भारत की कृषि नीति बनाम अमेरिका का दबाव
भारत की कृषि नीति सदैव किसानों के हितों, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित रही है। आज, जब वैश्विक शक्तियां भारत पर अपने व्यापारिक और कृषि एजेंडे थोपने का प्रयास कर रही हैं, सनातन समर्थक राष्ट्रवादी सरकार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। अमेरिकी दबाव, टैरिफ युद्ध और GM फसलों की घुसपैठ के प्रयासों के बावजूद, मोदी जी की नीतियां भारतीय किसानों की सुरक्षा और कृषि क्षेत्र की संप्रभुता को बनाए रखने के लिए अडिग खड़ी हैं। यह सिर्फ आर्थिक लड़ाई नहीं, बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा, परंपराओं और आत्मसम्मान की रक्षा की रणनीतिक जंग है।
🔹अमेरिका की मांगें और दबाव:
- अमेरिका चाहता है कि भारत निम्नलिखित कृषि उत्पादों पर टैरिफ (शुल्क) घटाए: मक्का, सोयाबीन, सेब, कपास, बादाम, एथेनॉल।
- इसके अलावा, अमेरिका भारत में जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलें जैसे GM मक्का, सोया, कैनोला और कपास की एंट्री चाहता है।
- अमेरिका भारत पर बीफ और जानवरों के अवशेषों से बने पशु चारे को अनुमति देने का भी दबाव बना रहा है — जो कि भारत के लिए पूर्णतः अस्वीकार्य है।
🔹भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया:
- भारत ने अमेरिका की इन मांगों का कड़ा विरोध किया क्योंकि ये भारतीय किसानों के हितों को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं, खासकर:
- मक्का, सोया, दालें, कपास, फल और मेवा उगाने वाले किसान।
- GM फसलों पर भारत की आपत्ति वैज्ञानिक और जैविक सुरक्षा (biosafety) को लेकर है।
- डेयरी, मत्स्य पालन और कृषि क्षेत्र में अमेरिका को अनावश्यक घुसपैठ से भारत ने सख्ती से इनकार किया है।
🔹टैरिफ युद्ध और ट्रंप की ब्लैकमेलिंग रणनीति:
- भारत के स्पष्ट इंकार से नाराज़ डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ युद्ध थोप दिया, और कुछ वस्तुओं पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया।
- यह पूरी रणनीति भारत को ब्लैकमेल करने की कोशिश थी।
🔹मोदी जी का राष्ट्रवादी और साहसी जवाब:
“हमारे किसानों का हित सर्वोपरि है। भारत कभी भी अपने किसानों, डेयरी किसानों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।”
— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- कोई समझौता नहीं, चाहे व्यक्तिगत कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
- अमेरिका और पश्चिमी शक्तियों को कृषि क्षेत्र में प्रवेश और नियंत्रण से रोकने का संकल्प।
- खाद्य और कृषि जैसे मूलभूत क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बनाए रखना मोदी सरकार की स्पष्ट नीति है।
🔹 भारत की रणनीतिक योजना:
अमेरिका के टैरिफ गेम का जवाब देते हुए मोदी सरकार ने:
- भारतीय निर्यात को अन्य देशों की ओर डायवर्ट किया ताकि असर कम हो।
- आवश्यक आयातों के लिए वैकल्पिक स्रोतों की व्यवस्था की।
- अमेरिका और NATO सहयोगी देशों को भेजे जाने वाले आवश्यक सामग्रियों को कम या डायवर्ट किया।
🔹 कृषि भारत की आत्मा है – इसलिए सर्वोच्च प्राथमिकता:
भारत वैश्विक स्तर पर तरक्की कर रहा है, लेकिन कृषि:
- हमारे अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है।
- हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस पर निर्भर है।
अतः किसानों के हितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है — और मोदी जी यही कर रहे हैं, बिना अमेरिकी दबाव के झुके।
🔹 PM मोदी की सुरक्षा को लेकर चिंता:
- मोदी जी ने जिस प्रकार जनता के हितों के लिए व्यक्तिगत जोखिम उठाने की बात कही, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
- हाल में बांग्लादेश जैसे देशों में घटी घटनाएं इस खतरे की गंभीरता को दर्शाती हैं।
- हम भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा तंत्र से आग्रह करते हैं कि वे मोदी जी की सुरक्षा को लेकर और सतर्क रहें।
भारत आज गर्व करता है ऐसे नेता पर जो अमेरिका जैसे देशों के सामने न झुका, न डरा – बल्कि राष्ट्रहित में अडिग रहा।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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