सत्ता की भूख और लोकतंत्र पर हमला
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया का विरोध किया, केवल चुनाव प्रक्रिया पर सवाल नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर भी असर डालता है।
- यह सीधे लोकतांत्रिक संस्थाओं और संविधान पर हमला है। यह बयान हिंसा भड़काने का स्पष्ट संकेत देता है।
- यह दिखाता है कि तृणमूल, कांग्रेस और ठगबंधन केवल सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
- इस तरह की सोच न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था को कमजोर करती है, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है।
⚖️ चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर हमला
- चुनाव आयोग भारत का सबसे भरोसेमंद और स्वतंत्र संस्थान है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करता है।
- एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य केवल फर्जी और अवांछित वोटरों की पहचान करना है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुरक्षित रहे।
- लेकिन तृणमूल कांग्रेस इसे “साजिश” बताकर जनता को भड़काने और अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रही है।
- इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सत्ता की भूख किसी भी नैतिक या संवैधानिक बाधा को नहीं मानती।
🧨 पश्चिम बंगाल में हिंसा और अस्थिरता का इतिहास
- पिछले एक दशक में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और दबाव की राजनीति आम हो गई है।
- 2021 विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा ने यह दिखा दिया कि तृणमूल सरकार अपने विरोधियों को दबाने में किसी भी हद तक जा सकती है।
- अदालतों ने कई बार राज्य सरकार को चेतावनी दी कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है।
- अब मुख्यमंत्री स्वयं हिंसा भड़काने वाले बयान देती हैं, जिससे राज्य में अराजकता और बढ़ जाती है।
🕌 मुस्लिम वोट–बैंक राजनीति और राष्ट्रीय हित पर खतरा
- तृणमूल कांग्रेस की राजनीति केवल मुस्लिम वोट-बैंक पर आधारित है।
- ऐसे अवसरवाद और वोट-बैंक राजनीति के कारण, राज्य सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, घुसपैठ और कानून-व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों पर भी राजनीति करती है।
- यह केवल बंगाल का मामला नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए चेतावनी है।
- ठगबंधन और कांग्रेस का उद्देश्य देश के हित की अनदेखी कर सत्ता बनाए रखना है।
🧭 ठगबंधन की चालें और मोदी सरकार को कमजोर करने के प्रयास
- कांग्रेस और उसका गठबंधन, ठगबंधन, हर संभव हथकंडा अपना रहे हैं ताकि वर्तमान राष्ट्रवादी और राष्ट्रीय हित में काम करने वाली सरकार को कमजोर किया जा सके।
- इसके लिए वे देश-विरोधी तत्वों और अंतरराष्ट्रीय तत्वों की मदद ले रहे हैं जो की देश के लिए हानिकारक हैं।
- उनका उद्देश्य देश को अस्थिर करना, भ्रष्ट और कमजोर प्रशासनिक तंत्र बनाना और सत्ता को परिवार और पार्टी के हाथों में कायम रखना है।
- ठगबंधन की राजनीति में यह पैटर्न स्पष्ट है कि देश के विकास और जनता के हित की कोई चिंता नहीं है।
- अगर मोदी सरकार सत्ता में न होती, तो भारत आज पाकिस्तान या बांग्लादेश जैसी असफल और कमजोर स्थिति में होता।
⚖️ न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव
- ठगबंधन ने न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं पर भी दबाव डालने का प्रयास किया।
- कांग्रेस के नेतृत्व में न्यायपालिका का कई मामलों में गलत उपयोग किया गया ताकि राष्ट्रवादी नीतियों को रोक सके और हिंदू हितों, कानून और व्यवस्था को कमजोर किया जा सके।
- सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में कई ऐसे फैसले आए हैं, जो राष्ट्रवादी और राष्ट्रीय हित वाली नीतियों के कार्यान्वयन में बाधक बने।
- यह पैटर्न स्पष्ट करता है कि ठगबंधन और कांग्रेस का उद्देश्य केवल सत्ता बनाए रखना है, देश और जनता के हित से कोई लेना-देना नहीं।
💣 राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र पर खतरा
- चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर हमले, वोट-बैंक राजनीति और सत्ता की भूख देश के लोकतंत्र और संविधान को कमजोर कर रही हैं।
- ममता बनर्जी और ठगबंधन द्वारा लगातार संविधान और कानून की अवमानना देश को अस्थिर कर रही है।
- ऐसे नेता न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश के सुरक्षा और विकास को प्रभावित कर रहे हैं।
- अगर देशभक्त नागरिक और संवैधानिक संस्थाएँ सजग नहीं रहे, तो यह खतरा पूरे भारत को प्रभावित कर सकता है।
🏹 देशभक्तों और जनता के लिए संदेश
- देशभक्तों को ठगबंधन के खेल को समझना होगा।
- जनता को यह पहचानना होगा कि ठगबंधन के हर कदम में केवल सत्ता की भूख और वोट-बैंक की राजनीति छिपी हुई है।
- हमें वर्तमान राष्ट्रीय और राष्ट्रवादी सरकार का समर्थन करना होगा ताकि भारत विश्व की शीर्ष 3 महाशक्तियों में शामिल हो और पाकिस्तान या बांग्लादेश जैसी स्थिति न बने।
- मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आते ही देश को विकास, सुरक्षा और मजबूत लोकतंत्र की दिशा दी। इसे कमजोर नहीं होने देना हमारी जिम्मेदारी है।
🔔ठगबंधन की राजनीति का पर्दाफाश और राष्ट्र की सुरक्षा
- ममता बनर्जी का बयान केवल बंगाल का मामला नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र और संविधान पर हमला है।
- मुस्लिम वोट-बैंक की राजनीति, देश के खिलाफ षड्यंत्र और वर्तमान राष्ट्रवादी सरकार को कमजोर करने के प्रयास पूरे देश के लिए खतरा हैं।
- देशभक्तों और संवैधानिक संस्थाओं को सजग रहकर इसे निरस्त करना होगा।
- भारत को विश्व की शीर्ष महाशक्ति बनाने और संविधान, लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने के लिए यह कदम जरूरी है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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