परिवार प्रणाली और सभ्यता का अस्तित्व
“परिवार प्रणाली और सभ्यता का अस्तित्व” मानव जीवन के सबसे गहरे और मूलभूत संबंधों की ओर संकेत करता है। परिवार केवल सामाजिक इकाई नहीं है, बल्कि यह सभ्यता की नींव और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण करने वाला आधार भी है। परिवार से ही संस्कार, परंपराएँ और जीवन के आदर्श आगे बढ़ते हैं, और यही निरंतरता सभ्यता के अस्तित्व को बनाए रखती है।
1. पश्चिमी दुनिया का पतन और इस्लाम का उत्थान
पश्चिमी देशों ने विज्ञान, तकनीक और आधुनिकता में जितनी प्रगति की, उतनी ही तेज़ी से उन्होंने परिवार और संस्कारों का पतन भी किया।
- विवाह का महत्व कम हो गया।
- तलाक़ और लिव-इन रिलेशन सामान्य हो गए।
- समलैंगिक विवाह और क्षणिक सुख की संस्कृति ने परिवार की बुनियाद तोड़ दी।
- माता-पिता वृद्धाश्रमों में अकेले जीवन जीने को मजबूर हैं।
- बच्चे बिना पिता की पहचान और संस्कारों के बड़े हो रहे हैं।
डेविड सेलबॉर्न ने अपनी किताब “The Losing Battle with Islam” में लिखा है कि पश्चिम इस्लाम से हार रहा है। कारण?
- इस्लाम का मज़बूत फैमिली सिस्टम और
- उनकी जनसंख्या वृद्धि की रणनीति।
आज यूरोप के बड़े-बड़े शहरों में मुस्लिम आबादी 25-30% तक पहुँच चुकी है। फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन और ब्रिटेन में जनसंख्या संतुलन पूरी तरह बदल रहा है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर पश्चिम ने corrective measures तुरंत नहीं लिए, तो 2050 तक कई यूरोपीय देश मुस्लिम–बहुल और मुस्लिम–शासित हो जाएंगे।
2. भारत में परिवार परंपरा — और उसका क्षरण
- भारत की शक्ति हमेशा उसकी संयुक्त परिवार प्रणाली और सनातन मूल्य रहे हैं।
- हमारे संस्कारों ने समाज को जोड़े रखा।
- ताऊ, चाचा, बुआ, मामा, मौसी जैसे रिश्तों ने परिवार को विस्तार और गहराई दी।
- गुरुकुल और शिक्षा प्रणाली ने बच्चों को केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि संस्कार और संस्कृति भी दी।
लेकिन इस नींव को कई बार हिलाया गया:
- मुग़ल आक्रमणकारियों ने गुरुकुलों को तोड़ा, शास्त्र जलाए और सनातन संस्कृति मिटाने की कोशिश की।
- ब्रिटिश शासन ने हमारी परिवार परंपरा तोड़ी, पश्चिमी शिक्षा और अंग्रेजी मानसिकता थोपी और समाज को उपभोक्तावादी बना दिया।
- कांग्रेस और वामपंथी ताक़तों ने स्वतंत्र भारत में सनातन मूल्यों को शिक्षा से बाहर रखा और हिन्दुओं को अपनी ही संस्कृति से काट दिया।
आज नतीजा यह है कि:
- हिन्दू परिवार प्रणाली भी कमजोर हो रही है।
- रिश्ते टूट रहे हैं।
- संस्कार और संस्कृति बच्चों तक नहीं पहुँच रहे।
- आत्मकेंद्रित जीवनशैली ने परिवार को विघटित कर दिया है।
3. पश्चिम का अनुभव — भारत के लिए खतरे की घंटी
पश्चिम आज जिस संकट का सामना कर रहा है, वही रास्ता भारत भी पकड़ चुका है।
- परिवार प्रणाली टूट रही है।
- हिन्दू समाज शिक्षा और संस्कारों से कट रहा है।
- सेक्युलर और वामपंथी राजनीति ने हिन्दू मूल्यों को दबा दिया है।
- वहीं, इस्लामी समाज अपने मज़बूत फैमिली सिस्टम और जनसंख्या विस्फोट से मज़बूत हो रहा है।
👉 यही वह स्थिति है जिसमें हिन्दू समाज भी पश्चिम की तरह अपनी जड़ों से कटकर अंततः इस्लामीकरण का शिकार हो सकता है।
👉 अगर हमने corrective measures तुरंत नहीं लिए, तो आने वाले दशकों में भारत भी इस्लामी शासन के अधीन जा सकता है।
4. समाधान — सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना
भारत को अब तत्काल परिवार प्रणाली और सनातन मूल्यों को पुनर्जीवित करना होगा।
शिक्षा प्रणाली का पुनर्गठन:
- वेद, उपनिषद, गीता, रामायण और महाभारत को शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा।
- बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और संस्कृति भी सिखानी होगी।
संयुक्त परिवार परंपरा को पुनर्जीवित करना:
परिवार के सभी रिश्तों को महत्व देना।
दादा-दादी, चाचा-ताऊ, बुआ-मामा जैसे रिश्तों को सामाजिक जीवन का हिस्सा बनाना।
सामाजिक जागरूकता और संवाद:
- हर परिवार में यह चर्चा होनी चाहिए कि “परिवार और संस्कार ही सनातन की आत्मा हैं।”
- विवाह, परिवार और संतानों को संस्कारवान बनाने की परंपरा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
राजनीतिक और नीतिगत प्राथमिकता:
- शिक्षा नीतियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में परिवार प्रणाली और सनातन मूल्यों को स्थान देना।
- जैसे ऑस्ट्रेलिया में “Family First” पार्टी बनी, वैसे ही भारत में परिवार और संस्कृति को केंद्र में रखकर राष्ट्रीय नीतियाँ बननी चाहिए।
5. आह्वान — हिन्दू समाज की शपथ
👉 पश्चिम की गलती मत दोहराइए।
👉 परिवार और संस्कार बचाइए।
👉 शिक्षा में सनातन को पुनर्स्थापित कीजिए।
👉 अपनी परंपरा और संस्कृति को सर्वोच्च प्राथमिकता दीजिए।
🕉️ अगर हम आज नहीं जागे तो आने वाले समय में हिन्दू समाज भी पश्चिम की तरह टूट जाएगा और भारत इस्लामीकरण की ओर धकेल दिया जाएगा।
हर हिन्दू को आज यह शपथ लेनी होगी –
- “मैं अपने परिवार को बचाऊँगा, सनातन मूल्यों को पुनर्जीवित करूँगा, संस्कारों को शिक्षा का हिस्सा बनाऊँगा और अपने राष्ट्र को इस्लामी शासन के अधीन कभी नहीं जाने दूँगा।”
- पश्चिम का पतन परिवार प्रणाली टूटने से हुआ।
- इस्लाम का उत्थान मज़बूत परिवार और जनसंख्या विस्फोट से हुआ।
- हिन्दू समाज भी उसी राह पर है, अगर corrective measures तुरंत नहीं लिए गए तो हमारा भविष्य भी वैसा ही होगा।
अब समय है — जागने का, संस्कार पुनर्जीवित करने का और सनातन की रक्षा करने का।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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