतंकवाद के प्रति सख्त रूख अपनाना होगा और प्रतिकार के लिए तैयार रहना होगा।
🛡️ भारत को 5 स्तरों पर सक्रिय होना चाहिए:
🔱आंतरिक सुरक्षा नीति – जिहादी नेटवर्क का सफाया
लव जिहाद, कन्वर्ज़न, मदरसा फंडिंग, PFI जैसे संगठनों पर पूर्ण प्रतिबंध।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और UAPA का सख्त प्रयोग।
सीमा पार से हो रहे घुसपैठको रोकना — बंगाल, असम, बिहार में घुसपैठ पर कठोर कार्यवाही।
🔱इस्लामिक आतंकी समर्थन देने वाले देशों पर सख्त नीति
पाकिस्तान, तुर्की, ईरान जैसे राष्ट्रों पर:
- राजनयिक दवाब
- वीज़ा प्रतिबंध
- व्यापारिक दंड
- इस्लामी देशों से एकतरफा नरमी त्यागें।
🔱रणनीतिक गठबंधन और इंटेलिजेंस नेटवर्किंग
- इजरायल, फ्रांस, अमेरिका, जापान जैसे राष्ट्रों से:
- साइबर इंटेलिजेंस
- एंटी टेरर कोऑर्डिनेशन
- ड्रोन, मिसाइल डिफेन्स तकनीक साझा करना।
🔱सांस्कृतिक चेतना और शिक्षा क्षेत्र में जागरूकता
- स्कूल-कॉलेजों में भारत का असली इतिहास, जिहाद का सच और धर्म रक्षा के सिद्धांत सिखाना।
- “धर्मनिरपेक्षता” के नाम पर झूठ और तुष्टीकरण रोकना।
🔱संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मंचों पर मजबूत आवाज
- भारत को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रस्ताव लाना चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र, G20, ब्रिक्स आदि मंचों पर इस्लामिक आतंकवाद को मानवता के खिलाफ अपराध घोषित करवाना चाहिए।
✍️ भारत को अब धर्म, नीति और अस्तित्व की रक्षा हेतु श्रीकृष्ण की गीता को रणनीतिक आधार बनाना चाहिए:
- “शस्त्र और शास्त्र, दोनों जरूरी हैं। शांति की भाषा न समझने वालों को युद्ध ही समझाना पड़ता है।” अधर्म का नाश करना होगा।
🕉️ भारत यदि अब भी नहीं जगा, तो अगला जिहादी युद्ध हमारे दरवाज़े पर दस्तक देगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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