🌄 प्रस्तावना: सनातन जागरण की नई लहर
- हरियाणा से ब्रजभूमि तक धीरेंद्र शास्त्री जी द्वारा निकाली गई 170 किलोमीटर लंबी “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0” आज एक ऐतिहासिक सामाजिक-सांस्कृतिक अभियान बन चुकी है।
- यह यात्रा केवल धर्म का उत्सव नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को पुनः जगाने का आंदोलन है।
- यात्रा को समाज के हर वर्ग से अपार समर्थन मिल रहा है — विशेषकर युवाओं और महिलाओंसे।
- यह प्रतिक्रिया दिखाती है कि भारत की जनता, विशेषकर युवा पीढ़ी, अब अपने धर्म, संस्कृति और देश के प्रति गर्व और कर्तव्यभावना से प्रेरित हो रही है।
- यह यात्रा सनातन चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुकी है।
🔱 यात्रा का उद्देश्य: धर्म, समाज और राष्ट्र की एकता
- धीरेंद्र शास्त्री जी की यात्रा का मूल उद्देश्य केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रव्यापी एकता, जागरूकता और आत्मगौरव का निर्माणहै।
यात्रा का प्रमुख संदेश है —
- “हम सनातनी पहले हैं — हमारी पहचान धर्म, संस्कृति और राष्ट्र से है।”
- यह यात्रा समाज में उस एकता को पुनः स्थापित करने का प्रयास है, जो विभाजन की राजनीति और धर्मनिरपेक्षता के मुखौटे में वर्षों से कमजोर की गई।
- यह अभियान हमें याद दिलाता है कि अगर हिंदू समाज एकजुट नहीं होगा, तो राष्ट्र की आत्मा भी कमजोर पड़ेगी।
🕉️ समाज की सकारात्मक प्रतिक्रिया: युवा शक्ति का जागरण
- इस यात्रा का सबसे उत्साहजनक पहलू है युवा पीढ़ी का जुड़ाव।
- आज के युवाओं में एक नया आध्यात्मिक गर्व और सांस्कृतिक जिज्ञासा देखी जा रही है।
- पहले जो बच्चे “हल्क, थोर या आयरनमैन” जैसे पात्रों को आदर्श मानते थे, अब हनुमान, नरसिंह और भगवान श्रीराम को अपना सुपरहीरो मानने लगे हैं।
- इसका श्रेय जाता है धार्मिक फ़िल्मों, कथाओं, और प्रवचनों को जो सनातन मूल्यों को आधुनिक तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।
- युवा अब समझ रहे हैं कि वास्तविक शक्ति अपने धर्म और अपनी जड़ों में है, न कि विदेशी दिखावे में।
📖 इतिहास का पुनर्लेखन: सच्चे स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति
- यात्रा का एक अहम उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि जनता को यह बताया जाए कि भारत की आज़ादी किसी की कृपा से नहीं मिली थी।
- आज़ादी लाखों सनातनी वीरों, संतों, और क्रांतिकारियोंके त्याग और बलिदान से अर्जित की गई थी।
- लेकिन वामपंथी और कांग्रेस विचारधारा ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर केवल गांधी-नेहरू परिवार को महिमामंडित किया।
- अब समय है कि इस विकृत इतिहास को सुधारा जाए, और लोगों को बताया जाए कि आज़ादी का असली अर्थ क्या था — “स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और राष्ट्र की एकता।”
- हमें अपने बच्चों को यह सिखाना होगा कि आज़ादी की रक्षा उतनी ही जरूरी है जितना कि उसे प्राप्त करना था।
⚔️ सनातन समाज के सामने खड़े संकट
- आज सनातन समाज कई चुनौतियों से घिरा है — और यह यात्रा उन्हें पहचानने और समाधान खोजने का माध्यम बननी चाहिए।
- धर्मांतरण, जनसंख्या असंतुलन, और कट्टरपंथी विचारधारा हिंदू समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं।
