सनातन-समर्थक, राष्ट्रवादी और ईमानदार सरकार
इतिहास और वर्तमान दोनों यह सिद्ध करते हैं कि जब भारत का नेतृत्व सनातन–समर्थक, राष्ट्रवादी, और ईमानदार होता है, तब राष्ट्र हर दिशा में प्रगति करता है—
🛡 सनातन धर्म की रक्षा — मंदिर, परंपराएं और मूल्य विनाश से सुरक्षित रहते हैं।
🕉 हिंदू समाज एकजुट और आत्मविश्वासी — जनसंख्या आक्रमण या सांस्कृतिक बदलाव का भय समाप्त।
🕉 नागरिक सुरक्षा और सम्मान से जीवन जीते हैं — आतंकवाद, अस्थिरता और तुष्टिकरण से मुक्त।
📈 अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ती है — नए रोजगार, नए उद्योग और प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता।
🌏 भारत का वैश्विक सम्मान बढ़ता है — हम अनुयायी नहीं, बल्कि नेता के रूप में देखे जाते हैं।
2014 के बाद मोदी जी के नेतृत्व में परिवर्तन
केवल एक दशक में ही, मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने ऐसा परिवर्तन देखा जिसे दुनिया नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती—
- आर्थिक महाशक्ति — धीमी और कमजोर अर्थव्यवस्था से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनना, अगले कुछ वर्षों में शीर्ष 3 में पहुंचने का लक्ष्य।
- सैन्य शक्ति — पुराने हथियारों और आयात पर निर्भरता से मेक इन इंडिया रक्षा उत्पादन, आधुनिक मिसाइलें और मज़बूत सीमाएं।
- इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति — एक्सप्रेसवे, आधुनिक हवाई अड्डे, स्मार्ट सिटी, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं, बुलेट ट्रेन और रेलवे का बड़ा उन्नयन।
- कूटनीतिक नेतृत्व — G-20 की मेज़बानी, BRICS को मज़बूत करना, संयुक्त राष्ट्र सुधार की पहल, और पूर्व-पश्चिम दोनों के साथ मज़बूत संबंध बिना झुके।
- सांस्कृतिक और धार्मिक सम्मान — अयोध्या राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, सोमनाथ और केदारनाथ का पुनर्विकास, प्राचीन धरोहर का संरक्षण।
- आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता — एक भीख मांगने वाले, निर्भर राष्ट्र से एक आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर महाशक्ति की ओर कदम।
2014 से पहले का काला दौर
दशकों तक भारत को राष्ट्र–विरोधी, हिंदू–विरोधी और भ्रष्ट सरकारों ने बर्बाद किया—
- कमज़ोर रक्षा और असुरक्षित सीमाएं — सैनिक कम उपकरणों से जूझते, सीमाएं असुरक्षित, आतंकवाद पनपता रहा।
- भ्रष्टाचार और लूट — बोफोर्स से लेकर 2G, CWG, कोयला घोटाला — अरबों की लूट जबकि गरीब पीड़ित रहे।
- मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति — वोट बैंक के लिए हिंदू हितों और सम्मान की अनदेखी।
- वैश्विक स्तर पर कोई सम्मान नहीं — विदेशों में भारतीयों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जाता, विदेश नीति कमजोर और निर्भर।
- भारी आयात निर्भरता — यहां तक कि रक्षा और ऊर्जा की बुनियादी जरूरतें भी आयात करनी पड़ती थीं।
- धीरे–धीरे इस्लामीकरण की ओर धकेलना — जनसंख्या खतरे की अनदेखी, अवैध घुसपैठ को बढ़ावा, हिंदू पहचान को कमजोर करना।
भारत एक दूसरे पाकिस्तान बनने की राह पर था — अस्थिर, गरीब और भ्रष्ट वंशवादियों के कब्जे में।
विपक्ष की वर्तमान बौखलाहट
- जब मोदी जी भारत को मज़बूत बना रहे हैं, विपक्ष दिन-रात इस प्रगति को नष्ट करने में लगा है—
- मुस्लिम तुष्टिकरण — वोट बैंक के लिए राष्ट्रहित की बलि।
- झूठे नैरेटिव और फेक न्यूज़ — पेड सोशल मीडिया आर्मी से झूठ फैलाना।
- वैश्विक स्तर पर भारत को बदनाम करना — भारत की छवि खराब कर अर्थव्यवस्था और कूटनीति को कमजोर करना।
- विकास को रोकना — इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और सुधार विधेयकों का विरोध सिर्फ मोदी जी को श्रेय न मिले इसलिए।
- सत्ता के लिए हताशा — जनता की सेवा के लिए नहीं, बल्कि फिर से लूट, घोटाले और वंशवाद शुरू करने के लिए।
हमारे सामने सभ्यतागत चुनाव
- अगर हमने मोदी जी और भाजपा को एक बार भी खो दिया, तो—
- फिर से 2014 से पहले का अराजकता का दौर — घोटाले, लूट, कमजोर अर्थव्यवस्था, असुरक्षित सीमाएं।
- पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी स्थिति — राजनीतिक अस्थिरता, धार्मिक कट्टरता, आर्थिक तबाही।
- हिंदू पहचान और राष्ट्रीय गौरव का सदा के लिए खो जाना।
आगे का रास्ता
- सनातन–समर्थक, भारत–समर्थक और ईमानदार सरकार का बिना झिझक समर्थन करें।
- राष्ट्र–विरोधी प्रचार को ठुकराएं और झूठे नैरेटिव को उजागर करें।
- हिंदू और देशभक्त बनकर एकजुट हों, ताकि भारत मज़बूत, सुरक्षित और सम्मानित बना रहे।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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