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भारत पर मंडराता असली खतरा

सबसे बड़ा प्रचंड खेल – भारत पर मंडराता असली खतरा

भारत पर मंडराता असली खतरा

आज भारत सिर्फ़ चुनावी राजनीति का मैदान नहीं है।

  • यह एक वैश्विक युद्ध है — जहाँ राष्ट्रवाद बनाम वैश्विक षड्यंत्र की टक्कर हो रही है।
  • और इस पूरे खेल का मोहरा बना दिया गया है — राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन को।

1️⃣ पहला वार – बेल की राजनीति

राहुल गांधी ने पिछले सालों में दर्जनों मामलों में बेल ली।
👉 उद्देश्य सिर्फ़ इतना था कि जनता के सामने अपनी छवि “सिस्टम के खिलाफ़ योद्धा” की बने।
👉 असलियत यह है कि बेल लेने का खेल केवल राजनीतिक ड्रामा था, ताकि झूठा नैरेटिव खड़ा किया जा सके – देखो, मोदी सरकार मुझे दबा रही है।

2️⃣ सीधा निशाना – चुनाव आयोग

आज विपक्ष का असली हमला सरकार पर नहीं, बल्कि चुनाव आयोग पर है।
क्योंकि अगर आयोग की साख टूट जाए, तो सरकार को भी अवैध साबित करना आसान है।
👉 यही वजह है कि बार-बार विपक्ष यह रोता है – लोकतंत्र खतरे में है, आयोग बिक चुका है, वोटर लिस्ट से नाम गायब हैं।

लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयोग ने 65 लाख नामों की सूची महज़ 56 घंटे में जारी कर दी, तब सारा खेल बेनक़ाब हो गया।
अब सच्चाई साफ़ है –
🔹 फर्जी वोटर बाहर
🔹 असली वोटर सुरक्षित

3️⃣ विद्रोह की उद्घोषणा

राहुल ने अब खुलकर कहा – सरकार के किसी भी फैसले को नहीं मानेंगे!
👉 यह महज़ बयान नहीं, बल्कि संविधान के खिलाफ सीधा विद्रोह है।
👉 लोकतंत्र में हार मानने की बजाय सिस्टम तोड़ने का यह ऐलान है।

4️⃣ हिंसा का रोडमैप

राहुल अकेले नहीं है। इसके पीछे खड़े हैं वो हिंसक गिरोह और विदेशी ताकतें जो भारत को अंदर से तोड़ना चाहते हैं।

✅ वामपंथी छात्र संगठन
✅ शहरी नक्सली नेटवर्क
✅ कट्टर जिहादी संगठन
✅ खालिस्तानी लॉबी
✅ चर्च के कट्टरपंथी ग्रुप

ये सब राहुल के पीछे लामबंद हैं। विदेशी ताक़तें — CIA, ISI, और NGO लॉबी — पहले ही ग्राउंड पर एक्टिव हैं।

5️⃣ बड़े नेटवर्क की एंट्री

👉 PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया)
👉 दारुल इस्लाम
👉 ISI के स्लीपर सेल
👉 विदेशी फंडिंग वाले NGOs

ये नेटवर्क पहले भी CAA विरोध और किसान आंदोलन जैसी घटनाओं में हिंसा फैला चुके हैं। अब इन्हें फिर से एक्टिव किया जा रहा है।

6️⃣ विद्रोह की शुरुआत – बंगाल और केरल

यह कोई इत्तेफ़ाक नहीं कि हिंसा की शुरुआत हमेशा बंगाल और केरल से होती है।
👉 दोनों जगह पर वामपंथी और कट्टरपंथी नेटवर्क मज़बूत हैं।
👉 दोनों राज्य भारत की राजनीतिक स्थिरता को हिलाने का लॉन्चपैड बनते हैं।

इसके बाद यह लहर सीधे दिल्ली घेराबंदी तक जाएगी। लाखों की भीड़ राजधानी पहुँचाई जाएगी और संसद को टारगेट किया जाएगा।

