कांग्रेस–ठगबंधन का प्रोपेगैंडा बनाम जनता की समझ और मोदी मॉडल की जीत
- आज भारत एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहाँ लड़ाई केवल चुनावों की नहीं, बल्कि नैरेटिव, मानसिकता और राष्ट्रीय दिशा की है।
- कांग्रेस, ठगबंधन और एंटी-नेशनल–एंटी-हिंदू इकोसिस्टम ने यह लड़ाई बहुत पहले सोशल मीडिया पर शुरू कर दी थी।
- उनका मानना था कि झूठ, गाली, भ्रम और डर फैलाकर वे जनता को नियंत्रित कर लेंगे।
- लेकिन वे एक बुनियादी सच्चाई को भूल गए — भारत की जनता अब मूर्ख नहीं है।
🧠 जनता अब उनके “डर्टी ट्रिक्स” को पहचान चुकी है
बीते एक दशक में आम नागरिक ने बहुत कुछ देखा और समझा है:
- फेक वीडियो और आधे-अधूरे क्लिप कैसे फैलाए जाते हैं
- विदेश की घटनाओं को भारत का बताकर कैसे डर पैदा किया जाता है
- अदालतों, सेना और संस्थाओं को बदनाम करने की रणनीति
- दंगाइयों, पत्थरबाज़ों और राष्ट्रविरोधी तत्वों को “पीड़ित” दिखाने का खेल
- मोदी और सरकार के खिलाफ व्यक्तिगत गालियाँ और चरित्रहनन
आज जनता जानती है कि यह फ्री स्पीच नहीं, बल्कि सुनियोजित सूचना युद्ध है।
🔴 कांग्रेस–ठगबंधन का डिजिटल इकोसिस्टम कैसे काम करता है
इस प्रोपेगैंडा नेटवर्क में शामिल हैं:
- राजनीतिक आईटी सेल
- वामपंथी–लिबरल डिजिटल ग्रुप
- लेफ्ट मीडिया और चुनिंदा पोर्टल
- विदेशी फंडिंग से जुड़े NGO
- हजारों फेक अकाउंट और ट्रोल नेटवर्क
- कुछ तथाकथित पत्रकार, एक्टिविस्ट और इन्फ्लुएंसर
इनका साझा एजेंडा है:
- मोदी को गाली देना
- सरकार के हर फैसले को “तानाशाही” बताना
- हिंदू समाज को अपराधबोध में डालना
- राष्ट्रवाद को “खतरा” घोषित करना
- भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करना
🗳️ चुनावी नतीजे: सोशल मीडिया प्रोपेगैंडा की सबसे बड़ी हार
अगर यह सोशल मीडिया युद्ध असरदार होता, तो चुनावी नतीजे अलग होते।
लेकिन सच्चाई बिल्कुल उलट है:
- हरियाणा से लेकर बिहार तक
- शहरी और ग्रामीण भारत में
- अलग-अलग वर्गों और समुदायों में
👉 मोदी और BJP/NDA को लगातार मजबूत जनादेश
👉 कांग्रेस–ठगबंधन को लगातार करारी हार
यह स्पष्ट संदेश है कि:
- सोशल मीडिया पर ट्रेंड बनाया जा सकता है, लेकिन जनता का फैसला ज़मीन पर होता है।
🌍 पूरी दुनिया भी देख रही है मोदी सरकार का काम
यह केवल भारत के भीतर की बात नहीं है। पिछले 11 वर्षों में दुनिया ने साफ देखा है कि:
- भारत दुनिया की चौथी और सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना
- इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट का अभूतपूर्व विस्तार
- डिजिटल इंडिया, UPI, DBT जैसे मॉडल पूरी दुनिया में सराहे गए
- स्टार्टअप, मैन्युफैक्चरिंग और आत्मनिर्भर भारत को गति मिली
- आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति
- G20 जैसे वैश्विक मंचों पर भारत का नेतृत्व
आज भारत को “उभरता हुआ देश” नहीं, बल्कि आने वाला वैश्विक सुपरपावर माना जा रहा है।
🧭 मोदी मॉडल: शोर नहीं, परिणाम
मोदी की राजनीति की सबसे बड़ी पहचान है:
- साइलेंट प्लानिंग
- सटीक निर्णय
- अचानक लेकिन निर्णायक एक्शन
- बिना प्रचार के ठोस परिणाम
यही कारण है कि:
- सोशल मीडिया पर जितना भी ज़हर फैलाया जाए
- ज़मीनी हकीकत और वैश्विक मान्यता उसे बेअसर कर देती है
जनता समझ चुकी है:
- झूठ का नैरेटिव कुछ दिन चलता है,
- लेकिन विकास और सुरक्षा का असर पीढ़ियों तक रहता है।
⚠️ इसलिए प्रोपेगैंडा अब और ज़हरीला हो गया है
कांग्रेस–ठगबंधन और एंटी-नेशनल इकोसिस्टम की हताशा अब साफ दिखती है:
- भाषा और ज्यादा उग्र हो गई है
- संस्थाओं पर हमले तेज़ हो गए हैं
- भारत को बदनाम करने की कोशिशें बढ़ गई हैं
- विदेशी मंचों पर रोना-धोना तेज़ हुआ है
क्योंकि उन्हें पता है कि:
- जनता उन पर भरोसा नहीं करती
- उनका झूठ पकड़ में आ चुका है
- उनकी राजनीति ज़मीन से कट चुकी है
🛡️ आगे की जिम्मेदारी: जागरूकता बनाए रखना
अब राष्ट्रवादी समाज की जिम्मेदारी है:
- हर वायरल चीज़ पर आँख बंद करके विश्वास न करें
- तथ्यों की जाँच करें
- शांत, तार्किक और सुसंगत काउंटर-नैरेटिव फैलाएँ
- सकारात्मक, राष्ट्रहित में काम करने वाले कंटेंट को आगे बढ़ाएँ
- युवाओं को डिजिटल साक्षरता और सही इतिहास से जोड़ें
हर जागरूक नागरिक आज एक डिजिटल सैनिक है।
🔔 यह सत्ता की नहीं, भारत के भविष्य की लड़ाई है
- आज की लड़ाई सिर्फ चुनाव जीतने की नहीं है। यह भारत की दिशा, पहचान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की लड़ाई है।
- कांग्रेस–ठगबंधन का सोशल मीडिया युद्ध लगभग हार चुका है। जनता जाग चुकी है।
दुनिया भारत की शक्ति को पहचान चुकी है। - अब ज़रूरत है इस जागरूकता को सतत, संगठित और सकारात्मक बनाए रखने की।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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