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राहुल गांधी का “वोट चोरी” नाटक

राहुल गांधी का “वोट चोरी” नाटक – हताशा, झूठ और लोकतंत्र पर हमला

🟥 SECTION 1: राहुल गांधी का नया शो — हताशा की नई स्क्रिप्ट

  • राहुल गांधी और कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे लगातार जनता का भरोसा खो रहे हैं।
  • जब भी वे चुनाव हारते हैं, वे आत्मविश्लेषण नहीं करते— बल्कि पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाने लगते हैं।

🔹 क्यों?

क्योंकि उन्हें हार स्वीकारने की हिम्मत नहीं है।

🔹 इसलिए हर चुनाव के बाद कांग्रेस की पुरानी स्क्रिप्ट दोहराई जाती है:

  • EVM खराब
  • चुनाव आयोग बिक गया
  • सिस्टम बेईमान
  • मीडिया पक्षपाती
  • सेना मौन
  • न्यायपालिका अधिनायकवादी
  • और अब—वोट चोरी

यह पूरी कहानी पूर्व-लिखित स्क्रिप्ट की तरह है, जिसे हर हार के बाद लागू कर दिया जाता है।

🟥 SECTION 2: “66 फर्जी वोटर” — पहला झूठ जो ताश के पत्तों की तरह ढह गया

राहुल गांधी का पहला दावा था कि हरियाणा के एक घर में 66 फर्जी वोटर पाए गए।

🔍 सच्चाई:

  • वह एक बड़ा पुश्तैनी घर था
  • चार-पाँच पीढ़ियाँ रहती हैं
  • सभी वैध मतदाता हैं

यह एक साधारण जाँच से पता चल सकता था— लेकिन जाँच इसलिए नहीं की गई,
क्योंकि उद्देश्य सच्चाई नहीं, बल्कि अफवाह फैलाना था।

🟥 SECTION 3: “501 फर्जी वोटर” — दूसरा झूठ, पहला से भी बड़ा

एक और दावे में राहुल ने कहा कि एक घर में 501 वोटर रजिस्टर्ड हैं।

🔍 सच्चाई:

  • वह पता एक बड़ा कॉम्प्लेक्स है
  • 20 से अधिक घर और दुकानें एक ही परिसर में
  • साझा पता होने के कारण मतदाता संख्या स्वाभाविक
  • कोई फर्जी वोट नहीं, कोई षड्यंत्र नहीं

इसे गलत बताना जनता को भ्रमित करने की सुनियोजित कोशिश थी।

🟥 SECTION 4: ब्राज़ीलियन मॉडल का फोटो — झूठ की पराकाष्ठा

राहुल गांधी ने दावा किया कि कई वोटर ID एक ब्राज़ील की मॉडल की फोटो का उपयोग करके बनाई गई हैं।

🔍 सच्चाई:

  • असली भारतीय महिलाएँ सामने आईं
  • वोटर ID और पहचान दिखाई
  • मॉडल ने स्टॉक फोटो होने की पुष्टि की
  • पूरी कहानी झूठ निकली

यह सिर्फ झूठ नहीं था— यह पब्लिक को धोखा देने का प्रयास था।

🟥 SECTION 5: राहुल गांधी की राजनीति — सत्य नहीं, नाटक

  • राहुल गांधी ने केवल उन सीटों पर सवाल उठाए जहाँ कांग्रेस हारी।
  • जहाँ कांग्रेस जीती — वहाँ EVM, चुनाव आयोग और अधिकारी अचानक “ईमानदार” हो जाते हैं।

🔹 अगर तर्क सही है तो:

  • जहाँ कांग्रेस जीती, वहाँ भी गड़बड़ी माननी चाहिए
  • लेकिन वह नहीं कहेंगे
  • क्योंकि इस अभियान का उद्देश्य सच्चाई नहीं, राजनीतिक लाभ है

🟥 SECTION 6: यह सिर्फ “वोट चोरी” नहीं — यह लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला है

कांग्रेस पिछले दशक से—

  • सेना
  • न्यायपालिका
  • चुनाव आयोग
  • ED
  • मीडिया
  • NIA
  • RAW

इन सभी संस्थाओं पर एक-एक करके अविश्वास फैलाने की कोशिश कर रही है।

❗ क्यों?

क्योंकि यदि जनता का विश्वास टूटेगा, तो कांग्रेस का झूठा नैरेटिव सफल होगा।

🟥 SECTION 7: विदेशी मंचों से भारत को बदनाम करना — नया ट्रेंड

राहुल गांधी अब—

  • लंदन
  • वॉशिंगटन
  • ब्रसेल्स
  • जाकर भारत को बदनाम करते हैं।

🔍 ऐसा क्यों?

  • क्योंकि भारत में वे लोगों को गुमराह नहीं कर पा रहे, तो विदेशियों से समर्थन लेना चाहते हैं।
  • वे वही भाषा बोलते हैं जो विदेशी एंटी-इंडिया लॉबी बोलती है।

🟥 SECTION 8: कारण असफलता नहीं — भारत का उठना है

कांग्रेस को समस्या यह नहीं कि वे हार गए।
समस्या यह है कि भारत उठ रहा है

कांग्रेस का डर:

  • मोदी लोकप्रिय
  • सेना मजबूत
  • अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज़
  • विश्व में भारत की प्रतिष्ठा ऊँची
  • गरीबों की मदद
  • भ्रष्टाचार कम
  • तुष्टिकरण खत्म

भारत जितना आगे बढ़ता है, कांग्रेस उतनी पीछे गिरती है। क्योंकि काँग्रेस का उद्देश्य देश की प्रगति नहीं सत्ता मैं वापसी है चाहे उसके लिए देश को भी क्यों न बेचना पड़े।

🟥 SECTION 9: मोदी युग बनाम राहुल युग — एक स्पष्ट अंतर

🔵 मोदी युग का अजेंडा:

  • निर्णायक नेतृत्व
  • राष्ट्रवाद
  • सैन्य सुधार
  • आर्थिक विकास
  • भ्रष्टाचार पर प्रहार
  • आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस
  • वैश्विक प्रतिष्ठा

🔴 राहुल युग की पहचान:

  • भ्रम फैलाना
  • झूठा प्रचार
  • ज़िम्मेदारी से भागना
  • अफवाहें
  • विदेशी नैरेटिव
  • तुष्टिकरण
  • सत्ता की हताशा

देश ने चुन लिया है कि उसे क्या चाहिए। काँग्रेस और ठगबंधन के लिए अब सत्ता मैं जगह नहीं है।

🟥 SECTION 10: जनता का विश्वास — कांग्रेस और ठगबंधन की  खत्म होती  हुई पूँजी

आज की जनता बेहद समझदार है। वह जानती है:

  • काम ज़रूरी है, नाटक नहीं
  • विकास चाहिए, अफवाह नहीं
  • सुरक्षा चाहिए, तुष्टिकरण नहीं
  • नेतृत्व चाहिए, भ्रम नहीं

राहुल गांधी और ठगबंधन का पूरा अभियान जनता के विवेक के सामने धराशायी हो चुका है।

🟩 SECTION 11: निष्कर्ष — झूठ का अंत, सत्य की जीत

राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ अभियान कांग्रेस की हताशाअसफलता और राजनीतिक दिवालियापन का प्रतीक है।

  • यह चुनावी रणनीति नहीं,
  • लोकतंत्र पर हमला है।

देश अब यह सब पहचान चुका है। अब जनता उस दिशा में जा रही है जहाँ—

  • काम होता है
  • फैसले होते हैं
  • देश आगे बढ़ता है

और यह सब मोदी युग में संभव हुआ है।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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