RSS ज़िंदाबाद
1️⃣ प्रस्तावना — यह केवल एक लड़की की कहानी नहीं, यह RSS की आत्मा की कहानी है
- भारत में कई बच्चे अपराधियों की संतानों के रूप में जन्म लेते हैं,
लेकिन RSS यह मानता है कि अपराध वंशानुगत नहीं होता — अवसर होते हैं। - RSS का यह काम सिर्फ सेवा नहीं, राष्ट्र निर्माण का श्रेष्ठ उदाहरण है।
- वीरप्पन की अनाथ बेटी की कहानी इस बात का जीवंत प्रमाण है कि RSS केवल विचारधारा नहीं, बल्कि मानवता का धर्म है।
2️⃣ वह बच्ची जिसने गुनाह नहीं किया था, पर गुनाह की विरासत ढो रही थी
वीरप्पन — दक्षिण भारत का सबसे कुख्यात चंदन तस्कर। उसकी बेटी पैदा हुई एक ऐसे माहौल में:
- जहां हर कोई उसे अपराधी की संतान कहता,
- उसके माथे पर पिता का अपराध लिखा था,
- कोई उसके साथ चलना नहीं चाहता था,
- कोई उसे आश्रय देने को तैयार नहीं था,
- और वह समाज के लिए “अपराध का प्रतीक” बन चुकी थी।
किंतु RSS ने उसमें दोष नहीं, संभावना देखी।
3️⃣ RSS आगे क्यों आया?
क्योंकि यह संगठन तब हाथ थामता है जब कोई नहीं थामता**
जहां दुनिया ने उससे मुँह मोड़ लिया, RSS नज़दीक आया।
RSS ने उसे केवल आश्रय नहीं दिया —
RSS ने उसका भविष्य गढ़ा।
RSS ने उसे :
- सुरक्षा दी
- शिक्षा दी
- संस्कार दिए
- आत्मविश्वास दिया
- सम्मान का जीवन दिया
- करियर दिलाया
- और उसे एक सफल वकील बनाया
दृष्टिकोण स्पष्ट है:
- “परिस्थिति नहीं, व्यक्तित्व महत्वपूर्ण है।”
4️⃣ अगर RSS ने उसे न अपनाया होता — तो यह रहा वैकल्पिक भयावह भविष्य
- यहाँ वह सच दिखता है जिसे समाज अक्सर छुपा देता है।
- यदि RSS आगे नहीं आता, तो उसके जीवन के रास्ते कुछ ऐसे होते:
🔻 Alternative Scenario 1 — मिशनरी उसे “धर्मांतरण परियोजना” में बदल देते
- चर्च उसे गोद लेता,
- उसे “पीड़ित हिंदू” के रूप में प्रचारित करता,
- उसे नन बना देता,
- और हिंदू धर्म के विरुद्ध मानसिक रूप से तैयार करता।
इसका मतलब? एक संभावित सक्षम भारतीय लड़की को धर्म की राजनीति का औजार बना दिया जाता।
🔻 Alternative Scenario 2 — वामपंथी गैंग उसे अपनी “विक्टिम कार्ड” राजनीति में धकेल देते
- भारत और हिंदू समाज के खिलाफ जहर भरा जाता,
- उसे न्यू-सेकुलर गुट का मोहरा बना दिया जाता,
- NGOs उसकी कहानी को फंडिंग का हथियार बना देते,
- और उसका भविष्य अराजक राजनीति में खो जाता।
परिणाम? एक उज्ज्वल जीवन बर्बाद, और समाज के खिलाफ एक और हथियार।
🔻 Alternative Scenario 3 — उसे समाज की “घृणा” और “भय” के कारण अपराध में धकेल दिया जाता
- कोई उसे नौकरी नहीं देता,
- कोई उसे स्वीकार नहीं करता,
- उसकी पहचान उसे अपराध की दुनिया में धकेल देती,
- वह गलत संगत में पड़कर अपराधियों की राह पकड़ लेती।
यानी: एक निर्दोष बच्ची परिस्थितियों की शिकार बनकर अपने पिता के रास्ते पर ढकेल दी जाती।
