यह भारत का दुर्भाग्य है कि एक ओर, हमारे देश को “सर्वधर्म समभाव” और “समान न्याय” का आदर्श बताया जाता है, और दूसरी ओर, समानता और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर “पक्षपात” और “दोहरे मापदंड” अपनाए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान अभिनेता अनुपम खेर ने जो सवाल उठाए, वे केवल उनके नहीं, बल्कि पूरे भारत के जागरूक नागरिकों के सवाल हैं।
तीन तलाक और न्याय का प्रश्न
जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर तीन तलाक इस्लाम का धार्मिक मामला है, तो इसमें दखल नहीं दिया जाएगा, तो यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि:
जलीकट्टू, दही हांडी, गोहत्या, और राम मंदिर जैसे हिंदू धार्मिक मामलों में क्यों हस्तक्षेप किया जाता है?
क्या हिंदू धर्म को धर्म के रूप में मान्यता नहीं दी जाती, या यह केवल मुसलमानों की धमकियों का डर है?
अगर कुरान में लिखे गए “तीन तलाक” को मान्यता दी जा सकती है, तो पुराणों में लिखे “राम के अयोध्या में जन्म” को क्यों नहीं?
दोहरे मापदंड:
गोमांस और सुअर का मांस:
गाय का मांस खाना या न खाना व्यक्तिगत पसंद है, लेकिन सुअर का मांस उनके धर्म के खिलाफ है।
महिलाओं के अधिकार:
शनि शिंगणापुर में महिलाओं का प्रवेश न देना अत्याचार है, लेकिन हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश न देना उनका धार्मिक अधिकार है।
धार्मिक क्रियाएं:
जल्लीकट्टू में जानवरों पर अत्याचार होता है, लेकिन बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी इस्लाम की शान है।
शिवजी पर दूध चढ़ाना दूध की बर्बादी है, लेकिन मजारों पर चादर चढ़ाने से मन्नतें पूरी होती हैं।
जनसंख्या नियंत्रण:
“हम दो, हमारे दो” परिवार नियोजन है, लेकिन अधिक बच्चे पैदा करना अल्लाह की नियामत है।
अभिव्यक्ति की आजादी:
“भारत तेरे टुकड़े होंगे” कहना अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन “वंदे मातरम” कहने से धर्म खतरे में पड़ जाता है।
सैनिकों और आतंकवाद का फर्क:
सैनिकों पर पत्थर फेंकने वाले भटके हुए नौजवान हैं, लेकिन जवाबी कार्रवाई करने वाले सैनिक मानवाधिकारों के दुश्मन बन जाते हैं।
एक दरगाह पर विस्फोट को “हिंदू आतंकवाद” कह दिया गया, लेकिन रोजाना बम विस्फोट करने वाले आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं है।
युवाओं के लिए संदेश:
समानता के अधिकार के लिए जागरूक बनें:
किसी भी धर्म, जाति, या समुदाय को विशेषाधिकार देकर दूसरे को कमजोर करना सही नहीं।
न्याय का साथ दें:
अगर किसी एक धर्म के नियमों का सम्मान किया जा सकता है, तो दूसरे धर्मों के साथ भेदभाव क्यों?
धर्म और राजनीति के दुरुपयोग को पहचानें:
तुष्टीकरण और पक्षपात की राजनीति से देश को कमजोर किया जा रहा है।
साझा करें, जागरूक बनें
अगर यह विचार आपको सही लगते हैं, तो इसे अपने मित्रों और परिवार तक पहुँचाएं। हमें समानता, न्याय और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।
जय हिंद, जय भारत!
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