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सिंधु जल संधि

मोदी जी, सिंधु जल संधि और नेहरू की भूली – बिसरी ग़लतियाँ

✦ सिंधु जल संधि – एक ऐतिहासिक विश्वासघात

1960 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने सिंचाई, ऊर्जा और वक्फ मंत्री हाफिज मोहम्मद इब्राहिम (जो आज़ादी से पहले मुस्लिम लीग से जीते थे) के साथ मिलकर भारत का 80% नदी जल पाकिस्तान को सौंप दिया।

नेहरू ने 30 नवंबर 1960 को लोकसभा में कहा था:
👉 “हम पाकिस्तान वाले पंजाब में सूखा नहीं पड़ने दे सकते।”

इसी तर्क पर भारत की पाँच नदियों का जीवनदायी जल पाकिस्तान को दे दिया गया।

इसका परिणाम क्या हुआ?

  • राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के किसान संसद में रो पड़े।
  • युवा सांसद अटल बिहारी वाजपेयी ने नेहरू को कटघरे में खड़ा किया।
  • संसद को पूरी जानकारी दिए बिना समझौता कर लिया गया।
  • पाकिस्तान केवल 60 करोड़ रुपये चाहता था, लेकिन भारत ने उन्हें 83 करोड़ रुपये दे दिए।

यह किसी राष्ट्रीय विश्वासघात से कम नहीं था।

✦ भारत को कैसे नुकसान हुआ

  • पश्चिमी भारत के राज्य दशकों तक सूखे और जल संकट से जूझते रहे।
  • भारत का खाद्य आत्मनिर्भरता तक पहुँचने का सफर कई दशकों पीछे चला गया।
  • पाकिस्तान, जो उस समय भारत से अमीर था, और अधिक मज़बूत हो गया।
  • भारतीय किसानों को उनका हक़ छीना गया और राष्ट्र की प्रगति रुक गई।

✦ पाकिस्तान के लिए ऑक्सीजन बनी यह संधि

सिंधु जल संधि केवल नदियों की बात नहीं है, यह पाकिस्तान की ऑक्सीजन लाइनहै।

  • पाकिस्तान की लगभग 80% खेती इसी पानी पर निर्भर है।
  • करोड़ों लोगों का भोजन भारत की नदियों से मिलने वाले पानी पर टिका है।
  • पाकिस्तान जिस पैसे से भारत में आतंकवाद करवाता है, उसकी जड़ में यही पानी है।

भारत ने दशकों तक अपने सबसे बड़े दुश्मन को जिंदा रखने का काम किया।

✦ मोदी जी के सुधारात्मक कदम

60 साल में पहली बार किसी नेता ने हिम्मत दिखाई है। मोदी जी ने:

  • इस संधि को स्थगित कर दिया है।
  • ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया है जिससे नदियों का पानी वापस उत्तरी राज्यों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर) की ओर मोड़ा जाएगा।
  • अब यह पानी भारतीय किसानों की प्यास बुझाएगा, न कि पाकिस्तान की खेती को सींचेगा।

👉 पाकिस्तान अगर यह पानी खोता है तो उसकी खेती चौपट, फिर अर्थव्यवस्था चौपट और फिर आतंकवाद की फंडिंग खत्म

  • यानी मोदी जी की पानी नीति पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुःस्वप्नहै।

✦ कांग्रेस बनाम मोदी – साफ़ अंतर

  • कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों और पाकिस्तान को खुश करनेको प्राथमिकता दी।
  • नेहरू के फ़ैसले ने भारत को कमजोर कर दिया और किसानों को दशकों तक पीड़ा दी।
  • मोदी जी की नीति है “भारत पहले” – भारत का हर संसाधन सबसे पहले भारतियों के लिए।

यह अंतर है कमजोर नेतृत्व और दूरदर्शी नेतृत्वका।

✦ भारत का उदय – शिकार से महाशक्ति तक

मोदी जी की नीतियों की वजह से:

  • भारत आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
  • भारतीय किसानों को उनका अधिकार और जल मिल रहा है।
  • वैश्विक मंचों पर भारत एक मज़बूत और स्वतंत्र शक्ति बन चुका है – G20, BRICS, QUAD और UNSC जैसे मंचों पर भारत की आवाज़ बुलंद है।
  • पाकिस्तान, जो कभी भारत से मज़बूत था, आज कंगाल, अलग-थलग और IMF के सहारे खड़ा है।

यह बदलाव केवल एक “राष्ट्र प्रथम” नीति का परिणाम है।

✦ एक राष्ट्रीय जागृति

  • सिंधु जल संधि हमें यह याद दिलाती है कि कांग्रेस ने भारत के किसानों से धोखा किया और पाकिस्तान को मज़बूत किया।

आज मोदी जी ने बाज़ी पलट दी है:

  • संधि को रोककर पानी को भारत की सेवा में लगा दिया।
  • पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर तीव्र गैर-सैन्य प्रहार किया।
  • भारतीय किसानों को न्याय और सम्मान दिलाया।
यह केवल नदियों की कहानी नहीं है।
  • यह भारत के वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा की कहानी है।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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