एक काल्पनिक सभा… पर संदेश शाश्वत सत्य है
स्थान: परलोक लोकसभा
अध्यक्ष: मोहनदास करमचंद गांधी
उपस्थित सदस्य: नेहरू, जिन्ना, सरदार पटेल, शास्त्री, डॉ. अम्बेडकर, लौह पुरुषों और मूर्धन्य योद्धाओं की आत्माएँ…
🌩️ सभा आरंभ हुई… नेहरू और जिन्ना व्याकुल…
नेहरू और जिन्ना गांधी जी के चरणों में गिर पड़े। दोनों की आँखों में ग्लानि, मन में असफलता और वाणी में विवशता थी।
- जिन्ना (विलाप करते हुए): “बापू, क्या इसलिए मैंने पाकिस्तान बनाया था? आज मोदी ने उसे दुनिया का हँसी का पात्र बना दिया। आतंकवाद, कट्टरपंथ, भुखमरी और कंगाली ही रह गई है पाकिस्तान में।”
- नेहरू (क्रोधित और हताश): “बापू, ये मोदी गुजरात का है — आपका ‘घर का लड़का’ — आप ही उसे समझाइए। उसने तो हमारे दिए हुए सभी ‘प्यार के प्रतीकों’ जैसे कश्मीर, सिंधु जल, 370 — सब को उखाड़ फेंका है। क्या यह हमारी आत्मा का अपमान नहीं?”
🧘 गांधी का मौन… फिर विस्फोटक सत्य
गांधीजी ने दोनों की ओर देखा और बोले:
- “तुम दोनों ने जो किया, वह इतिहास में लिखा जा चुका है। आज भारत अपनी चेतना की पुनः खोज कर रहा है। मोदी उस चेतना का प्रतिबिंब है। वह भारत का ‘कर्मयोगी’ है। उसकी हिंदुत्व चेतना कोई नफरत नहीं, बल्कि शौर्य और स्वाभिमान का पुनर्जागरण है।”
🔥 सरदार पटेल की गर्जना
अब सरदार उठे, नेहरू की ओर देखा और गर्जना की:
- “तुमने मेरी उपेक्षा की, मेरी चेतना को कुचला। लेकिन मोदी ने मुझे पुनर्जीवित किया — Statue of Unity के माध्यम से। तुम्हारे वंशजों ने राम को काल्पनिक कहा, मंदिरों को रोकने के लिए छल-बल किए — और अब तुम शिकायत करते हो? मोदी वही कर रहा है जो भारत का युगों से दबा आत्मबल है।”
🌪️ अखिल लोक देवताओं की सभा… मोदी की पुष्टि
- इंद्रदेव: “मोदी में इंद्र की शक्ति है — निर्णायकता, संयम और त्वरित न्याय।”
- ब्रह्मा: “मैंने अखंड भारत रचा था — तुमने उसे खंडित किया। मोदी उसे पुनः जोड़ रहा है।”
- शिवजी: “जिसने मेरे राम को काल्पनिक कहा, वो मेरा भक्त नहीं। मोदी ने केदारनाथ और कैलाश की गूंज फिर से जगा दी है। मैं उसका रक्षक हूँ।”
- नारद: “मोदी का नाम भारत की हर गली में गूंज रहा है — यही धर्मयुद्ध का शंखनाद है।”
⚔️ धर्मयुद्ध की घोषणा — और मोदी इसका अर्जुन
सभा में यह घोषित किया गया:
- “यह समय धर्म और अधर्म के बीच युद्ध का है। जैसे महाभारत में अर्जुन को गीता का उपदेश मिला, वैसे ही आज करोड़ों हिंदुओं को यह समझना होगा — ‘अधर्म का विनाश ही धर्म की रक्षा है।’”
- “नैतिकता और नियमों की बात तब तक अर्थहीन है जब तक अधर्म सारे नियम तोड़ रहा हो। जैसे श्रीकृष्ण ने पांडवों को साम, दाम, दंड, भेद और छल सब सिखाया, वैसे ही आज हिंदुओं को भी रणनीति से लड़ना होगा — भावुकता से नहीं।”
🛡️ संदेश संतों और साधुओं के लिए
- “सिर्फ पूजा-पाठ, यज्ञ और प्रवचन से कुछ नहीं होगा। अब धर्म की रक्षा के लिए धर्मयुद्ध में भाग लेना होगा।
- संतों को राजनीति से नहीं, राष्ट्रनीति से जुड़ना होगा। जो सनातन की रक्षा नहीं कर सके, उनके प्रवचन किस काम के होंगे?”
📜 मोदी कोई साधारण नेता नहीं, भारत की आत्मा की पुनर्जागृति है
- वह अकेला भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा रहा है।
- जिसने हजारों वर्षों की गुलामी का प्रतिशोध नहीं, समाधान दिया है।
- जो सांस्कृतिक शत्रुओं से लड़ने में तनिक भी भयभीत नहीं।
✊ अब हिंदुओं को निर्णय करना है…
- क्या आप फिर से कांग्रेस और विपक्ष की घातक सेक्युलर राजनीति के जाल में फंसेंगे?
- या एकजुट होकर भारत को हिन्दू राष्ट्र, सनातन राष्ट्र बनाएँगे?
“धर्म की रक्षा के लिए युद्ध अपरिहार्य है — चाहे वह तलवार से हो, कलम से या वोट से। अब वक्त भावुकता का नहीं, निर्णायकता का है।”
जय श्रीराम। जय भारत। जय सनातन।
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