जब सहनशीलता अपनी सीमा पार कर जाती है, तब एकता और कार्रवाई ही समाज की ताकत बनती है। आज समय है हिन्दू समाज के जागरण और संगठित कदमों का।
- सदियों से हिन्दू अन्याय, अत्याचार और अपमान सहते आ रहे हैं। हमने “वसुधैव कुटुम्बकम्” (सारा संसार एक परिवार है) को अपनाया।
- लेकिन इतिहास ने हमें एक कड़वा सच सिखाया है – जब हम आक्रमण के सामने चुपचाप सहनशील बने रहते हैं, तो हमें सम्मान नहीं मिलता—हमें कुचला जाता है।
- आज हम अखबार की कतरनें, सोशल मीडिया पोस्ट, वीडियो शेयर करके कांग्रेस के पाप, जिहादी हिंसा और उस पूरे एंटी-हिन्दू इकोसिस्टम की सच्चाई फैलाते हैं।
- यह जागरूकता तो फैलाता है, लेकिन सच मानिए—जागरूकता बिना कार्रवाई बेकार है। इससे बस अव्यवस्था और शोर पैदा होता है।
- हमारे शत्रु हमारे शब्दों से नहीं डरते; वे केवल हमारी एकता और शक्ति से डरते हैं।
✦ आक्रामक शत्रु इकोसिस्टम
कांग्रेस और विपक्ष की राजनीति
- 1947 से 2014 तक हर कानून, हर नीति और हर संशोधन मुसलमानों के फायदे और हिन्दुओं को कमजोर करने के लिए बने।
- कश्मीरी पंडितों को अधिकारों से वंचित करना, राम मंदिर को रोके रखना, धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं का दमन—यह कांग्रेस की पहचान रही।
- उनका अंतिम लक्ष्य हमेशा मुस्लिम वोट पक्का करना और सत्ता में रहकर भारत को लूटना रहा।
इस्लामिक जिहाद के अलग–अलग रूप
- आज हिन्दू समाज पर कई तरह के जिहाद थोपे जा रहे हैं—लव जिहाद, लैंड जिहाद, पॉपुलेशन जिहाद, इकोनॉमिक जिहाद, रिफ्यूजी जिहाद, और खुला आतंकी जिहाद।
- यह सब योजनाबद्ध तरीके से हिन्दू समाज को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है—औरतों को निशाना बनाकर, जमीन हथियाकर, जनसंख्या संतुलन बिगाड़कर और आतंक फैला कर।
ईसाई मिशनरी और पश्चिमी हस्तक्षेप
- मिशनरी संगठित अभियान चला रहे हैं गरीब हिन्दुओं को धर्मांतरित करने का।
- विदेशी NGO मानवाधिकार और चैरिटी का मुखौटा लगाकर हिन्दू समाज को बांटने और सनातन पर हमला करने में लगे हैं।
एंटी–हिन्दू इकोसिस्टम
- वामपंथी, नकली सेकुलर, मीडिया और न्यायपालिका का बड़ा हिस्सा खुलेआम विरोधियों के साथ खड़ा है।
- बॉलीवुड ने दशकों तक आक्रांताओं को महिमामंडित किया और हिन्दुओं को मज़ाक बना दिया।
- शिक्षा में हमें झूठा इतिहास पढ़ाया गया—जहाँ लुटेरों और हत्यारों मुगलों को महान बताया गया और महाराणा प्रताप, शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह जैसे असली नायकों को दबा दिया गया।
✦ हालात क्यों बिगड़ रहे हैं
समस्या यह नहीं है कि हमारे दुश्मन बहुत ताकतवर हैं—समस्या यह है कि हिन्दू समाज निष्क्रिय और बंटा हुआ है।
- दशकों से हमने अन्याय सहा और सोचा कि समय बदल जाएगा।
- प्रतिकार न करके हमने अपने घर, मंदिर, जमीन और बेटियों को दुश्मनों के लिए आसान शिकार बना दिया।
- जाति और प्रांत के झगड़ों में बंटे रहे, कभी एकजुट हिन्दू समाज की तरह खड़े नहीं हुए।
यही चुप्पी हमारे शत्रुओं को और ज्यादा उग्र बना रही है।
✦ इतिहास से सबक
1947 का विभाजन
- मुस्लिम लीग को खुश करने के लिए कांग्रेस ने विभाजन स्वीकार किया और पाकिस्तान/बांग्लादेश में हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ।
- आज भी वहाँ के हिन्दू दोयम दर्जे के नागरिक हैं। यही हालात भारत में होंगे अगर हम चुप रहे।
कश्मीरी हिन्दुओं की त्रासदी
- 1990 में “रालिव, चालिव, गालिव” के नारे लगे और कश्मीरी पंडित अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए।
- दशकों तक कांग्रेस और सेकुलर सरकारें मौन रहीं क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट चाहिए थे।
वीर पूर्वजों की विरासत
जब-जब हिन्दू एकजुट होकर लड़े, दुश्मन कांप उठा।
- महाराणा प्रताप ने अकबर जैसे सम्राट को चुनौती दी।
- छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य खड़ा करके मुगलों को भयभीत कर दिया।
- गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा बनाकर अत्याचारियों के खिलाफ अजेय सेना खड़ी की।
इतिहास का स्पष्ट संदेश है: सम्मान शक्ति से मिलता है। कमजोरी केवल विनाश लाती है।
✦ आगे का रास्ता
आज हमें समझना होगा कि हमारे शत्रु केवल शक्ति की भाषा समझते हैं।
- जाति–प्रांत से ऊपर उठकर एकजुट हों – हमारी पहचान पहले हिन्दू है, बाकी सब बाद में।
- प्रतिकार की तैयारी करें – हर हमले का जवाब और बड़ी ताकत से देना होगा।
- राष्ट्रीय नेतृत्व को मज़बूत करें – मोदी सरकार ने विदेशी NGO, विपक्षी षड्यंत्र और वैश्विक दबाव को नियंत्रित किया है। हमें उन्हें और मजबूत करना है।
- हिन्दू संस्थाएँ खड़ी करें – शिक्षा, मीडिया, कानून और संस्कृति के लिए हमारे अपने मजबूत संस्थान बनें।
- भविष्य के लिए तैयार रहें – जनसंख्या युद्ध, विचारधारा का ज़हर और आतंक—इन सबका सामना करने के लिए हमें सामाजिक, राजनीतिक और मानसिक रूप से तैयार होना होगा।
✦ समय निकल रहा है
- अगर हिन्दू समाज ने अब भी कार्रवाई नहीं की, तो भविष्य अंधकारमय है। भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा इस्लामी विफल राष्ट्र बन सकता है, जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक होकर प्रताड़ित होंगे।
- लेकिन अगर हम एकजुट होकर, अपने पूर्वजों की तरह शक्ति और साहस से खड़े होते हैं, तो कोई ताकत सनातन धर्म को मिटा नहीं सकती।
- अब और पीड़ित बनने का समय नहीं—अब फिर से योद्धा बनने का समय है।
🚩🕉️ जय सनातन! जय भारत! 🕉️🚩
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