Skip to content Skip to sidebar Skip to footer
राष्ट्रवादी न्यायपालिका

Vice President Gate: लोकतंत्र के मंदिर में गद्दारी — ऊपरी स्तर से विश्वासघात?

🚨 क्या यह सिर्फ एक संवैधानिक कार्यवाही थी या राष्ट्रवादी भारत को रोकने की गहरी साजिश?

⚔️ 1. गद्दारी का समय: अभी क्यों?

जब मोदी सरकार ने अंततः न्यायपालिका में फैले भ्रष्टाचार, वैचारिक पक्षपात और हिंदू-विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की, तब लुटियन्स वकीलोंविदेशी फंड से पोषित NGOsइस्लामी-वामपंथी लॉबी और कांग्रेस के वफादारों ने मिलकर सिस्टम में आतंरिक हड़कंप मचाने की साजिश रची

➡️ उन्हें पता था कि दो बड़े बदलाव आने वाले हैं:

  • एक धार्मिक और राष्ट्रवादी न्यायाधीश (जस्टिस शेखर यादव) न्यायपालिका में आगे बढ़ रहे हैं
  • एक भ्रष्ट और कांग्रेस से जुड़ा जज (जस्टिस वर्मा) एक्सपोज़ होने वाला है

इस परिवर्तन को रोकने के लिए उन्होंने संविधान की आड़ में एक ट्रैप बिछाया

🧨 2. महाभियोग: एक राजनीतिक अस्त्र

  • विपक्ष ने अचानक एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्तावपेश कर दिया — जो भारत के इतिहास में एक दुर्लभ और उच्च स्तरीय कदम है।

👉 लेकिन हैरानी तब हुई जब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो अब तक राष्ट्रवादी माने जाते थे, ने PMO या कानून मंत्रालय से बिना चर्चा किए प्रस्ताव स्वीकार कर लिया!

🛑 यह न तो प्रक्रिया का हिस्सा था, न ही सामान्य बात। यह था एक अंदरूनी हमला, जिससे:

  • भ्रष्ट जजों को वैधता दी जा सके
  • न्यायिक सुधार रोके जा सकें
  • BJP, RSS और न्यायपालिका में दरार डाली जा सके
  • 2026 और 2029 के चुनावों से पहले राष्ट्रवादी ताकतों की गति रोकी जा सके

🕳️ 3. क्या जगदीप धनखड़ एक ‘छिपा हुआ जयचंद’ निकला?

  • जिस व्यक्ति ने कभी न्यायपालिका की मनमानी के खिलाफ आवाज़ उठाई… जो संघ और सनातन संस्कृति का गुणगान करता रहा…

👉 उसी ने चुपचाप महाभियोग प्रस्ताव पर दस्तखत कर दिए, जिससे मोदी सरकार की सुधार योजनाओं पर पानी फिर सकता था

🔍 BJP के भीतर के सूत्र अब कहते हैं कि धनखड़ को कांग्रेस के लॉबिस्टों, विदेशी दूतावासों और न्यायपालिका के शक्तिशाली तत्वोंद्वारा अपनी और कर लिया गया था।

  • यह मासूमियत नहीं थी — यह सोची-समझी तोड़फोड़ थी।

🧬 4. कांग्रेस का पुराना खेल: आदमी खरीदो, जनता नहीं

🟠कभी पत्रकार खरीदे गए,

🟠फिर अफसरशाही और एक्टिविस्ट्स,

🟠अब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी खरीदे जा रहे हैं।

क्यों?

  • क्योंकि उपराष्ट्रपति की एक कलम हज़ार टीवी बहसों से ज़्यादा असरदार होती है।

और याद रखें:

➡️ इस देश में गद्दारों की कोई कमी नहीं — जो भ्रष्टों को बचाने या निजी शक्ति पाने के लिए राष्ट्रहित को बेचने में संकोच नहीं करते।

➡️ यही तो कांग्रेस का मॉडल रहा है — भ्रष्टों की रक्षा करो, देशभक्तों को सज़ा दो

⛔ 5. असली टारगेट: वर्मा को बचाओ, शेखर को हटाओ

🟥 जस्टिस वर्मा — कांग्रेस युग के घोटालों में लिप्त, माफिया और अफसरशाही से संबंध

🟩 जस्टिस शेखर यादव — जो भगवद गीता का उल्लेख करते हैं, धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाते हैं, और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की न्यायिक आलोचना करते हैं

➡️ कांग्रेस ने पहले को बचाने और दूसरे को हटाने के लिए धनखड़ को मोहरा बनाया

⚡ 6. मोदी सरकार का डैमेज कंट्रोल — चुप्पी की नीति, लेकिन सटीक वार

BJP ने शांत लेकिन निर्णायक कार्रवाई की:

✔️ राजनाथ सिंह ने आपात रणनीतिक बैठकें कीं
✔️ NDA सांसदों से कोरे कागज़ पर समर्थन लिया गया धनखड़ के अगले कदम को निष्क्रिय करने हेतु
✔️ RSS और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से दबाव बनाया गया
✔️ धनखड़ को अल्टीमेटम दिया गया: इस्तीफा दो या निकाल दिए जाओगे।

👉 परिणाम: धनखड़ ने ‘स्वास्थ्य कारणों’ का बहाना बनाकर इस्तीफा दे दिया — लेकिन PM, गृहमंत्री या RSS से एक भी शब्द नहीं आया।

BJP ने साफ़ संदेश दे दिया — “हम जानते हैं आपने क्या किया… और हम भूलेंगे नहीं!”

💣 7. अगर यह साजिश सफल हो जाती तो क्या होता?

  • राष्ट्रवादी जजों को हटाया जाता
  • न्यायिक सुधार ठप पड़ जाते
  • BJP और RSS के बीच वैचारिक दरार आती
  • कांग्रेस नैतिक जीत का दावा करती
  • अंतरराष्ट्रीय मीडिया चिल्लाती: “BJP भी सिस्टम नहीं सुधार सकी!”

⚠️ एक अकेले गद्दार की वजह से एक दशक की मेहनत मिट्टी में मिल जाती।

🧠 8. संघ और राष्ट्र के लिए सबक:

🟥 सिर्फ भगवा पहनने से कोई देशभक्त नहीं होता
🟥 राष्ट्रवाद की बातें करना ही विश्वास का प्रमाण नहीं
🟥 असली विचारधारा का पता संकट के समय व्यवहार सेचलता है

➡️ BJP और RSS को अब भीतर के जयचंदों की पहचान करनी होगी — इससे पहले कि वे राष्ट्रीय संकट बन जाएं।

🚨 इस बार बच गए, अगली बार शायद न बचें…

✅ हमने गद्दारी को समय रहते पहचान लिया
✅ खतरे को निष्क्रिय कर दिया
✅ लेकिन यह दिखा कि हमारी संस्थाएं अब भी कितनी खोखली हैं

अब समय है:

  • ऐसी प्रणाली बनाने का, जहां गद्दारों के पास छिपने की जगह ही न हो।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

पुराने  मेसेजेस के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।

हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t

टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdlपर क्लिक करेँ। पुराने मेसेजेस टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।

Share Post

Leave a comment

from the blog

Latest Posts and Articles

We have undertaken a focused initiative to raise awareness among Hindus regarding the challenges currently confronting us as a community, our Hindu religion, and our Hindu nation, and to deeply understand the potential consequences of these issues. Through this awareness, Hindus will come to realize the underlying causes of these problems, identify the factors and entities contributing to them, and explore the solutions available. Equally essential, they will learn the critical role they can play in actively addressing these challenges

SaveIndia © 2025. All Rights Reserved.