7️⃣ रक्षा तंत्र पर हमला

अगला कदम और भी खतरनाक है –
👉 पुलिस और सेना पर सीधा हमला।
👉 सुरक्षा तंत्र को कमजोर करना ताकि अराजकता फैलाई जा सके।

ये सब उसी वामपंथीअंतरराष्ट्रीय एजेंडे का हिस्सा है जो मोदी को हटाकर भारत को कमजोर देखना चाहता है।

⚠️ असली मकसद

  • चुनाव आयोग को अविश्वसनीय साबित करना
  • मोदी सरकार को अवैध बताना
  • देश के अंदर अराजकता और हिंसा फैलाना
  • अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहना कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है
  • विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप का बहाना बनाना

🚨 सबसे बड़ा खतरा – हमारी अपनी कमजोरी

👉 यह लड़ाई सिर्फ़ मोदी सरकार की नहीं है।
👉 यह लड़ाई हर राष्ट्रवादी, हर हिंदू, हर सनातनी संगठन की है।

लेकिन सबसे दुखद सच्चाई यह है कि हम आज भी बिखरे हुए हैं।
✅ कोई साझा रणनीति नहीं।
✅ कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं।
✅ कोई संगठित नेतृत्व नहीं।
✅ और सबसे गंभीर बात – आत्मरक्षा और प्रतिकार की तैयारी नहीं।

🛑 सच्चाई यह है

🔹 विपक्षी और विदेशी नेटवर्क पूरी तरह तैयार हैं।
🔹 उनके पास हथियार, पैसा, ट्रेनिंग और एक्शन प्लान है।
🔹 वे एक इशारे पर सड़क पर उतर सकते हैं।
🔹 उनका संगठन अनुशासित और आक्रामक है।

और दूसरी ओर…
👉 हमारे पास संघ, बजरंग दल, VHP, मंदिर ट्रस्ट, सामाजिक संगठन तो हैं, लेकिन इन सबमें एकता और साझा रणनीति नहीं है।
👉 हमारे पास न पर्याप्त आत्मरक्षा की तैयारी है, न हथियार, न संगठनात्मक अनुशासन।
👉 हम सोचते हैं कि सरकार और पुलिस हमें बचा लेगी।

लेकिन सवाल यह है –
🚨 जब भीड़ अचानक हमला करती है, तब तक पुलिस और सेना पहुँचने में समय लगता है।
🚨 अगर हम खुद तैयार नहीं होंगे, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं।

✊ अब क्या करना होगा?

👉 सभी सनातनी और राष्ट्रवादी संगठनों को तुरंत एक साझा मंच बनाना होगा।
👉 स्पष्ट रणनीति और ग्राउंड एक्शन प्लान तैयार करना होगा।
👉 आत्मरक्षा और सामूहिक रक्षा के लिए ट्रेनिंग, साधन और संसाधन जुटाने होंगे।
👉 हमें तय करना होगा – अगर हिंसा भड़की, तो कौन, कहाँ और कैसे कार्रवाई करेगा।
👉 हमें न सिर्फ़ बचाव, बल्कि प्रतिकार (retaliation) की भी क्षमता विकसित करनी होगी।

🚩 आख़िरी चेतावनी

आज जो खेल खेला जा रहा है, वह किसी आम चुनाव की राजनीति नहीं है।
यह भारत को तोड़ने की सोची-समझी साजिश है।
👉 अगर हम अब भी बिखरे और निष्क्रिय रहे, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी।

अब वक्त है —
✅ एकता का
✅ रणनीति का
✅ तैयारी का
✅ और सनातनी शक्ति के जागरण का

क्योंकि…
अगर हम तैयार नहीं हुए, तो अगला भारत का इतिहास भी विश्वासघात और पराजय से लिखा जाएगा।

🚨 जागो भारतवासियों!
🇮🇳✊🚩 अब या कभी नहीं।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

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