1. हमारी ऐतिहासिक भूलें और खोया हुआ गौरव
- भारत हजारों वर्षों तक ज्ञान, संस्कृति और शक्ति का केंद्र रहा। लेकिन पिछले 70 सालों में हमें ऐसी सरकारें मिलीं जिन्होंने हिंदू समाज और सनातन धर्म की अनदेखी की। मंदिरों पर सरकारी कब्ज़ा, हिंदू धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदियाँ, और दूसरी ओर अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएँ — यह सब लगातार चलता रहा।
- कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने सिर्फ़ वोट बैंक की राजनीति के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाई। नतीजा यह हुआ कि सनातन धर्म धीरे-धीरे कमजोर हुआ, हमारी युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से कटने लगी और हिंदू समाज हाशिये पर पहुँच गया।
2. हमारी अपनी कमज़ोरियाँ
- सनातन धर्म की सबसे बड़ी ताकत हमेशा से एकता और आध्यात्मिक नेतृत्व रही है, लेकिन दुर्भाग्य से आज वही सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है।
- धर्मगुरुओं की निष्क्रियता – अधिकांश संत और गुरु आज केवल प्रवचन, दान-संग्रह और आश्रम-साम्राज्य तक सीमित हैं। धर्म और राष्ट्र की रक्षा में उनकी सक्रिय भूमिका नगण्य है।
- व्यक्तिगत अहंकार और लालच – अनेक साधु-संत धन और पद की होड़ में लग गए हैं। सनातन की रक्षा का मूल लक्ष्य पीछे छूट गया है।
- हिंदू समाज की असंगठित स्थिति – जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर हम एक-दूसरे से लड़ते हैं और शत्रु ताकतों को मजबूत बनाते हैं।
- आंतरिक गद्दार – ऐसे लोग जो अपने निजी स्वार्थ के लिए सनातन धर्म के विरोधियों का साथ देते हैं।
जब हमारे अपने समाज के लोग ही धर्म और राष्ट्र की नींव कमजोर करते हैं, तो बाहरी दुश्मनों के लिए हमें हराना आसान हो जाता है।
3. वर्तमान स्थिति – आशा की नई किरण
पिछले 11 सालों में पहली बार भारत ने देखा कि एक सरकार सनातन धर्म, संस्कृति और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रख सकती है।
- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण – यह सिर्फ़ एक मंदिर नहीं, बल्कि हिंदू अस्मिता और गौरव का पुनर्जागरण है।
- कश्मीर से धारा 370 हटाना – भारत की अखंडता को मजबूत करना।
- वैश्विक स्तर पर भारत की छवि – पहली बार दुनिया भारत को सिर्फ़ एक बाज़ार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति के रूप में देखने लगी है।
- आर्थिक और सैन्य शक्ति में वृद्धि – भारत आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षमता दोनों में मजबूत हुआ है।
4. अगर हम नहीं जागे तो भविष्य क्या होगा?
इतिहास गवाह है कि जब भी हिंदू समाज ने लापरवाही और विभाजन दिखाया है, तब हम पर आक्रमण हुआ, मंदिर टूटे और हमारी संतानों को गुलामी झेलनी पड़ी। आज भी खतरा उतना ही गंभीर है।
- अगर फिर से भ्रष्ट और तुष्टिकरण करने वाली सरकारें सत्ता में आईं, तो भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हालात झेलेगा।
- हिंदुओं की स्थिति वहाँ के हिंदुओं जैसी हो जाएगी — असुरक्षा, पलायन और जबरन धर्मांतरण।
- हमारी संस्कृति मिट जाएगी और भारत एक गरीब, अस्थिर और पिछड़ा हुआ देश बन जाएगा।
5. समाधान – हमारी जिम्मेदारी
आज का प्रश्न है — क्या हम वही भूल दोहराएँगे या इतिहास से सीखेंगे?
✅ हिंदू एकता: जाति, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठकर सिर्फ़ सनातन के ध्वज तले आना होगा।
✅ धर्मगुरुओं से जवाबदेही: हमें अपने संतों और गुरुओं को याद दिलाना होगा कि असली धर्म है धर्म और राष्ट्र की रक्षा, न कि केवल दान और साम्राज्य।
✅ राष्ट्रवादी और ईमानदार सरकार का समर्थन: भारत के भविष्य और सनातन धर्म की रक्षा के लिए हमें ऐसी सरकार चाहिए जो प्रगति और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे।
✅ युवा पीढ़ी को जागरूक करना: बच्चों को सनातन धर्म की महिमा, भारतीय इतिहास और हमारी जिम्मेदारी से परिचित कराना।
✅ परिवार और संस्कारों की रक्षा: मजबूत परिवार ही मजबूत समाज की नींव हैं।
✅ साहस और तैयारी: हर सनातनी को मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
- आज सनातन धर्म के सामने सबसे बड़ा खतरा केवल बाहर से नहीं, बल्कि भीतर से भी है। धर्मगुरुओं की निष्क्रियता, हिंदू समाज की असंगठित स्थिति और भ्रष्ट नेताओं की तुष्टिकरण की नीतियाँ हमारी नींव को खोखला कर रही हैं।
- लेकिन अगर हिंदू समाज एकजुट होकर खड़ा हो जाए, अगर हम ईमानदार और राष्ट्रवादी सरकार का समर्थन करें और अपनी जड़ों से जुड़ें, तो कोई ताकत हमें रोक नहीं सकती।
👉 भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने और सनातन धर्म को उसका खोया गौरव लौटाने का समय आ गया है।
👉 अगर हमने आज यह जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ़ नहीं करेंगी।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈
➡Telegram Group: https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdl
➡WhatsApp Group: https://chat.whatsapp.com/HxGZvlycYPlFvBO17O3eGW