हम, सनातन धर्म के अनुयायी, उस दिव्य सभ्यता से आते हैं जिसने हजारों वर्षों से
- अहिंसा को श्रेष्ठ माना,
- सत्य को अपनाया,
- सहनशीलता को बल दिया, और
- सद्भाव को प्राथमिकता दी।
हम किसी भी मुस्लिम, ईसाई या अन्य समुदाय के व्यक्ति से कोई घृणा नहीं रखते,
जब तक वे:
- शांति और मानवता के मार्ग पर चलते हैं,
- दूसरों के धर्म और परंपराओं का सम्मान करते हैं,
- गैर-कानूनी कब्ज़े, धर्मांतरण या कट्टरवाद में लिप्त नहीं होते,
- और भारत की सांस्कृतिक एकता को नुकसान नहीं पहुंचाते।
- अगर यह मूलभूत सिद्धांत सभी समुदाय अपनाएं, तो भारत विश्व में सह-अस्तित्व का सबसे सुंदर उदाहरण बन सकता है।
⚠️ परंतु अब समय आ गया है कि हम अपनी आंखें खोलें — यह सिर्फ सह-अस्तित्व नहीं, एक सभ्यतागत युद्ध है!
आज हम धर्मों की शांति–पूर्ण चर्चा नहीं देख रहे —
बल्कि एक संगठित, विचारधारात्मक और सुनियोजित हमला झेल रहे हैं,
जो अल्पसंख्यक अधिकारों और सेकुलरिज्म की आड़ में:
- धर्मांतरण हो रहे हैं — लालच, धोखे और विदेशी फंडिंग के जरिए
- कट्टरवादी संगठन समाज में ज़हर घोल रहे हैं
- ब्लासफेमी कानूनों की मांग, जबकि हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान आम हो गया है
- मंदिरों पर अतिक्रमण, जनसांख्यिक असंतुलन की रणनीति
- सोशल मीडिया पर नकली वीडियो, फेक न्यूज़, और हिंदुओं को बदनाम करने का अभियान
- हमारे त्योहारों, परंपराओं और ग्रंथों का मज़ाक — और
राजनीतिक तुष्टिकरण, जिसने इन्हें और हिम्मत दी है।
🛑 अब बहुत हो चुका — यह आज़ादी नहीं, ये हमारी संस्कृति पर सुनियोजित हमला है!
सनातन धर्म कायरता नहीं सिखाता।
वह सिखाता है —
- शांति, लेकिन साथ ही
- शक्ति भी।
जैसे —
- भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म के लिए युद्ध करने को प्रेरित किया,
- भगवान श्रीराम ने रावण का संहार किया,
- मां दुर्गा ने असुरों का विनाश किया —
उसी प्रकार अब हमें भी धर्म की रक्षा के लिए उठना होगा और अधर्मी ताकतों का विनाश करना होगा।
🔱 हर सनातनी को इस धर्मयुद्ध में भाग लेना होगा — यह अस्तित्व की लड़ाई है!
यह युद्ध हमने नहीं शुरू किया —
लेकिन यह हम पर थोपा गया है उन ताकतों द्वारा जो:
- हमारी संस्कृति को मिटाना चाहती हैं,
- हमारे अस्तित्व को चुनौती दे रही हैं,
- हमारी एकता को तोड़ना चाहती हैं, और
- हमारे बच्चों के भविष्य को अंधकार में ढकेल रही हैं।
यदि हम अब भी चुप रहे — हम समाप्त हो जाएंगे।
हम एक संग्रहालय की सभ्यता बन जाएंगे, जो सिर्फ किताबों में बची होगी।
इसलिए:
✅ हर सनातनी को जागना होगा
✅ हर सनातनी को यह युद्ध समझना होगा
✅ हर सनातनी को सोशल मीडिया, क़ानून, शिक्षा और संस्कृति के हर मोर्चे पर उतरना होगा
✅ हर सनातनी को अपनी जमीन, मंदिरों और परंपराओं की रक्षा करनी होगी
✅ हर सनातनी को अपना पैसा, श्रम और वोट धर्मविरोधी ताकतों से दूर रखना होगा
✅ हर सनातनी को इस अस्तित्व की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना होगा
“जब तक अधर्म जीवित है — धर्म की चुप्पी अधर्म को बल देती है।“
🇮🇳 हम शांति चाहते हैं, पर जब धर्म पर आक्रमण हो — तो युद्ध भी धर्म हो जाता है!
यह बात स्पष्ट कर दें:
- हम हर धर्म का सम्मान करते हैं, जो दूसरों का सम्मान करता है
- हम सह–अस्तित्व चाहते हैं, पर धर्मांतरण या अधिपत्य नहीं
- लेकिन यदि कोई हमें मिटाने, बदलने या झुकाने आए —
तो हम दस गुना बल से उसका जवाब देंगे! - हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन उससे डरते भी नहीं।
यह एक धर्म युद्ध है — सत्य, न्याय और अस्तित्व की रक्षा का युद्ध।
🔥 अंतिम संदेश:
- सनातन धर्म केवल पूज्य नहीं — रक्षणीय भी है।
- अब हमें लड़ना होगा — अपने अस्तित्व, अपने धर्म और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए।
- हर सनातनी उठे, जागे और आगे बढ़े — इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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