यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी
- आज के भारत में एक बेहद खतरनाक प्रवृत्ति देखी जा रही है –
आतंकवादियों के लिए मानवाधिकार, लेकिन
देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को कोर्ट में घसीटा जाता है। - कर्नल ए.एन. रॉय के शब्द सीधे दिल को चीरते हैं:
“आतंकवादी पैदा ही मारे जाने के लिए होते हैं। उन्हें कोई अधिकार नहीं मिलने चाहिए — वे इंसान ही नहीं हैं।“
सच्चाई ये है:
- मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होते हैं,
ना कि जेहादियों, आतंकियों या कट्टरपंथी धर्म प्रचारकों के लिए, जो मानवता के शत्रु हैं। - चाहे वे कट्टर इस्लामी विचारधारा से जुड़े हों या कट्टर ईसाई मिशनरी नेटवर्क से —इनका एक ही एजेंडा है:
- स्थानीय संस्कृतियों का विनाश, जबरन धर्मांतरण और पूरी दुनिया पर धार्मिक शासन।
🔥 जब सैनिकों को बनाया जाता है अपराधी
गनर ऋषि कुमार का मामला देखिए —
दो आतंकियों को आत्मरक्षा में मार गिराया।
सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन मिला कोर्ट का नोटिस, पुलिस पूछताछ और वर्षों की मानसिक प्रताड़ना।
अब उनसे पूछे जाते हैं ऐसे बेहूदा सवाल:
- “क्या वो सच में आतंकी थे?”
- “क्या उन्हें आत्मसमर्पण का मौका दिया?”
- “उन्होंने तो पहले गोली नहीं चलाई, तुमने क्यों चलाई?”
- तो क्या अब सैनिक को मरना मंज़ूर है, लेकिन जवाबी कार्रवाई नहीं?
- इसी बीच,
बाजारों में बम लगाने वाले, बच्चों के गले काटने वाले, बसों को जलाने वाले जेहादी और ईसाई धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले लोग
“मानवाधिकार” के नाम पर सुरक्षित हैं!
यह न्याय नहीं – यह आत्महत्या है, सभ्यता की।
💣 असली खतरा: जेहाद + धर्मांतरण + वैश्विक कट्टरवाद
आज की सबसे बड़ी लड़ाई बंदूकों से नहीं,
बल्कि धार्मिक युद्धों और विचारधाराओं की कट्टरता से हो रही है।
- जेहादी हथियार और बम लेकर आते हैं।
- मिशनरी पैसा, भावनात्मक धोखा और जबरन धर्मांतरण की योजनाएं लेकर आते हैं।
दोनों का लक्ष्य एक ही है:
- स्थानीय संस्कृति का सफाया और एक वैश्विक धार्मिक साम्राज्य की स्थापना।
- वे शांति नहीं लाते – वे अधीनता लाते हैं।
इतिहास गवाह है:
- दुनिया के अधिकतर धार्मिक युद्ध, सिर्फ दो विचारधाराओं से निकले हैं —
इस्लाम और ईसाई धर्म। - सुन्नी बनाम शिया, कैथोलिक बनाम प्रोटेस्टैंट,
और पूरे विश्व में आदिवासी, मूल धर्मों और सभ्यताओं पर हमले —
सबका खून इनकी किताबों से टपकता है।
शांति और प्रेम का दावा करने वाले धर्मों ने, दुनिया को सबसे अधिक रक्त और युद्ध दिए हैं।
☢️ परमाणु युग में अंतिम चेतावनी
- आज का युग सीमाओं का युद्ध नहीं,
बल्कि धर्म की कट्टरता, अहंकार और असहिष्णुता का युद्ध है। - दुनिया में आज 13,000 से ज्यादा परमाणु हथियार मौजूद हैं।
विनाश अब कल्पना नहीं — निकट भविष्य की सच्चाई है। - अगर हमने समय रहते आपसी सम्मान, धार्मिक सह–अस्तित्व और सांस्कृतिक रक्षा को नहीं अपनाया,
तो ये दुनिया खुद को ही मिटा देगी।
🇮🇳 भारत दिखाएगा दुनिया को रास्ता
- भारत, सनातन धर्म की भूमि, जिसने हमेशा कहा —
“वसुधैव कुटुम्बकम्” – पूरी पृथ्वी एक परिवार है। - लेकिन जब परिवार का कोई सदस्य,
बाकियों को धर्म बदलने, मारने और गुलाम बनाने की कोशिश करे —
तो परिवार नहीं, युद्ध शुरू होता है।
अब समय है कि हम:
- आतंकियों के नहीं, सैनिकों के साथ खड़े हों।
- विदेशी पैसों से चल रहे धर्मांतरण के माफियाओं का पर्दाफाश करें।
- ऐसे कानूनों में बदलाव करें, जो आतंकियों और धर्मांतरण करने वालों को “पीड़ित” बनाते हैं।
- उस नकली सेकुलरिज्म का नकाब हटाएं, जो मानवता के दुश्मनों को संरक्षण देता है।
- और सबसे अहम – भारत को विश्व का नैतिक नेता बनाएं, जो सच्ची शांति और संतुलन की बात करे।
✊ आतंकियों को बचाना मानवता नहीं, गद्दारी है।
- सैनिकों को सजा देना न्याय नहीं, कायरता है।
अपने धर्म, संस्कृति और सभ्यता की रक्षा करना आतंक नहीं, अस्तित्व की शर्त है। - अब समय है कि हम सैनिकों का सम्मान करें,
मानवता के असली शत्रुओं को बेनकाब करें,
और सत्य और न्याय की पुनर्स्थापना करें।
अगर आज नहीं जागे —
तो आख़िरी युद्ध जीतने का नहीं होगा,
बल्कि यह तय करेगा कि सबसे आख़िर में कौन खत्म होगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈
➡Telegram Group: https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdl
➡WhatsApp Group: https://chat.whatsapp.com/HxGZvlycYPlFvBO17O3eGW