प्रधानमंत्री मोदी जी ने SCO में भारत की ताक़त दिखाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने जिस तरह वैश्विक राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है, वह केवल कूटनीति की सफलता नहीं, बल्कि भारत के पुनर्जागरण का प्रतीक है। SCO सम्मेलन में मोदी जी ने न केवल भारत की आवाज़ बुलंद की, बल्कि दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत अब किसी के इशारों पर चलने वाला देश नहीं, बल्कि स्वतंत्र और निर्णायक वैश्विक शक्ति है।
1. ऐतिहासिक संदर्भ – भारत की कमजोर विदेश नीति का अतीत
भारत का इतिहास बताता है कि कैसे कमजोर नेतृत्व और असंगठित दृष्टिकोण ने हमें बार-बार नुकसान पहुँचाया।
- मुगल और तुर्क आक्रमणों के दौरान हिंदू शासकों की गद्दारी और आपसी मतभेद ने सनातन समाज को असुरक्षित बना दिया।
- नेहरू युग में “गुटनिरपेक्ष” नीति के नाम पर भारत ने न तो पश्चिम का भरोसा जीता और न ही रूस का पूरा समर्थन।
👉 परिणाम: 1962 में चीन ने भारत को हरा दिया और भारत वैश्विक मंच पर कमजोर साबित हुआ। - कांग्रेस शासन में भारत की विदेश नीति का आधार “अमेरिका को नाराज़ न करना और रूस को भी न छोड़ना” था।
👉 इस दोहरी नीति ने भारत को न तो तकनीकी लाभ दिलाया और न ही रणनीतिक बढ़त।
👉 पाकिस्तान को अमेरिका ने हथियार दिए, चीन को रूस ने मदद दी और भारत बीच में कमजोर बना रहा।
2. मोदी युग – विदेश नीति की क्रांति
प्रधानमंत्री मोदी जी ने इतिहास से सबक लिया और विदेश नीति को भारत–प्रथम सिद्धांत पर आधारित किया। आज भारत—
- SCO, QUAD, BRICS और G20 – सभी मंचों पर प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है।
- रूस से S-400 लेता है और अमेरिका से Predator Drone भी। अरब देशों के साथ ऊर्जा समझौते करता है और इज़राइल के साथ रक्षा सहयोग भी।
👉 यही है मोदी जी की कूटनीति – जो केवल संतुलन नहीं, बल्कि रणनीतिक महारत है।
3. SCO में मोदी जी का साहसिक कदम
- SCO की बैठक में मोदी जी ने पहलगाम हमले का जिक्र कर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की मांग की।
- उन्होंने साफ कहा: “Connectivity तभी सार्थक है जब Sovereignty की गारंटी हो।”
👉 यह बयान चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ सीधा हमला था।
👉 CPEC और BRI पर सवाल उठाकर भारत ने चीन को उसकी ही धरती पर घेर लिया।
यह वही भारत है जो कभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर चुप रहता था और आतंकवाद का शिकार होने के बावजूद अपनी बात कहने में हिचकिचाता था।
4. विश्व राजनीति में भारत की अनूठी स्थिति
आज दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं है जो—
- SCO और QUAD दोनों का सदस्य हो।
- BRICS और QUAD दोनों में सक्रिय भूमिका निभा रहा हो।
- रूस से हथियार खरीदे और अमेरिका से भी रक्षा तकनीक हासिल करे।
👉 भारत ने यह असंभव संभव कर दिखाया।
यह केवल मोदी जी के साहसी नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टि का परिणाम है।
5. चीन और पाकिस्तान के लिए करारा संदेश
- पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए उजागर करना और SCO जैसे मंच से उसकी पोल खोलना भारत की बड़ी जीत है।
- चीन को Connectivity और Sovereignty पर घेरा जाना यह दिखाता है कि भारत अब झुकने वाला नहीं है।
👉 SCO में मोदी जी का भाषण केवल कूटनीति नहीं था, बल्कि यह एक रणनीतिक घोषणा पत्र था – भारत अब आक्रामक, आत्मविश्वासी और निर्णायक है।
6. जनता और हिंदू समाज के लिए सबक
इतिहास हमें बताता है कि भारत की हार हमेशा बाहरी ताक़तों से कम और भीतर के गद्दारों और असंगठित समाज की वजह से हुई।
- जैसे किसी हिंदू ने अब्दाली को यमुना पार करने का रास्ता दिखाया,
- जैसे कुछ नेताओं ने सत्ता के लिए भारत की संप्रभुता दाँव पर लगाई,
👉 वैसे ही आज भी विपक्षी दल, वामपंथी और लुटियन मीडिया भारत की मज़बूत छवि को कमजोर करने में लगे हैं। - प्रधानमंत्री मोदी जी अकेले इस लड़ाई को नहीं लड़ सकते।
👉 हिंदू समाज और देशभक्त जनता को एकजुट होना होगा, सक्रिय होना होगा और सरकार का राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर समर्थन करना होगा।
7. भारत का स्वर्णिम युग
SCO सम्मेलन ने साफ कर दिया कि—
- भारत अब किसी भी गुट का “जूनियर पार्टनर” नहीं है।
- भारत अपनी शर्तों पर रिश्ते बनाता है।
- भारत आतंकवाद और विस्तारवाद दोनों के खिलाफ डटकर खड़ा है।
👉 प्रधानमंत्री मोदी जी ने दुनिया को दिखा दिया है कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी।
👉 और यह तभी संभव होगा जब भारत का समाज, विशेषकर हिंदू समाज, एकजुट होकर सरकार का साथ देगा और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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