🔹 राहुल गांधी — दिशाहीन राजनीति का प्रतीक
- राहुल गांधी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनके पास न तो कोई विज़न है, न जनता से जुड़ाव, और न ही भारत की ज़मीनी सच्चाई की समझ।
- बिहार चुनाव से पहले ही उन्होंने मान लिया है कि कांग्रेस की लुटिया डूबने वाली है।
- बिहार में चुनाव हो रहे हैं और राहुल गांधी दिल्ली में बैठकर फर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं — वो भी हरियाणा की बातें करके।
🔸पुरानी राजनीति, नए बहाने
- पहले हार का ठीकरा EVM पर फोड़ते थे।
- जब सुप्रीम कोर्ट ने EVM को क्लीन चिट दे दी, तो अब SIR रिपोर्ट और सोशल मीडिया डेटा पर सवाल उठाने लगे।
- असल में यह सब सिर्फ एक बहाना है — अपनी हार की ज़िम्मेदारी से बचने के लिए।
🔸जो संविधान के हत्यारे थे, वही अब ‘संविधान बचाओ’ की बातें कर रहे हैं
- यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि वही लोग जो:
- आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कुचल चुके हैं,
- संविधान में संशोधन कर इंदिरा गांधी की तानाशाही को वैध ठहराया,
- देश की संस्थाओं को परिवार की जागीर बना दिया,
आज वही लोग “संविधान बचाओ” का नारा लगा रहे हैं। - राहुल गांधी और उनके साथी — वही भ्रष्टाचार और परिवारवाद के प्रतीक — आज मोदी जी पर आरोप लगा रहे हैं कि वो देश को बर्बाद कर रहे हैं।
- वही “लुटेरों की गैंग” अब “चौकीदार चोर है” जैसे नारे लगाकर अपनी हार छिपाने की कोशिश कर रही है।
🔸इनका असली एजेंडा
- भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करना,
- युवाओं को भड़काकर अराजकता फैलाना,
- और जनता को ग़लत जानकारी देकर भ्रमित करना।
- लेकिन देश का युवा जाग चुका है — वो मोदी जी के साथ है, वो भारत के विकास के साथ है।
🔹 तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और केजरीवाल — नाटक और भ्रम की राजनीति
- चुनाव आते ही पुराने किरदारों का वही ड्रामा शुरू हो जाता है — झूठ, भावनात्मक भाषण, और जनता को गुमराह करने का खेल।
🔸तेजस्वी यादव — जंगलराज की राजनीति का नया चेहरा
- पिता की भ्रष्टाचार और अपराध की विरासत को ही आगे बढ़ा रहे हैं।
- न विकास की बात, न नीतियों की — बस भावनात्मक भाषण और जातीय राजनीति।
- बिहार की युवा पीढ़ी को भ्रमित कर सत्ता हासिल करना ही उनका उद्देश्य है।
🔸अखिलेश यादव — तुष्टिकरण और जातिगत राजनीति के मास्टर
- हिंदुओं को जाति के नाम पर बाँटने और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति में माहिर।
- मोदी-योगी सरकार के हर कदम पर झूठ और भ्रम फैलाना।
- यूपी में जब कानून-व्यवस्था सुधर रही है, निवेश आ रहा है, विकास हो रहा है — तब भी ये नकारात्मक राजनीति ही कर रहे हैं।
🔸अरविंद केजरीवाल — दोहरे चेहरे वाला “आम आदमी”
- बाहर से “आम आदमी” दिखने वाले केजरीवाल ने दिल्ली को भ्रष्टाचार और झूठ का अड्डा बना दिया है।
- जनता के टैक्स के पैसे से विज्ञापन और प्रचार करते हैं।
- अपने मंत्रियों के घोटालों पर पर्दा डालने के लिए शहीद बनने का ड्रामाकरते हैं।
- अब “लोकतंत्र बचाओ” का नया नारा देकर केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
🔹 ममता बनर्जी — संविधान को ढाल बनाकर राजनीति करने वाली नेता
- ममता बनर्जी हर सभा में संविधान की प्रति हाथ में लेकर नारेलगाती हैं।
लेकिन सवाल यह है — वो संविधान किसे दिखा रही हैं?
🔸 किसके लिए यह संविधान दिखाया जा रहा है?
- क्या यह अवैध घुसपैठियों के लिए है?
- या उनके मुस्लिम वोट बैंक के लिए?
- या चुनाव आयोग और विपक्षियों को डराने के लिए?
- या फिर उन साधारण नागरिकों के लिए, जिनकी सुरक्षा को वो खुद खतरे में डाल रही हैं?
अगर सच में संविधान का सम्मान है तो पहले उसे ईमानदारी से पालनकरें।
🔸 संविधान यह नहीं कहता कि:
- अवैध घुसपैठियों को भारत में शरण और पहचान पत्र दो,
- उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दो,
- और वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़करो।
ममता का “संविधान बचाओ” अभियान असल में देश विरोधी राजनीति और तुष्टिकरण की आड़ है।
🔹 “संविधान बचाओ” गैंग — एक डर, एक मकसद
- आज राहुल गांधी, केजरीवाल, ममता, अखिलेश और तेजस्वी एक साथ आए हैं —
ना किसी विचारधारा के लिए, ना जनता के लिए, बल्कि अपने भ्रष्टाचार, परिवार और सत्ता की कुर्सी बचाने के लिए।
यह गठबंधन है:
- डरे हुए राजवंशियों का,
- नाकाम नेताओं का,
- भ्रष्ट तंत्र के रक्षकों का,
- और फेक सेक्युलर विचारधारा के ठेकेदारों का।
इनकी सबसे बड़ी चिंता मोदी जी नहीं हैं — बल्कि जागरूक, राष्ट्रवादी और समझदार भारतीय मतदाताहैं जो अब इनकी सच्चाई पहचान चुका है।
🔹 वास्तविकता: मोदी जी के नेतृत्व में भारत नई ऊँचाइयाँ छू रहा है
जब विपक्षी दल स्टेज पर नाटक कर रहे हैं, भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
- रिकॉर्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास — हाइवे, एयरपोर्ट, रेलवे का आधुनिकीकरण।
- वैश्विक सम्मान — भारत की आवाज़ हर मंच पर गूंज रही है।
- डिजिटल क्रांति, आत्मनिर्भर भारत और रक्षा सशक्तिकरण।
- कल्याण योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक, बिना किसी बिचौलिये के।
वास्तविकता यह है कि विपक्ष को डर है —
- उनकी भ्रष्टाचार, झूठ और विशेषाधिकार वाली व्यवस्थाअब खत्म हो रही है।
🔹 भारत अब दोबारा गुमराह नहीं होगा
- अब जनता को सब स्पष्ट दिखता है — कौन देश को दशकों तक लूटता रहा, कौन विभाजन फैलाता रहा, और कौन आज देश को “विकसित भारत” बनाने में जुटा है।
- “चौकीदार चोर है” कहने वाले आज खुद चोरों के सरदार हैं।
- भारत का असली चौकीदार मोदी जी हैं — जो निडर हैं, निष्पक्ष हैं, और राष्ट्र के लिए समर्पित हैं।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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