सनातन धर्म
🌏 1. सनातन धर्म — सबसे प्राचीन, सबसे मानवीय और सबसे प्रासंगिक मार्ग
सनातन धर्म कोई संकीर्ण धर्म नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जो सत्य, करुणा, अहिंसा, ज्ञान और विश्व–कल्याण पर आधारित है। यह कहता है —
- “वसुधैव कुटुम्बकम्“ — पूरा संसार एक परिवार है
- “सर्वे भवन्तु सुखिनः“ — सभी प्राणी सुखी हों
- “एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति“ — सत्य एक है, पर ज्ञानी उसे कई रूपों में बताते हैं
> भारत वह भूमि है जहाँ धार्मिक सहिष्णुता और विविधता को केवल सहन नहीं किया जाता, बल्कि सम्मानपूर्वक स्वीकार किया जाता है।
> परन्तु इतने उच्च आदर्शों के बावजूद, सनातन धर्म पिछले 1,500 वर्षों से सतत् हमलों और विनाश का शिकार रहा है।
⚔️ 2. इस्लामी आक्रमण: लहू, आग और विश्वासघात के 800 वर्ष
8वीं शताब्दी से लेकर औरंगजेब तक गजनी, गोरी, खिलजी, तुगलक, बाबर, अकबर और औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भारत पर धावा बोला:
- करोड़ों हिन्दुओं का नरसंहार किया,
- हजारों मंदिर तोड़े गए,
- बलात धर्मांतरण कराए गए,
- स्त्रियों के साथ अमानवीय अत्याचार हुआ,
- भारत की अपार संपत्ति को लूटा गया।
- फिर भी सनातन धर्म नहीं टूटा। राजपूत, मराठा, सिख और आम जन डटे रहे, लड़े और धर्म की रक्षा की।
- भले ही कुछ हिन्दू राजाओं ने व्यक्तिगत स्वार्थ में इस्लामी आक्रांताओं का साथ दिया, पर धर्म की लौ बुझने नहीं दी गई।
🏴☠️ 3. ब्रिटिश राज: शरीर और आत्मा दोनों की ग़ुलामी
जब भारत इन आक्रांताओं से उबर ही रहा था, ब्रिटिश व्यापारी आए और सत्ता हथिया ली।
- गुरुकुल और वैदिक शिक्षा को नष्ट किया,
- अंग्रेज़ी थोपकर मानसिक ग़ुलामी पैदा की,
- जाति और भाषा के आधार पर हिन्दुओं को बांटा,
- मिशनरियों के ज़रिये धर्मांतरण को बढ़ावा दिया,
- भारत की अकूत संपत्ति को लूट लिया।
और इसके खिलाफ एक बार फिर भगत सिंह, सावरकर, नेताजी, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे जैसे रणबांकुरों ने धर्म और राष्ट्र की रक्षा का संकल्प लिया।
🇮🇳 4. विभाजन: खून और साजिश के साथ मिली अधूरी आज़ादी
1947 में मिली आज़ादी सच्ची आज़ादी नहीं थी, बल्कि एक धार्मिक साजिश के तहत हुई:
- भारत का विभाजन धर्म के आधार पर किया गया,
- पाकिस्तान मुस्लिमों के लिए बना, लेकिन 3 करोड़ मुस्लिम भारत में ही रखे गए,
- जिन्ना, नेहरू और गांधी की गंदी राजनीति ने हिन्दुओं के हितों से विश्वासघात किया।
उसके बाद कांग्रेस ने भारत को 65 वर्षों तक ग़ुलामी की मानसिकता में बनाए रखा।
⚖️ 5. कांग्रेस का राज: तुष्टीकरण, जातिवाद और विभाजन की राजनीति
कांग्रेस शासन में:
- 250 से अधिक संविधान संशोधन किए गए — ज़्यादातर मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए,
- धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू पहचान पर प्रहार किया गया,
- हिन्दुओं को जाति, समुदाय, भाषा में बांटा गया,
- अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजनाएं और हिन्दुओं के अधिकारों का हनन हुआ,
- भारतीय शिक्षा और संस्कृति को नष्ट कर गुलाम मानसिकता को बनाए रखा।
कांग्रेस ने भारत को इस्लामीकरण और आत्मविस्मृति के रास्ते पर धकेल दिया।
🌅 6. मोदी युग: भारत का आत्मजागरण और पुनरुत्थान
2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नया भारत उभरा:
- भ्रष्टाचार–मुक्त शासन,
- मजबूत बुनियादी ढांचा और तेज़ विकास,
- विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था,
- मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया,
- काशी, अयोध्या, केदारनाथ जैसे तीर्थ पुनः जाग्रत हुए,
- स्वदेशी रक्षा उपकरण, आत्मनिर्भर भारत,
- विश्व मंचों पर भारत की नेतृत्व भूमिका,
- और सबसे बड़ा कार्य — सनातन धर्म और भारतीय अस्मिता का गौरव पुनः स्थापित किया गया।
भारत अब केवल एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक पुनर्जीवित सभ्यता है।
🧨 7. आज की चुनौतियाँ: जिहाद, जनसंख्या और षड्यंत्रों का जाल
किन्तु युद्ध अब भी जारी है:
- इस्लामी जिहाद, आतंकवाद और घुसपैठ,
- बांग्लादेशी और रोहिंग्या जैसे अवैध घुसपैठिए,
- जनसंख्या विस्फोट,
- वामपंथी, मीडिया और विपक्षी दलों की भारत विरोधी गतिविधियाँ,
- विदेशी NGO और वैश्विक ताकतें जो भारत को रोकना चाहती हैं,
- विपक्षी दल आज भी मुस्लिम तुष्टीकरण और सत्ता की लालसा में अंधे हैं।
मोदीजी और BJP आज भी इन समस्त शक्तियों के विरुद्ध संघर्षरत हैं — भारत और सनातन धर्म के लिए।
🕉️ सनातन धर्म जिंदा है — क्योंकि हमने हार मानना सीखा ही नहीं
- हम 1,500 वर्षों तक टूटे, दबे, पर कभी मिटे नहीं।
- आज यह समय है धर्मयुद्ध का — अस्तित्व, अस्मिता और अगली पीढ़ियों की रक्षा का।
- अब तटस्थ रहने का समय नहीं।
- अब निर्णय लेने और संघर्ष में उतरने का समय है।
🪔 यही है पुनर्जागरण का युग।
- यही है वास्तविक स्वतंत्रता का प्रारंभ।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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