🔥 ऑपरेशन सिंदूर: भारत की बदलती नीति का निर्णायक उत्तर
- ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत के आत्मसम्मान, सामरिक क्षमता और नीति परिवर्तन का स्पष्ट संदेश था।
- यह ऑपरेशन उन आतंकवादियों के लिए विनाश का प्रतीक था जो वर्षों से भारत की सहनशीलता का फायदा उठा रहे थे।
- पाकिस्तान को और पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश गया:
👉 भारत अब “नीति और नीयत” दोनों से बदल गया है।
🌍 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मोदी सरकार की कूटनीतिक विजय
- अमेरिका, फ्रांस, रूस, इजरायल जैसे देश भारत के साथ खड़े नजर आए।
- यह अंतर्राष्ट्रीय समर्थन दिखाता है कि आज मोदीजी के नेतृत्व में भारत को एक विश्वसनीय और निर्णायक राष्ट्र के रूप में स्वीकार किया गया है।
- यह भी स्पष्ट हो गया कि “मोदी हैं तो मुमकिन है” अब केवल नारा नहीं, एक वैश्विक सच्चाई है।
🐍 लेकिन वहीं दूसरी ओर… गद्दारों का डर और दिखावटी राष्ट्रवाद
जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने कठोर प्रहार किया, वो वामपंथी, लिबरल्स, तथाकथित सेक्युलर, और मुस्लिम कट्टरपंथी समर्थक जो अब तक सरकार को गाली देते थे, अचानक राष्ट्रवादी भाषा बोलने लगे।
इनका सुर बदलना डर का परिणाम है, देशभक्ति नहीं।
ये वही लोग हैं जो सेना के शौर्य पर सवाल उठाते थे।
👉 ये वही पत्रकार हैं जो आतंकियों को “भटके हुए नौजवान” कहते थे।
👉 ये वही पार्टियां हैं जो मुस्लिम वोटबैंक के लिए भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने वालों को संरक्षण देती थीं।
🛑 लेकिन अब सावधान रहो! “ये लोग रंग बदलते हैं गिरगिट से भी तेज़। कल फिर मौका मिलेगा तो यही लोग आपको धोखा देंगे — शायद आप पहचान भी नहीं पाओगे।”
🧹 इन्हें जड़ से उखाड़ फेंको — राजनीतिक सफाई की आवश्यकता
- हमें अब भावनाओं में नहीं, रणनीतिक और संगठित रूप से कार्य करने की जरूरत है।
- ये गद्दार, चाहे विपक्षी दलों में हों, मीडिया में, वामपंथी संगठनों में, या कुछ स्वघोषित “हिंदू” नकाबपोशों में — राजनीतिक और वैचारिक रूप से खत्म किए जाने चाहिए।
✊🏼 हमारा एजेंडा स्पष्ट हो:
- एक वोट भी इन गद्दारों को न दें।
- हर राष्ट्रद्रोही बयान का खुलकर विरोध करें।
- हर मोहल्ले, गांव, कस्बे में “हिंदू एकता मंच” जैसे अभियान चलाएं।
🚩 मोदीजी — हिंदू राष्ट्र निर्माण के सच्चे नेतृत्वकर्ता
- नरेंद्र मोदी केवल प्रधानमंत्री नहीं, वह सनातन धर्म और भारत के गौरव को पुनर्स्थापित करने वाले ऋषि तुल्य पुरुष हैं।
- उनकी टीम में दूरदर्शिता, राष्ट्र के प्रति समर्पण और कठोर निर्णय लेने की शक्ति है।
- मोदी ही वो नेता हैं जो:
- आतंकवाद का समूल नाश कर सकते हैं
- मुस्लिम कट्टरपंथियों के नेटवर्क को तोड़ सकते हैं
- वक्फ बोर्ड जैसे असंवैधानिक संस्थानों की समीक्षा कर सकते हैं
- सनातन शिक्षा और संस्कृति का पुनरुत्थान कर सकते हैं
- और भारत को हिंदू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।
🔱 आत्ममंथन: क्या हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि अपने ही राष्ट्र की जड़ें काट रहे हैं?
- एक तरफ अमेरिका और यूरोप में लोग सनातन मूल्यों को अपनाने लगे हैं, योग, वेद, आयुर्वेद, ध्यान की ओर झुक रहे हैं।
- और दूसरी ओर हम भारतीय अपने सनातन धर्म, संस्कृति और मूल्यों को छोड़ कर पश्चिमी नकल में खो गए हैं।
- कितना बड़ा विरोधाभास है! पश्चिमी दुनिया भारत बनना चाहती है, और हम पश्चिम बनने में लगे हैं।
⚔️ अब समय है — राष्ट्र और धर्म रक्षकों का अंतिम युद्ध
- अब यह केवल चुनाव नहीं — यह धर्म और अधर्म के बीच का युद्ध है।
- अब यह केवल वोट की लड़ाई नहीं — यह सनातन धर्म की रक्षा की अंतिम परीक्षा है।
- और इस युद्ध में हमें मोदी का साथ सिर्फ वोट से नहीं, हर मोर्चे पर देना होगा।
🛑 याद रखो: अगर अभी नहीं जागे — तो फिर कभी न जाग पाओगे।
अगर अभी एकजुट नहीं हुए — तो सनातन के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा।**
🕉️ हमारा मंत्र:
- मोदी के साथ, सनातन के लिए
- देशद्रोहियों का पूर्ण बहिष्कार
- हिंदू एकता — हर गाँव, हर गली में
- भारत माता की जय और सनातन धर्म की विजय
🚩 जय श्री राम! जय भारत!
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