ऑपरेशन सिंदूर और भारत का उत्थान
1. वे घटनाएँ जिन्होंने अमेरिका को नहीं हिलाया
ऑपरेशन सिंदूर: भारत और अमेरिका के बीच मतभेद कोई नई बात नहीं, लेकिन वाशिंगटन ने अक्सर इन्हें रणनीतिक कारणों से नज़रअंदाज़ किया।
- वर्षों तक सस्ता रूसी तेल ख़रीदना — पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं।
- 11 वर्षों तक अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क बनाए रखना — कभी गंभीर खतरा नहीं माना गया।
- रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम ख़रीदना — केवल प्रतीकात्मक विरोध, कोई वास्तविक प्रतिबंध नहीं।
2. असली मोड़ — ऑपरेशन सिंदूर
- “ऑपरेशन सिंदूर” ने पूरे खेल को बदल दिया और अमेरिका की गहरी चिंताओं को सतह पर ला दिया।
- भारत ने अभूतपूर्व सैन्य अभियान चलाकर पाकिस्तान की बहु-स्तरीय सुरक्षा परत को तोड़ दिया।
- पाकिस्तान की प्रमुख सैन्य संपत्तियाँ, जिनमें नूर एयरबेस भी शामिल है, ध्वस्त कर दी गईं।
- अभियान की सटीकता और गति ने अमेरिका, इज़राइल और रूस को भी हैरत में डाल दिया।
- चीन की धमकी उसके आर्थिक मंदी और जनसंख्या संकट से घट रही है, ऐसे में भारत असली चुनौती बनकर उभरा।
3. प्रदर्शित सैन्य क्षमता
- विश्वस्तरीय वायु रक्षा और सीमित संसाधनों में भी स्वदेशी मिसाइल क्षमता।
- ISRO की रीयल–टाइम उपग्रह निगरानी और विश्लेषण ने 100% मिशन सफलता सुनिश्चित की।
- चीन और तुर्की से मिले पाकिस्तानी सिस्टम — भारत की इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और एंटी–ड्रोन तकनीक के आगे बेअसर।
- नौसेना–वायुसेना का सुपरपावर–स्तरीय समन्वय।
4. मोदी की कूटनीतिक चालें, जो अमेरिका के लिए चुनौती बनीं
भारत का उत्थान सिर्फ सैन्य नहीं बल्कि भू-राजनीतिक भी है — और यही वाशिंगटन की सबसे बड़ी चिंता है।
- सफल G-20 अध्यक्षता, ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मज़बूती देना।
- ब्रिक्स का विस्तार और स्थायी UNSC सदस्यता की दिशा में कदम।
- ब्रिक्स वैकल्पिक मुद्रा का विकास — डॉलर के प्रभुत्व को सीधी चुनौती।
- देशों के बीच स्थानीय मुद्रा व्यापार को बढ़ावा — डॉलर पर निर्भरता कम करना।
इन सभी कदमों ने अमेरिका के वैश्विक आर्थिक प्रभाव को सीधा झटका दिया।
5. मोदी के 11 वर्ष — भारत का कायाकल्प
मोदी के 11 वर्षों के नेतृत्व में भारत कई क्षेत्रों में वैश्विक महाशक्ति बनकर उभरा है:
- आर्थिक — दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और निवेश का केंद्र।
- कूटनीतिक — वैश्विक मंचों पर निर्णायक आवाज़, ग्लोबल साउथ और विकसित देशों के बीच सेतु।
- रक्षा उत्पादन — लगभग आत्मनिर्भर, कई देशों को निर्यात।
- बुनियादी ढाँचा — सड़कों, रेल, बंदरगाहों, डिजिटल नेटवर्क और शहरी विकास में ऐतिहासिक सुधार।
6. वैश्विक रक्षा में भारत की नई भूमिका
- मिसाइल, रक्षा प्लेटफॉर्म और लेज़र हथियारों में हालिया प्रगति से दुनिया चकित।
- कई देश अब अपने रक्षा ज़रूरतों के लिए अमेरिका, चीन या रूस की बजाय भारत की ओर रुख कर रहे हैं।
- यह बदलाव पुराने वैश्विक हथियार आपूर्तिकर्ताओं की पकड़ को कमजोर कर रहा है।
7. ख़तरे का परिदृश्य — अमेरिका, चीन और उनके मोहरे
- वाशिंगटन और बीजिंग, पाकिस्तान और बांग्लादेश को बहाना बनाकर भारत पर युद्ध थोपने की कोशिश कर सकते हैं।
- साथ ही, वे भ्रष्ट और सत्ता–लोभी विपक्षी ताकतों को समर्थन देकर देश को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं:
> कांग्रेस पार्टी और असंवैधानिक, राष्ट्रविरोधी और हिंदू–विरोधी नेटवर्क को मदद।
> भारत की छवि को कमजोर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोपेगेंडा।
> विरोध, हिंसा और राजनीतिक अराजकता के लिए गुप्त वित्तपोषण।
8. अमेरिकी “डीप स्टेट” की संभावित चालें
- पाकिस्तान को उकसाकर सैन्य तनाव पैदा करना।
- भारत में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा देना।
- भाजपा सरकार को हटाने या नेतृत्व बदलने की कोशिश।
- चरम स्थिति में — प्रधानमंत्री या शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाना।
9. मोदी की चेतावनी
- “मुझे इसका भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा।” — नरेंद्र मोदी
- यह कोई राजनीतिक बयान नहीं था, बल्कि गंभीर सुरक्षा चेतावनी थी।
- मोदी जानते हैं कि भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रक्षा आत्मनिर्भरता पश्चिमी ताकतों को असहज करती है।
- नाटो देश अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदीजी उन्हें आर्थिक और व्यापारिक प्रतिरोध के ज़रिए सफलतापूर्वक मात दे रहे हैं।
10. देशभक्तों के लिए आह्वान
आने वाले चार वर्ष रणनीतिक और राजनीतिक रूप से निर्णायक होंगे। भारत की प्रगति की रक्षा के लिए:
- मोदी के नेतृत्व को राजनीतिक और ज़मीनी स्तर पर समर्थन दें।
- वैश्विक महाशक्तियों और विपक्षी ताकतों की साजिशों से सतर्क रहें।
- देश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए हर कीमत पर तैयार रहें।
- एकजुट होकर सरकार को गिराने और भारत की एकता को तोड़ने की किसी भी कोशिश को नाकाम करें।
🇮🇳 भारत अब सिर्फ उभरती शक्ति नहीं — बल्कि वह निर्णायक ताकत है जो वैश्विक व्यवस्था को बदल सकती है। और यही अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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