- एक है दोषी अपराधी।
- दूसरा है जमानत पर घूमता घोटालेबाज़।
- फिर भी दोनों देश में घूम-घूमकर खुद को संविधान का रक्षक बता रहे हैं।
- जी हाँ, हम बात कर रहे हैं राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव की।
- लेकिन इनके पाखंड पर जाने से पहले सच्चाई समझना ज़रूरी है: जिस दिन से कांग्रेस नेहरू–गांधी परिवार के कब्ज़े में गई, उस दिन से इस पार्टी में न नैतिकता बची, न ईमानदारी, न ही कोई आदर्श।
उनका सिद्धांत बड़ा सरल है:
- जो उनके परिवार के लिए फ़ायदेमंद है वही “कानून” है।
- जो उन्हें नुक़सान पहुँचाए वही “अपराध” है।
कांग्रेस ने सैकड़ों बार लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटा, हर बार उसे अपने कुर्सी और खानदानके लिए मोड़ा और तोड़ा — कभी देश और जनता के लिए नहीं।
⚖️ राहुल गांधी – चलता-फिरता विरोधाभास
राहुल गांधी खुद को ईमानदारी का पुजारी बताते हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड कुछ और कहता है:
- 2013 में राहुल गांधी ने सार्वजनिक मंच पर अपनी ही सरकार का अध्यादेश फाड़ दिया था, जो दोषी नेताओं को बचाने के लिए लाया गया था। यह अध्यादेश असल में लालू यादव को बचाने के लिए था। उस समय राहुल ने नैतिकता का ढोंग किया।
- लेकिन 2025 आते-आते खुद राहुल को मानहानि मामले में 2 साल की सजा हुई और लोकसभा की सदस्यता गई। आज वे सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के स्टे के कारण बचे हुए हैं।
- जुलाई 2025 में उन्हें लखनऊ कोर्ट ने जमानत दी, क्योंकि उन्होंने भारतीय सेना का अपमान किया था।
- इसके अलावा भी कई मामलों में वे जमानत पर बाहर हैं।
👉 यानी जिस राहुल ने कभी कहा था कि राजनीति अपराधियों से मुक्त होनी चाहिए, आज वही खुद जमानत और कोर्ट की रहमत पर राजनीति कर रहे हैं।
🐂 लालू यादव – भ्रष्टाचार ही धंधा
अगर घोटाले का दूसरा नाम हो सकता है, तो वह है लालू प्रसाद यादव।
- चारा घोटाला, जॉब के बदले ज़मीन घोटाला और न जाने कितने भ्रष्टाचार उनके राजनीतिक करियर की पहचान हैं।
- सालों जेल में रहे, फिर “बीमारी” के नाम पर बेल लेकर बाहर आ गए और फिर राजनीति करने लगे।
- 2025 में भी उन्हें बेल मिली, लेकिन CBI ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
- उनका पूरा परिवार घोटालों में लिप्त है। बेटा तेजस्वी यादव भी भ्रष्टाचार मामलों से जूझ रहा है।
👉 इनके लिए राजनीति सेवा नहीं, बल्कि घोटाले का पारिवारिक धंधाहै।
🏛️ संविधान संशोधन विधेयक 2025 – असली सुधार, झूठा विरोध
मोदी सरकार 2025 में एक ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक लाई।
इसमें प्रावधान है कि –
- अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में सजा भुगत रहा है या 30 दिन से ज्यादा हिरासत में है, तो उसकी कुर्सी अपने आप खत्म हो जाएगी।
- तर्क सीधा है: भारत की सरकार जेल से नहीं चल सकती।
- लेकिन विपक्ष घबरा गया। राहुल ने विरोध किया। लालू ने विरोध किया। पूरा विपक्ष चिल्लाया कि यह “लोकतंत्र पर हमला” है।
👉 सवाल उठता है – क्यों? अगर केस झूठे हैं तो कोर्ट से बेल मिल जाएगी। लेकिन अगर दोषी हैं, तो क्या जेल से शासन चलाना चाहिए?
> ये बिल विपक्ष का असली डर दिखाता है — वे नेता जो जमानत और तकनीकी खामियोंपर टिके हैं, उन्हें अपनी कुर्सी छिनती दिख रही है।
🚨 कांग्रेस – लोकतंत्र की सबसे बड़ी गुनहगार
“लोकतंत्र बचाओ” का नारा देने वाली कांग्रेस खुद ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन है।
कांग्रेस के लोकतंत्र विरोधी कृत्यों की झलक देखिए:
- 1950–60 के दशक: नेहरू ने धारा 356 का दुरुपयोग कर कई निर्वाचित राज्य सरकारें बर्खास्त कीं।
- 1975: इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया, नागरिक स्वतंत्रताएँ छीनीं, विपक्षी नेताओं को जेल में डाला, मीडिया पर ताले लगाए और संविधान बदलकर अपनी कुर्सी बचाई।
- 1985: राजीव गांधी ने शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पलट दिया, सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए।
- 1990–2000: भ्रष्टाचार विरोधी और पारदर्शिता वाले बिल बार-बार रोके, ताकि गांधी परिवार बचा रहे।
- 2010: 2G, CWG, कोयला घोटाला जैसे दर्जनों स्कैम ने देश का खज़ाना लूटा।
👉 यही है कांग्रेस की असली पहचान — कुर्सी खतरे में हो तो संविधान और लोकतंत्र का गला घोंट दो।
🔥 2025 की पाखंड राजनीति
आज जनता खुली आँखों से देख रही है:
- राहुल गांधी – दोषी और जमानत पर बाहर होकर संविधान की दुहाई देते हैं।
- लालू यादव – घोटालों में डूबे हुए, लेकिन लोकतंत्र की बातें करते हैं।
- कांग्रेस – जिसने सौ बार लोकतंत्र को रौंदा, आज उसी की रक्षा का ढोंग करती है।
वहीं मोदी सरकार असली सुधार कर रही है – कि जेल से कोई शासन न चला सके।
⚔️ अंदरूनी दुश्मन और बाहरी मददगार
हमें यह भी समझना होगा कि ये सारे अंदरूनी दुश्मन अकेले नहीं हैं।
इनको ताकत मिलती है –
- अंतरराष्ट्रीय NGO से,
- ग्लोबल “डीप स्टेट” से,
- जिहादी और आतंकी संगठनों से।
इनका उद्देश्य है भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, सेना और तकनीकी शक्ति को रोकना।
👉 मोदी सरकार बाहर के दुश्मनों को सैन्य और आर्थिक युद्ध से तोड़ रही है। लेकिन भीतर घुसे गद्दारों को खत्म करने के लिए हमें भी राजनीतिक, सामाजिक और जमीनी स्तर पर मोदी जी को अटूट समर्थन देना होगा।
✊ राष्ट्रवादियों का आह्वान
भाइयों और बहनों, सोचिए –
- क्या आप दोषी और बेल पर घूमते नेताओं को संविधान का रक्षक मानेंगे?
- या आप चाहते हैं कि भारत में सचमुच संविधान की इज्जत हो और कोई परिवार देश से ऊपर न हो?
हिंदू राष्ट्र महायज्ञपिछले 11 सालों से चल रहा है। हर देशभक्त को अपनी आहुति देनी होगी। तभी यह भ्रष्टाचारी, वामपंथी, आतंकी और देशद्रोही ताकतें राख हो पायेंगी।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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