सनातन धर्म संकट में है
आज भारत, सनातन धर्म और हिन्दू समाज एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि यह संकट केवल बाहरी नहीं है, यह हमारी अपनी उदासीनता, भ्रम और आत्म-केंद्रितता का भी परिणाम है। हमारे मंदिर भरे हुए हैं, पूजा-पाठ चलता है, दान-दक्षिणा बह रही है — फिर भी सनातन धर्म खतरे में है।
आज का तथाकथित “धर्म” केवल दो बातों पर केंद्रित है:
1. इच्छाओं की पूर्ति का बाज़ार:
धर्म अब एक सौदेबाज़ी बन गया है। हर परेशानी के लिए अलग देवता, अलग जप, अलग पूजा। हमारे तथाकथित “धार्मिक गुरु” पूजा और अनुष्ठानों को इस तरह बेचते हैं जैसे किसी दुकान में वस्तुएं बिकती हों — मनचाहा फल पाने की गारंटी के साथ।
- ये संत हमें बताते हैं कि फलां मंत्र जपो, चालीसा पढ़ो, तीर्थ यात्रा करो — और हमारी सारी समस्याएं हल हो जाएंगी।
- हम लाखों खर्च करते हैं, अनुष्ठानों में फंसते हैं और उनके आश्रमों, मंदिरों और प्रतिष्ठानों को समृद्ध करते हैं।
- कई लोग तो इच्छाओं की पूर्ति के लिए मुस्लिम पीरों की मजारों तक जाने लगे हैं — यह हमारे धर्म की स्थिति पर गंभीर प्रश्न है।
2. पुण्य, पाप और स्वर्ग–नरक का डर:
आज धर्म इस बात पर केंद्रित है कि कैसे पुण्य कमाएं और पाप धो डालें।
- अलग-अलग तरह के दान के नाम पर डर फैलाया जा रहा है कि स्वर्ग तभी मिलेगा जब दान देंगे, पूजा करवाएंगे, इतने रुपए खर्च करेंगे।
- वे लोग हमें नामापराध और तरह-तरह के अपराधों की कहानियों में उलझाकर और भय पैदा करके पैसा निकालते हैं।
यह सारा खेल हमारी असली आध्यात्मिक यात्रा को भुला चुका है — ज्ञान, भक्ति, आत्मान्वेषण और परमात्मा की प्राप्ति।
सच्चा सनातन धर्म क्या कहता है?
सनातन धर्म संकट में है, क्योंकि हम अपने कर्म और प्रारब्ध को समझने के बजाय शॉर्टकट ढूंढ़ते हैं। आपकी सारी सुख-दुख की स्थितियाँ पूर्व जन्मों के संचित प्रारब्ध का फल हैं। न कोई पूजा इसे बदल सकती है, न ही कोई अनुष्ठान। स्वयं महापुरुषों और संतों ने भी अपने प्रारब्ध भोगे हैं — फिर हम क्यों शॉर्टकट की तलाश में हैं?
राष्ट्र पर हमला है, पर रक्षक कहाँ हैं?
जब हम अपनी इच्छाओं और ऐश्वर्य की दौड़ में व्यस्त हैं, तब एक बहुत ही सुनियोजित षड्यंत्र भारत को नष्ट करने में लगा है:
- विपक्षी दल मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर वोटबैंक बना रहे हैं।
- वामपंथी, लुटियन मीडिया, विदेशी फंडेड NGO, और इस्लामिक जिहादी संगठन देश को अस्थिर करने में लगे हैं।
- मुस्लिम युवा कट्टर, उग्र और संगठित हो चुके हैं।
- हमारे न्यायालय और नौकरशाही, दशकों पुरानी कांग्रेस संस्कृति में फंसे हैं और मोदी सरकार के विरुद्ध बाधा बन रहे हैं।
और दूसरी ओर हमारा हिन्दू युवा, विशेषतः पढ़ा-लिखा, समृद्ध और तथाकथित सेक्युलर, केवल अपने करियर, पार्टी और परिवार में व्यस्त है। न इन्हें चुनावों से मतलब है, न हिन्दू समाज से। इनके लिए सब “ठीक” है — जब तक इनका जीवन ठीक चल रहा है।
अगर हम असफल हुए तो परिणाम क्या होगा?
- अगर हमने अब भी कुछ नहीं किया:
- भारत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और लेबनान जैसा बन जाएगा।
- मंदिर या तो बंद हो जाएंगे या मस्जिद बना दिए जाएंगे।
- हिन्दू या तो धर्म बदलेंगे, मारे जाएंगे, या गुलाम बन जाएंगे — जैसे 1947 में हुआ।
- सनातन धर्म इतिहास बन जाएगा।
और ये तथाकथित धर्मगुरु भी तब गायब हो जाएंगे — क्योंकि फिर हिन्दू ही नहीं बचेंगे।
हमारे हिन्दुत्व संगठन क्या कर रहे हैं?
RSS, VHP, बजरंग दल, अखाड़ा परिषद और कई अन्य संगठन अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन एकजुट नहीं हैं।
आपस में मतभेद, अहम, और दृष्टिकोण का टकराव इतना है कि मिलकर कोई साझा एजेंडा बना ही नहीं पा रहे।
इसके विपरीत विरोधी खेमा एकजुट, संगठित और केवल एक उद्देश्य पर केंद्रित है — मोदी को हटाना, चाहे देश टूट जाए।
अब वक्त है कि हम एकजुट होकर धर्मरक्षक सरकार के पीछे खड़े हों
मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जो किया है, वह 70 वर्षों में किसी ने नहीं किया:
- भारत को चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया।
- रक्षा शक्ति को मजबूती दी — ऑपरेशन सिंदूर इसका प्रमाण है।
- राम मंदिर, अनुच्छेद 370 का हटना, UCC पर चर्चा — ये सब हिन्दू अस्मिता के प्रतीक हैं।
लेकिन आज भी उनके सामने राज्यसभा में कमजोरी, पुराने तंत्र का विरोध, और न्यायिक रुकावटें हैं। हमें उन्हें आलोचना नहीं, बल्कि समर्पित समर्थन देना चाहिए।
हमारा धर्म हमारा कर्तव्य है: जागो, जुड़ो, कार्य करो
- जाति, भाषा, क्षेत्र और पंथ से ऊपर उठकर सनातनी बनो।
- गुरुओं और संगठनों के अहंकार में न उलझो — धर्म को सर्वोपरि रखो।
- भाजपा और मोदी सरकार को पूर्ण समर्थन दो — 2029 में मजबूत जनादेश दो।
- स्थानीय स्तर पर संगठन बनाओ, युवाओं को जागरूक करो, विरोधी षड्यंत्रों का मुकाबला करो।
- राजनीतिक मुस्लिम तुष्टिकरण को ठुकराओ और जो भी हिन्दू विरोधी कार्य हो, उसका सामूहिक प्रतिकार करो।
धर्मो रक्षति रक्षितः — धर्म उसकी रक्षा करता है जो उसकी रक्षा करता है।
- यह केवल धर्म की बात नहीं है।
यह भारत की सभ्यता के अस्तित्व का प्रश्न है। - अगर भारत गया — तो सनातन धर्म भी गया।
अगर सनातन गया — तो मानवता की सबसे प्राचीन ज्ञान परंपरा समाप्त हो जाएगी। - अब निर्णय तुम्हारे हाथ में है —
जागो अभी, या समाप्ति के लिए तैयार हो जाओ।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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