- आज की तेजी से बदलती हुई दुनिया में, जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्दों एक फैसला करोड़ों लोगों की किस्मत बदल सकता है—
- वहां ना तो युवा इन्फ्लुएंसर, ना ही टेक्नोक्रेट, और ना ही कोई युवा नेता असली ताक़त रखते हैं।
- आज भी दुनिया की दिशा तय कर रहे हैं — वे अनुभवी, तपे हुए और 70 पार के बुज़ुर्ग नेता।
ज़रा नज़र डालिए:
- पुतिन 70 पार होकर भी पश्चिम के सामने अडिग हैं।
- शी जिनपिंग चीन को दशकों की राजनीतिक दृष्टि से चला रहे हैं।
- बेंजामिन नेतन्याहू 76 के करीब हैं, और इसराइल के अस्तित्व की लड़ाई में अग्रणी हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप, लगभग 80 की उम्र में फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में अग्रणी हैं।
- आयतुल्ला खामेनेई, 80 पार होकर भी ईरान की दिशा तय कर रहे हैं।
- और अपने नरेंद्र मोदी जी, 74 की उम्र में भी भारत को वैश्विक ताक़त बना रहे हैं।
ये सभी लोग “रिटायर” नहीं हुए हैं — ये आज के सबसे शक्तिशाली निर्णयकर्ता हैं।
🇮🇳 लेकिन भारत में क्या हुआ हमारे वरिष्ठ नागरिकों को?
हमारे समाज में एक ग़लत धारणा बन गई:
- “60 के बाद अब बस आराम करो, टीवी देखो, धार्मिक यात्रा करो, और किसी बात में मत बोलो।”
ये मानसिकता विनम्रता नहीं — पलायन है।
- जब दुनिया के बुज़ुर्ग राजनीति और विश्व नीति चला रहे हैं,
तो हमारे बहुत से पढ़े-लिखे, सक्षम बुज़ुर्ग चुप्पी, सुकून और निजी सुख में खो गए हैं। - उनके पास समय है, धन है, अनुभव है।
- उन्होंने भारत को गरीबी से डिजिटल भारत तक आते देखा है।
- फिर भी वे बस शिकायत करते हैं, पर योगदान नहीं देते।
💥 यह चुप्पी निष्पक्ष नहीं — खतरनाक है
सच थोड़ा कड़वा है:
- “राजनीति गंदी है” — कहकर उन्होंने मैदान ही छोड़ दिया।
और नतीजा?
- अपराधी, तुष्टिकरणवादी, और देशविरोधी ताक़तें मंच पर छा गईं।
- अच्छे लोग पीछे हटे, और इसीलिए बुरे लोग आगे बढ़े।
- आज वही पीढ़ी भ्रष्टाचार, मंहगाई, मूल्य विघटन, और धर्म संकट पर रो रही है।
- लेकिन जब ज़िम्मेदारी लेने का समय था — तब आपने क्या किया?
🛕 अब भी देर नहीं हुई है — मोदी सरकार ने आपको अवसर दिया है
आज मोदी जी की सरकार और RSS जैसे राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्र गौरव, संस्कृति और राजनीति की सफाईमें लगे हुए हैं।
- वे लड़ाई लड़ रहे हैं — लेकिन अकेले नहीं लड़ सकते।
- उन्हें चाहिए आपका अनुभव
- उन्हें चाहिए आपका दृष्टिकोण
- उन्हें चाहिए आप जैसे ‘बौद्धिक योद्धा’, जो अभी तक चुप थे
🧓🏼 वरिष्ठ नागरिकों — आप समाप्त नहीं हुए हैं, अब आपकी सबसे बड़ी भूमिका शुरू होती है
- आपने अपने जीवन में करियर, परिवार, संपत्ति बनाई।
- लेकिन अब विरासत बनाने का समय है।
क्या आप छोड़ कर जाना चाहते हैं:
- एक बंटा हुआ भारत?
- एक ऐसा समाज जो धर्म-विरोधी ताक़तों के हाथों बंधक है?
- एक ऐसा राष्ट्र जहां भ्रम, भ्रष्टाचार और धर्मांतरण का बोलबाला है?
या आप छोड़ कर जाएंगे
- एक गर्वीला, सुरक्षित, धर्मनिष्ठ और संप्रभु भारत?
- फैसला आज भी आपके हाथ में है।
🙏🏼 सिर्फ रिटायर होकर न बैठिए — आने वाली पीढ़ी से सम्मान अर्जित कीजिए
एक मार्गदर्शक बनिए:
✍️ लेख लिखिए
🧠 युवाओं को सलाह दीजिए
🎤 मंचों पर बोलिए
📚 संस्कृति और मूल्यों की शिक्षा दीजिए
🏛️ स्थानीय राजनीति और संगठनों में भाग लीजिए
- रिटायर का मतलब “समाप्त” नहीं होता — इसका अर्थ होता है परिष्कृत और सिद्ध।
🔥 जब 70+ के नेता दुनिया चला रहे हैं, तो आप चुप क्यों हैं?
- अब वक्त है जागने का।
- अब वक्त है कहने का:
“हमारे ज़माने में…” नहीं — अब कहिए: “यह भी हमारा ज़माना है।”
🕉️ भारत को फिर अपने योद्धाओं की ज़रूरत है
- यह आपका पुनर्जन्म का क्षण है।
फिर उठिए। फिर बोलिए। फिर भारत को संबल दीजिए। - आपकी चुप्पी — धर्म के शत्रुओं को ताक़त देती है।
आपकी वाणी — पीढ़ियों को जगा सकती है।
📢 अब समय है — फिर से नेतृत्व करने का, फिर से जिम्मेदारी उठाने का, और फिर से भारत को दिशा देने का।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
पुराने मेसेजेस के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t
टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdlपर क्लिक करेँ। पुराने मेसेजेस टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।