सत्ता की भूख
1. भूमिका: राजनीति का नैतिक पतन
- भारत — जो धर्म, त्याग और आदर्शों की भूमि है — आज लालची और स्वार्थी नेताओं के चंगुल में फँसा है, जिनके लिए सत्ता देशभक्ति से बड़ी और वोट बैंक मूल्य से ऊपर है।
- TMC, डीएमके, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई क्षेत्रीय दलों ने लोकतंत्र को धोखे और स्वार्थ की मंडी बना दिया है।
- ये लोग जनता की सेवा नहीं, सत्ता की सेवा करते हैं।
- इनका मकसद राष्ट्र निर्माण नहीं, सत्ता प्राप्ति है।
- ये भारत को कमजोर करने, हिन्दुओं को बाँटने और देश के विकास को रोकने में लगे हैं।
2. ठगबंधन: निराशा और स्वार्थ का गठजोड़
लगातार चुनावी हार के बाद, कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, आप और उनके सहयोगी दलों ने बनाया है एक ठगबंधन (Thugbandhan) — जो किसी विचारधारा से नहीं, बल्कि मोदी और हिंदुत्व के प्रति नफ़रत से एकजुट है।
- उनका एक ही लक्ष्य है – “मोदी को हटाओ, चाहे देश जल जाए।”
- न राष्ट्र की चिंता, न स्थिरता की परवाह; उनका अस्तित्व ही झूठ, विद्रोह और विदेशी फंडिंग पर टिका है।
- यह गठबंधन लोकतंत्र का नहीं, अराजकता और निराशा का गठबंधन है।
- आज यही ठगबंधन विदेशी शक्तियों और NGO लॉबी के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने में लगा है, ताकि भारत फिर से विदेशी हितों का गुलाम बन जाए — जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पश्चिमी चालों के शिकार हुए।
3. तुष्टिकरण और विश्वासघात की राजनीति
इन नेताओं ने एक ही हथियार सीखा है — अल्पसंख्यक तुष्टिकरण करो, हिन्दुओं को दबाओ, और वोट बटोरो। इनकी राजनीति का आधार धर्म नहीं, धर्म–विरोध है।
ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल)
- बंगाल को वोट बैंक की प्रयोगशाला बना दिया।
- बांग्लादेशी घुसपैठियों को नागरिकता और सुरक्षा दी।
- दुर्गा पूजा और हिन्दू पर्वों पर प्रतिबंध, जबकि अन्य समुदायों को खुली छूट।
- प्रशासन का दुरुपयोग कर हिन्दू आवाज़ों को दबाया और जिहादी तत्वों को संरक्षण दिया।
डीएमके (तमिलनाडु)
- खुलेआम सनातन धर्म का अपमान किया, उसे “बीमारी” बताया।
- मंदिरों की संपत्ति को लूटा, हिंदू संस्थानों पर कब्जा किया।
- “तर्कवाद” के नाम पर धर्म, वेद और आचार्यों का अपमान किया।
कांग्रेस पार्टी
- अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की जननी।
- संविधान का दुरुपयोग कर नेहरू-गांधी परिवार के शासन को स्थायी बनाया।
- प्रेस की आज़ादी कुचली, आपातकाल लगाया, विपक्षी सरकारों को गिराया।
- कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन नजरअंदाज किया।
- राम मंदिर को दशकों तक रोका।
आम आदमी पार्टी (दिल्ली व पंजाब)
- “ईमानदार राजनीति” का वादा किया, पर निकली छल-कपट की प्रतीक।
- अलगाववादी और राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ गठजोड़ किया।
- मुफ़्त साधनों की संस्कृति के नाम पर भ्रष्टाचार और अराजकता फैलाई।
- राष्ट्रविरोधी आंदोलनों को परोक्ष समर्थन दिया।
4. लोकतंत्र और संविधान का मखौल
- स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस ने संविधान को निजी हथियार की तरह इस्तेमाल किया।
- 1975 का आपातकाल भारत का सबसे काला अध्याय था — जब प्रेस पर ताले लगे, विपक्ष जेल में था, और भारत एक तानाशाही में बदल गया।
- बार-बार संवैधानिक संशोधन कर कांग्रेस ने सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखी।
- यही कांग्रेस आज “संविधान बचाओ” का नारा देती है!
- राहुल गांधी जैसे लोग, जो विदेशी शक्तियों से सहयोग लेकर भारत विरोधी बयान देते हैं, वही लोकतंत्र की दुहाई देते हैं।
5. झूठे सेक्युलरिज़्म का असली चेहरा
- इन दलों का तथाकथित “सेक्युलरिज़्म” असल में हिंदू–विरोध और सत्ता–प्रेम का मुखौटा है।
- जब हिंदू अपने अधिकार की बात करे, तो “सांप्रदायिक” कहलाता है।
- जब अन्य धर्म दंगा करें, तो “भावनात्मक आक्रोश” कहा जाता है।
- जब मंदिर बनता है, तो “राजनीतिक ध्रुवीकरण” कहा जाता है।
- जब आतंकियों को सज़ा मिलती है, तो “मानवाधिकार” का रोना रोया जाता है।
- इनकी राजनीति भारत की आत्मा — संस्कृति, अध्यात्म और धर्म — को मिटाने पर तुली है।
6. मोदी युग: जिस शक्ति से वे डरते हैं
- नरेंद्र मोदी का शासन सिर्फ राजनीतिक परिवर्तन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण है।
- भारत अब आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति है — तेजस, ब्रह्मोस, आकाश, अग्नि-V, गगनयान और INS अरिहंत जैसी उपलब्धियाँ इसकी मिसाल हैं।
- भारत की आवाज़ अब संयुक्त राष्ट्र से लेकर G20 मंच तक गूंजती है।
- गरीबों के लिए जनधन योजना, किसानों के लिए Kisan Samman Nidhi, युवाओं के लिए स्टार्टअप क्रांति — हर क्षेत्र में निर्णायक परिवर्तन हुआ है।
- यही वजह है कि ठगबंधन मोदी से डरता है — क्योंकि मोदी भारत को भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त कर रहे हैं।
7. अब समय है जागने का — हर देशभक्त का कर्तव्य
- यह सिर्फ चुनाव नहीं, सभ्यता की लड़ाई है।
- हमें तय करना है कि हम धर्म और राष्ट्रवाद के मार्ग पर चलेंगे या लालच और अधर्म के साथ खड़े रहेंगे।
- सभी सनातनियों को एकजुट होकर मोदी सरकार को समर्थन देना होगा।
- हिंदू समाज को जाति-भेद भूलकर एकजुट होना होगा।
- हर देशभक्त को इन राजनीतिक गद्दारों को सत्ता से बाहर करना होगा।
- तभी भारत विश्व की शीर्ष 3 महाशक्तियों में स्थान पा सकेगा।
8. जब धर्म की जीत होगी, तभी भारत सुरक्षित रहेगा
- भारत सिर्फ एक देश नहीं — यह सनातन सभ्यता का प्रतीक है।
- जो इसे तोड़ना चाहते हैं, वे इतिहास के अंधकार में विलुप्त हो जाएंगे।
- अब समय है कि हर भारतवासी धर्म, राष्ट्र और संस्कृति के लिए उठ खड़ा हो।
- जो भारत का नहीं, वह भारत में नहीं।
- जो सनातन का नहीं, वह सत्ता का अधिकारी नहीं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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