🔻 Alternative Scenario 4 — गरीबी, शोषण और अशिक्षा उसकी नियति बन जाती
- उसे कोई शिक्षा नहीं देता,
- गरीबी में जीती,
- शोषण का आसान निशाना बन जाती,
- और उसकी पहचान केवल “वीरप्पन की बेटी” तक सीमित रहती।
यानी: समाज का एक और खोया हुआ मानव संसाधन।
🔻 Alternative Scenario 5 — कट्टरपंथी तत्व उसे “प्रतिशोध की कहानी” बनाकर इस्तेमाल करते
- उसे यह बताया जाता कि समाज ने उसके पिता को मारा,
- उसके अंदर नफरत भरी जाती,
- और उसे कट्टर विचारधारा का औजार बना दिया जाता।
यह सबसे खतरनाक परिणाम होता।
5️⃣ RSS का काम — विनाश नहीं, निर्माण
RSS एकमात्र संगठन है जो:
- जीवन बदलता है
- मूल्यों को स्थापित करता है
- संस्कार देता है
- चरित्र निर्माण करता है
- समाज को जोड़ता है
- राष्ट्र को मजबूत करता है
- और व्यक्ति को योग्य बनाता है
RSS के कार्य में न राजनीति है, न स्वार्थ — बस कर्तव्य और करुणा है।
6️⃣ क्यों RSS आज भी अपराजेय है?
80 वर्षों में:
- वामपंथियों ने इसे गाली दी
- मिशनरियों ने इसे बदनाम किया
- विदेशी NGOs ने अभियान चलाए
- राजनीतिक दलों ने इसे खतरा बताया
- मीडिया के एक वर्ग ने इसे निशाना बनाया
लेकिन क्या हुआ?
- RSS और मजबूत हुआ
- समाज का भरोसा RSS पर बढ़ा
- हर आपदा—बाढ़, सूखा, महामारी—में RSS सबसे पहले पहुंचा
- राष्ट्रवाद की भावना RSS ने जगाई
- हिंदू एकता RSS ने बनाई
क्योंकि RSS काम से जवाब देता है, आवाज़ से नहीं।
7️⃣ RSS क्या है?
यह एक संगठन नहीं
- यह संस्कार है।
- यह सेवा है।
- यह राष्ट्रधर्म है।
- यह सनातन की रीढ़ है।
RSS:
- अनाथ को परिवार देता है
- गरीब को शिक्षा देता है
- पीड़ित को सहारा देता है
- समाज को संरचना देता है
- और भारत को शक्ति देता है
और हमारी विरोधी पार्टियाँ उन्हें इसलिए गालियाँ देती हैं क्योंकि वे खुद देश को लूटती हैं। और RSS को इसलिए कोसती हैं क्योंकि RSS बिना स्वार्थ के सच्ची सेवा करता है।
8️⃣ वीरप्पन की बेटी की कहानी — RSS के चरित्र की सबसे सुंदर मिसाल
RSS ने सिद्ध किया:
- मनुष्य उसका अतीत नहीं, उसका भविष्य है
- परिस्थिति नहीं, क्षमता महत्वपूर्ण है
- अवसर नहीं, संस्कार मनुष्य को ऊँचा बनाते हैं
- समाज उसे गिराए, RSS उसे उठाता है
वीरप्पन की बेटी केवल एक लड़की नहीं —
- वह RSS के मूल्य और भारत की मानवता की प्रतीक है।
9️⃣ निष्कर्ष — RSS ज़िंदाबाद क्यों?
क्योंकि RSS:
- भारत को जोड़ता है
- समाज को उठाता है
- संस्कार देता है
- और राष्ट्र की आत्मा को मजबूत रखता है
- “जहां बाकी सब दीवार खड़ी करते हैं, RSS वहां सेतु बनाता है।”
- “क्योंकि यह विनाश नहीं, निर्माण की संस्कृति है।”
- “क्योंकि यह भारत के भविष्य को सुरक्षित बनाता है।”
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈
