🕉️ 45 साल पहले दिया गया वो संदेश, जो आज और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है!
आज से कई दशक पहले, जब न तो राष्ट्रवाद की लहर थी और न ही हिंदू चेतना का उत्थान, तब ओशो रजनीश ने भारत को स्पष्ट, निर्भीक और दूरदर्शी चेतावनी दी थी।
ओशो केवल एक आध्यात्मिक गुरु नहीं थे — वे एक जाग्रत संत, एक राष्ट्रप्रेमी योद्धा और एक असाधारण चिंतक थे। उन्होंने निडर होकर कहा:
“अगर भारत नहीं जागा, अगर भारत ने खुद को शक्ति और साहस से नहीं सज्ज किया, तो यह फिर टूटेगा — जैसे सोमनाथ टूटा था।”
⚔️ ओशो की चेतावनियाँ — आज का जीवंत सत्य:
🔥1. “भारत को केवल प्रार्थनाओं से नहीं, शस्त्रों से भी सज्ज होना होगा!”
अहिंसा एक मूल्य है, लेकिन अधर्म के सामने असहाय बने रहना आत्महत्या है। ओशो ने कहा था कि कमज़ोर आध्यात्मिकता खतरनाक है। अगर राष्ट्र के पास आत्मा है लेकिन शक्ति नहीं, तो वह विदेशी आक्रमणकारियों और आतंकी विचारधाराओं का शिकार बन जाएगा।
भारत को फिर से क्षत्रिय धर्म को याद करना होगा — वही धर्म जो श्रीराम और अर्जुन का था।
⚠️2. “अगर भारत फिर से अंधा बना रहा, तो यह फिर से सोमनाथ की तरह टूटेगा”
इतिहास केवल अतीत नहीं, वह चेतावनी है।
सोमनाथ मंदिर 17 बार टूटा, और हम हर बार मूर्खों की तरह बैठे रहे।
ओशो ने साफ कहा था कि अगर हमने पिछली गलतियों से न सीखा, तो इस बार भारत बाहर से नहीं, भीतर से तोड़ेगा — राजनीति, मीडिया और मजहबी वोटबैंक के ज़हर से।
🚨3. “सिर्फ पाकिस्तान-चीन ही खतरा नहीं, असली खतरा भीतर छिपे गद्दार हैं”
ओशो ने बिना घुमाए-फिराए कहा:
“पाकिस्तान और चीन सिर्फ सीमाओं पर नहीं, विचारधारा में भी भारत के दुश्मन हैं।”
लेकिन भारत के असली दुश्मन वे हैं जो भारत के भीतर रहते हुए उसका सौदा कर रहे हैं —
- संसद में
- मीडिया में
- विश्वविद्यालयों में
- और विदेशी फंडिंग से चलने वाले NGO में।
और इन सबको पालता है कौन?
कांग्रेस और उसका टुकड़े–टुकड़े गैंग।
😡4. “गधे भारत की छाती पर नाच रहे हैं!”
ओशो ने अपनी वाणी में आग भर दी थी:
“ये राजनैतिक गधे, ये छद्म सेक्युलर लोग — भारत को बार–बार धोखा देते रहे हैं।”
ओशो ने उन लोगों को लताड़ा जो —
- आक्रांताओं का महिमामंडन करते हैं,
- हिंदुओं को ही आतंकी साबित करने की कोशिश करते हैं,
- आतंकियों को ‘बेचारा’ बताते हैं,
- और कट्टरपंथियों को संरक्षण देकर हिंदू धर्म को अपमानित करते हैं।
🚫5. “इन गधों को हटाओ, भारत को बचाओ!”
- यह कोई घृणा नहीं, यह विवेक की बात है।
- ओशो ने कहा कि अगर भारत को बचाना है तो —
- जातिवाद से ऊपर उठना होगा,
- परिवारवाद और वंशवाद से मुक्ति पानी होगी,
- क्षेत्रीय और भाषाई भेद भूलने होंगे,
और सबसे बढ़कर, धर्म व राष्ट्र को राजनीति से ऊपर रखना होगा।
🕉️ ओशो का संदेश आज के लिए: बहुत आवश्यक है!
अगर हम सच में ओशो का सम्मान करते हैं, तो उनके विचारों को केवल उद्धृत नहीं, बल्कि आचरण में लाना होगा:
🛑 कायरता को करुणा कहने वालों को नकारो।
🛑 उन नेताओं को अस्वीकार करो जो तुष्टीकरण के नाम पर भारत को बेचते हैं।
🛑 उस मीडिया को खारिज करो जो हिंदुओं को ही गाली देता है।
🛑 उस कांग्रेस और वामपंथी जमात को उखाड़ फेंको जो भारत के टुकड़े करना चाहते हैं।
🙏 सनातनियो! अब निर्णय का समय है!
- क्या हम फिर किसी आक्रमण का इंतज़ार करेंगे?
- या अब हम एकजुट होंगे —
- हिंदू बनकर, भारतीय बनकर, सनातनी बनकर —
- जाति, भाषा, राज्य से ऊपर उठकर?
- ओशो ने चेताया था।
- अब मोदी, योगी, और राष्ट्रनिष्ठ संतों व वीरों ने भारत को एक अवसर दिया है।
- अब जागो — यही समय है।
ओशो का सपना साकार करें — शक्तिशाली, निर्भीक, और धर्मसमर्पित भारत!
- जिसमें शास्त्र और शस्त्र दोनों हों,
- जो अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व करे,
- जो तुष्टीकरण की बेड़ियों को तोड़ दे,
- और जो विश्वगुरु बनने के मार्ग पर चले।
🌞🇮🇳 जय सनातन! जय भारत! 🇮🇳🌞
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