- ठगबंधन (Congress–AAP–SP–RJD–Left) जैसी पार्टियाँ, केवल अपने वोट बैंक के लिए हिंदू विरोधी और राष्ट्रविरोधी एजेंडा चला रही हैं।
- इन दलों और विदेशी समर्थकों का मकसद है राष्ट्रवादी सरकार को गिराना, मोदीजी को कमजोर करना, और भारत को फिर से राजनैतिक अराजकता में धकेल देना।
- सनातन समाज को अब भावनाओं से नहीं, रणनीति और संगठन से जवाब देना होगा।
📱 सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा और विपक्षी झूठ से सावधान रहें
- आज सोशल मीडिया एक वैचारिक युद्ध का मैदान बन चुका है।
- विपक्षी दल और विदेशी NGOs झूठे नैरेटिव फैला रहे हैं —
“देश बर्बाद हो गया”, “संविधान खतरे में है”, “लोकतंत्र खत्म हो गया” — जबकि सच्चाई बिल्कुल विपरीत है। - ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक सत्ता में रहकर देश को लूटा, अब जब मोदीजी ने उनके भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है तो वे “लोकतंत्र की दुहाई” देने लगे हैं।
हर सनातनी को अब डिजिटल योद्धा बनना होगा —
👉 झूठ का विरोध करें,
👉 सत्य को प्रसारित करें,
👉 और राष्ट्रहित में संवाद करें।
🧩 एकता ही सनातन की सबसे बड़ी शक्ति
- भारत की ताकत हमेशा उसकी एकता और विविधता में संतुलन रही है।
- आज जरूरत है कि हम जाति, भाषा, क्षेत्र और मतभेदों से ऊपर उठकरखुद को पहले भारतीय और सनातनी समझें।
- हमें याद रखना होगा कि जब हम बंटते हैं, तब विपक्ष और विदेशी एजेंडे हमें तोड़ते हैं।
- इस यात्रा का सबसे बड़ा संदेश यही होना चाहिए — “हम एक हैं, क्योंकि हम सनातनी हैं।” हमें विभाजनकारी ताकतों से सावधान रहना चाहिए।
🕉️ राष्ट्रवादी सरकार का समर्थन क्यों आवश्यक है
- भारत आज विश्व पटल पर मजबूती से खड़ा है क्योंकि हमारे पास एक राष्ट्रवादी, निर्णायक और ईमानदार नेतृत्व है — नरेंद्र मोदी जी का।
- उनकी नीतियों ने भारत को डिजिटल, आत्मनिर्भर और सामरिक रूप से सशक्त राष्ट्र बनाया है।
- मोदी सरकार की सफलता तभी स्थायी होगी जब जनता राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर उनका समर्थन करेगी।
- इसलिए, हर जागरूक नागरिक का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रहित में सोचने वाले नेतृत्व का साथ दे।
⚡ सनातन पदयात्रा: धर्मयुद्ध की शुरुआत
- यह यात्रा केवल भावनात्मक प्रदर्शन नहीं, बल्कि धर्मयुद्ध का प्रारंभिक स्वरूप है —
अधर्म, अन्याय और असत्य के खिलाफ एक सामूहिक आह्वान। - यह संदेश देती है कि सनातन अब जाग चुका है, और अब कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती।
- जब समाज संगठित होगा, तो भारत फिर से विश्वगुरु बनेगा और सनातन धर्म विश्व का मार्गदर्शन करेगा।
✊ कर्म, एकता और राष्ट्रसेवा का संकल्प
- आज हर हिंदू को यह समझना होगा कि केवल भक्ति नहीं, कर्म और एकता ही हमारी रक्षा करेंगे।
- सनातन धर्म तभी सुरक्षित रहेगा जब हर नागरिक अपने धर्म, समाज और राष्ट्र के प्रति सजग, क्रियाशील और संगठित रहेगा।
यही वह समय है जब हमें यह प्रण लेना होगा —
- “हम एकजुट रहेंगे, अधर्म का अंत करेंगे, और भारत को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाएंगे।”
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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