💣 मोसाद का बड़ा खुलासा — भारत की अर्थव्यवस्था, राजनीति और संस्कृति को तहस-नहस करने की योजना
दुनिया की सबसे तेज़ और शक्तिशाली खुफिया एजेंसी मोसाद ने भारत के ख़िलाफ़ रची गई एक भयंकर साजिश का पर्दाफाश किया है। इस साजिश का नाम है “ऑपरेशन ज़ेपेलिन”, जिसका मकसद केवल एक उद्योगपति को निशाना बनाना नहीं, बल्कि भारत की तेज़ उभरती हुई शक्ति को जड़ से कमजोर करना है।
इस षड्यंत्र की जड़ में हैं:
- राहुल गांधी
- सैम पित्रोदा
- हिंडनबर्ग जैसी विदेशी एजेंसियाँ
- और भारत के अंदर के देशद्रोही गुट, जिन्हें हम वामपंथी, टुकड़े–टुकड़े गैंग, और लुटियन मीडिया के नाम से जानते हैं।
मोसाद ने सैम पित्रोदा के निजी सर्वर को हैक कर जो सबूत निकाले हैं, वे चौंका देने वाले हैं। भारत के दुश्मन कैसे विदेशी ताक़तों से मिलकर अडानी समूह को गिराने के बहाने भारत की पूरी अर्थव्यवस्था को डगमगाना चाहते थे — ये सारा खेल अब सामने आ चुका है।
🎯 वास्तविक लक्ष्य: मोदी जी को गिराना, भारत को रोकना
- अडानी और अंबानी पर सवाल उठाना सिर्फ़ दिखावा था। असल में यह एक बड़ा नैरेटिव वॉर था, जो इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रचा गया:
- भारत की वैश्विक आर्थिक छवि को नुकसान पहुँचाना
- विदेशी निवेशकों का भरोसा हिलाना
- आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को विफल करना
मोदी सरकार को बदनाम कर, देश में राजनीतिक अस्थिरता फैलाना
ये वही चोर विपक्षी दल हैं, जिन्होंने दशकों तक इस देश को घोटालों और भ्रष्टाचार से लूटा। अब जब एक “चौकीदार” (मोदी जी) देश की रक्षा कर रहा है, तो ये सारे चोर उसके खिलाफ एकजुट हो गए हैं।
🧠 भारत को अंदर से खोखला करने की ‘दीप स्टेट‘ रणनीति
यह कोई साधारण राजनीतिक लड़ाई नहीं है। यह भारत की आत्मा पर हमला है, जिसमें कई स्तरों पर षड्यंत्र चल रहा है:
- वामपंथी पत्रकार, एनजीओ, और छद्म बुद्धिजीवी
- विदेशी फंडिंग से चल रहे मानवाधिकार संगठनों के नाम पर भारत विरोधी एजेंडा
- मुसलमान तुष्टिकरण करने वाले नेता और दल, जो इस्लामीकरण के एजेंडे को बल दे रहे हैं
- और उन जिहादी ताक़तों को समर्थन, जो भारत को तोड़कर एक और पाकिस्तान या बांग्लादेश बनाना चाहते हैं
इनका एक ही तरीका है:
- मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का झूठा आरोप लगाना
- झूठे घोटाले दिखाकर जनता को भ्रमित करना
- सोशल मीडिया, टीवी और विश्वविद्यालयों में भारत विरोधी मानसिकता फैलाना
- हिन्दू समाज में जाति और क्षेत्र के नाम पर विभाजन
📣 यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, सभ्यता की है
आज लड़ाई केवल बंदूक उठाने वाले आतंकियों से नहीं है, बल्कि उन वैचारिक आतंकवादियों से है, जो:
- मीडिया, मंच और सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे हैं
- राष्ट्रवादी विचारों को फासीवाद कहकर बदनाम करते हैं
- सेना और सुरक्षा बलों की हर कार्रवाई को मानवाधिकार उल्लंघन बताकर आतंकियों को बचाते हैं
- सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं का मज़ाक उड़ाकर हिन्दू सभ्यता की जड़ों को काट रहे हैं
🔔 अब क्या करना होगा — सरकार, जनता और संगठन की भूमिका
सरकार की जिम्मेदारी:
- पूरे देश में एक सघन वैचारिक सर्जिकल स्ट्राइक
- विदेश पोषित NGOs और मीडिया पर कड़ी कार्रवाई
- जमीनी स्तर पर सच और झूठ के बीच की पहचान कराने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान
जनता की जिम्मेदारी:
- जागरूक बनें, हर खबर की सच्चाई जांचें
- भारत के खिलाफ चल रहे प्रोपेगेंडा को समझें और उसे बेनकाब करें
- जाति, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद और सनातन धर्म के लिए एकजुट हों
हिन्दू और राष्ट्रवादी संगठनों की जिम्मेदारी:
- जनजागरण अभियान तेज करें
- युवाओं को शिक्षित करें ताकि वे इन झूठों का जवाब दे सकें
- गांव-गांव जाकर भारत विरोधी ताक़तों के मंसूबे उजागर करें
🚨 अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी
मोदी जी अकेले नहीं लड़ सकते, यह हर राष्ट्रभक्त, हर सनातनी, हर नागरिक की लड़ाई है।
आज फैसला आपको करना है —
“क्या आप भारत को फिर से गुलाम बनते देखना चाहते हैं?”
या
“सनातन भारत को विश्वगुरु बनते देखना चाहते हैं?”
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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