जब किसी राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति पर हमला होता है, तब केवल सीमाओं पर युद्ध नहीं छिड़ता — तब युद्ध होता है अस्तित्व की रक्षा का, अस्मिता की पुनर्स्थापना का और आत्मा को बचाने का।
आज भारत एक ऐसे ही ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है, जहाँ एक ओर हमारी सेना और सरकार बाहरी शत्रुओं और आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रही है, तो दूसरी ओर, देश के भीतर छिपे गद्दार तत्व इस लड़ाई को कमजोर करने में जुटे हैं।
यही वह समय है जब ऑपरेशन सिंदूर का उदय हुआ — एक ऐसा अभियान जो न केवल सीमा पर दुश्मनों का संहार करता है, बल्कि देश के भीतर छिपे गद्दारों का भी पर्दाफाश करता है।
यह केवल आतंक के खिलाफ युद्ध नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, सनातन संस्कृति और माँ भारती की रक्षा का महायुद्ध है।
1. ऑपरेशन सिंदूर: एक प्रतीकात्मक और निर्णायक युद्ध
“ऑपरेशन सिंदूर” केवल एक आतंक-रोधी अभियान नहीं है। यह भारत की अस्मिता, उसकी संस्कृति, और सनातन मूल्यों की रक्षा के लिए किया गया एक शक्तिशाली उत्तर था।
इस ऑपरेशन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट कर दिया: अब आरक्षण नहीं, अब केवल प्रतिशोध — अब धर्म पर आंच नहीं आने देंगे।
जब पाकिस्तान और कट्टरपंथी ताकतें सिंदूर, मंदिर, और माँ भारती को लहूलुहान करने की साजिश रच रहे थे, तब भारत ने बताया कि यह नया भारत है, यह सोता नहीं, सीधे वार करता है।
2. गद्दार कौन हैं? बाहर के दुश्मन से बड़ा खतरा भीतर के षड्यंत्रकारी
जब मोदी सरकार भारत को शक्तिशाली बना रही है, हिन्दू समाज को एकजुट कर रही है, और सनातन मूल्यों को पुनर्स्थापित कर रही है, तब वामपंथी, लिबरल गिरोह, विपक्षी पार्टियाँ, लुटियन मीडिया और मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले गद्दार हिंदू — इन सबने एकजुट होकर भारत के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।
ये वही लोग हैं जो पाकिस्तान के गुण गाते हैं, हिन्दू समाज को बांटते हैं, राम मंदिर पर मौन रहते हैं लेकिन जिहादी हिंसा पर चुप्पी साध लेते हैं।
- इनका एक ही एजेंडा है:
- मोदी सरकार को अस्थिर करो
- हिन्दुओं को तोड़ो
- इस्लामी कट्टरता को समर्थन दो
- भारत की आत्मा को कुचल दो
3. सनातन संस्कृति को अपनाता पश्चिम, छोड़ता भारत
वर्तमान में एक विचित्र और दुखद विरोधाभास देखने को मिल रहा है:
पश्चिमी राष्ट्र — अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया — योग, ध्यान, गीता, आयुर्वेद, वेदांत, सनातन मूल्य अपनाने लगे हैं।
वहीं भारत के तथाकथित बुद्धिजीवी, बॉलीवुड, कुछ वर्ग विशेष, और सेक्युलर राजनीतिज्ञ पश्चिमी भ्रष्ट संस्कृति को अपना आदर्श बना रहे हैं — व्यभिचार, नास्तिकता, परिवार–विरोध, लिव–इन संबंध, धर्म–निरपेक्षता की आड़ में हिंदू धर्म–विरोध।
यह आत्मघाती मानसिकता ही सनातन धर्म, भारत माता, और हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
4. मोदी सरकार की भूमिका: भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की दिशा में अग्रसर
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार न केवल आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है, बल्कि उन्होंने राम मंदिर निर्माण, कश्मीरी पंडित पुनर्वास, UCC, तीन तलाक, CAA, और सनातन परंपरा के पुनरुत्थान जैसे ऐतिहासिक निर्णयों से यह प्रमाणित कर दिया है कि भारत पुनः जाग चुका है।
BJP/NDA शासित राज्य और केंद्र सरकार राष्ट्र की रक्षा में संकल्पबद्ध हैं। परंतु दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इनके प्रयासों को सबसे ज़्यादा रोका और गाली दी जाती है अपने ही देश के गद्दारों द्वारा — जो पाकिस्तानी चैनलों पर मोदी को गाली देते हैं और हिन्दू समाज को आतंकी घोषित करते हैं।
5. हमें क्या करना चाहिए?
- हर सनातनी को अब जागना होगा।
- जाति, क्षेत्र, भाषा, और दलगत मतभेद भूलकर एक स्वर में राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए संगठित होना होगा।
- मोदी सरकार और राष्ट्रवादी शक्तियों का निःस्वार्थ समर्थन करना होगा।
- ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों को पूरे समाज में प्रचारित कर, देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करना होगा।
“आज उगते सूरज में डूबता आतंकवाद देखा,
ऑपरेशन सिंदूर से डरता पाकिस्तान देखा,
सिंदूर की रक्षा करता सेना का जवान देखा,
मैंने फिर आज मेरा भारत महान देखा।”
यह समय राष्ट्र और धर्म के लिए पूर्ण समर्पण का है।
या तो जागो और लड़ो — या खो दो अपना भारत, अपना धर्म, और अपनी अस्मिता।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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