राम, कृष्ण और कलियुग सनातन धर्म में
सनातन धर्म हमें सिखाता है कि धर्म समय, स्थान और परिस्थिति के अनुसार बदलता है। यही कारण है कि भगवान राम और भगवान कृष्ण—दोनों विष्णु के अवतार होते हुए भी—भिन्न तरीकों से अपने युग का मार्गदर्शन करते हैं।
📜 राम: मर्यादा के प्रतीक, त्रेता युग के धर्मनिष्ठ राजा
- राम ने हर नियम का पालन किया — भले ही वह उनके निजी जीवन के विरुद्ध क्यों न हो।
- उन्होंने मात-पिता की आज्ञा पर राज्य त्याग दिया,
- पत्नी सीता का त्याग भी किया क्योंकि प्रजा की शंका आई,
- जीवनभर नियमों और मर्यादाओं में बंधे रहे।
त्रेता युग में व्यवस्था थी, समाज धर्मपरायण था, इसलिए राम ने व्यवस्था के भीतर रहकर धर्म की रक्षा की।
⚔️ कृष्ण: रणनीतिक योद्धा, द्वापर युग के युगधर्म प्रवर्तक
कृष्ण ने एक ऐसे युग में जन्म लिया जहाँ अधर्म बढ़ चुका था और व्यवस्था भ्रष्ट हो चुकी थी।
- उन्होंने नियम तोड़े जब वो अन्यायपूर्ण थे,
- अर्जुन को युद्ध का उपदेश दिया,
- छल, रणनीति, चतुराई और बल से अधर्म का विनाश किया।
कृष्ण ने सिखाया कि जब व्यवस्था धर्म विरोधी हो जाए तो नियमों से नहीं, विवेक और साहस से युद्ध लड़ना पड़ता है।
🟩 कलियुग के लिए ज़रूरी हैं दोनों: एक राम की नीति, एक कृष्ण की गति
🟢 नरेंद्र मोदी: व्यवस्था के भीतर सुधार लाने वाले राम जैसे नेता
- हर निर्णय संविधान और लोकतंत्र के भीतर—चाहे CAA हो या Article 370.
- आलोचना झेलते हैं लेकिन संयम नहीं खोते।
- सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की कोशिश करते हैं—सबका साथ, सबका विकास।
जैसे राम ने सबको स्वीकार किया—शबरी, निषाद, वानर, विभीषण—वैसे मोदी हर नागरिक को राष्ट्र निर्माण में जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
🟠 योगी आदित्यनाथ: धर्म रक्षार्थ प्रहार करने वाले कृष्ण जैसे योद्धा
- सीधी कार्रवाई—माफिया पर बुलडोजर, दंगाइयों पर मुकदमा।
- सांस्कृतिक स्वाभिमान—राम मंदिर, काशी कॉरिडोर, समान नागरिक संहिता की पहल।
- फर्जी खबरों और राष्ट्र विरोधी तत्वों पर त्वरित दंड।
जैसे कृष्ण ने रणभूमि में सारथी बनकर अर्जुन का मार्गदर्शन किया, वैसे ही योगी सीधे मैदान में उतर कर अधर्म को चुनौती दे रहे हैं।
⚠️ आज के भारत को यह क्यों समझना ज़रूरी है?
- हिन्दू समाज जातियों और भाषाओं में बँटा हुआ है।
- सेक्युलरिज्म के नाम पर हिंदू धर्म को लगातार दोषी ठहराया जा रहा है।
- बंगाल, केरल, कश्मीर जैसे राज्यों में हिन्दुओं की स्थिति चिन्ताजनक है।
यह युद्ध अब सिर्फ सीमाओं पर नहीं, संस्कृति, पहचान और अस्तित्व का युद्ध है।
🛡️ मोदी और योगी का अर्थ आज के भारत में
🔹 मोदी = राष्ट्र नीति + धैर्य + व्यवस्था सुधार
🔸 योगी = सांस्कृतिक प्रतिकार + शक्ति + त्वरित निर्णय
ये दोनों एक संतुलन बनाते हैं: नीति और प्रहार, कूटनीति और धर्मदंड।
✊ हर हिंदू से एक विनम्र आग्रह
- अपने इतिहास और धर्म को जानिए – भ्रम से नहीं, शास्त्र और विवेक से।
- जातियों से ऊपर उठकर एक होइए – हिन्दू सिर्फ जाति नहीं, यह एक संस्कृति है।
- धर्मनिष्ठ नेतृत्व को समर्थन दीजिए – आलोचना में उलझकर दिशा न भूलें।
- अपने बच्चों को गौरवशाली परंपरा से जोड़िए – उन्हें गीता पढ़ाइए, ग्लैमर नहीं।
- सम्मानजनक लेकिन स्पष्ट आवाज़ बनिए – चुप रहना सबसे बड़ा अपराध है।
🔔 क्योंकि अगर हम आज नहीं जागे…
- तो हमारी चुप्पी हमारी समाप्ति बन जाएगी।
- हमारी उदारता हमारी पराजय बन जाएगी।
- और हमारा भ्रम, एक बार फिर इतिहास दोहराएगा।
- यह युद्ध तलवार से नहीं, जागृति, विवेक और एकता से जीता जाएगा।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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