आज के युग में जहां रासायनिक खाद्य पदार्थों, पैक्ड फूड और जंक फूड का बोलबाला है, हमें खुद से यह सवाल पूछना चाहिए –
क्या हम अपने शरीर को पोषण दे रहे हैं या धीरे–धीरे ज़हर?
1. रिफाइन्ड फूड: थाली में छिपे धीमे ज़हर
मैदा, सफेद चीनी, रिफाइन्ड नमक और रिफाइन्ड तेल — ये सब आम भारतीय भोजन का हिस्सा हैं। पर ये सभी भारी रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरते हैं:
- ब्लीचिंग एजेंट्स, प्रिज़र्वेटिव्स, हेक्सेन जैसे सॉल्वेंट्स का प्रयोग
- पौष्टिकता पूरी तरह से समाप्त
- शरीर में ज़हरीले पदार्थों का संचय
इनका परिणाम:
- डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग, हाई बीपी, मानसिक विकार
- लिवर और किडनी पर बुरा असर
- कैंसर और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का खतरा
समाधान: जितना हो सके प्राकृतिक, बिना रिफाइन्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करें। देसी घी, सेंधा नमक, शुद्ध गुड़, ठंडा किचड़ तेल अपनाएं।
2. गेहूं का जाल: “वेट बेली” और भूख बढ़ाने वाला एंजाइम
आधुनिक गेहूं को जीन संवर्धन (genetic modification) से बदला गया है ताकि उत्पादन बढ़े। पर इसके कारण इसमें एक ऐसा एंजाइम आ गया है जो:
- भूख को अनावश्यक रूप से बढ़ाता है
- मोटापा, थायराइड, फैटी लिवर, शुगर की समस्या पैदा करता है
“व्हीट बेली सिंड्रोम“ से कई बीमारियों का संबंध देखा गया है — खासकर पेट से जुड़ी समस्याएं, ऑटोइम्यून रोग, गठिया आदि।
समाधान:
- गेहूं की जगह रागी, ज्वार, बाजरा, कुट्टू, सामा, जौ, मक्का, मल्टीग्रेन को अपनाएं
ये पुराने अनाज प्राकृतिक पोषण से भरपूर हैं
3. रक्त अम्लता (Blood Acidity): आधुनिक रोगों की जड़
ज्यादा जंक फूड, डीप फ्राई आइटम्स, प्रोसेस्ड फूड और अत्यधिक मसालेदार खाने से शरीर में अम्लता बढ़ती है, जिससे:
- एसिडिटी और कब्ज
- किडनी स्टोन, गठिया, कैंसर
- मानसिक थकावट और डिप्रेशन
समाधान:
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, फल, अंकुरित अनाज और नारियल पानी का सेवन बढ़ाएं
- भोजन में ताजगी और संतुलन लाएं
- कम पकाए गए और कच्चे फूड का उपयोग करें
जंक फूड व बाहर ज्यादा न खाएं
4. लालच और इस्लामिक जिहाद: भारत में खाद्य विषाक्तता का खतरनाक गठजोड़
- भारत में आज फूड एडल्टरेशन केवल लालच की वजह से नहीं हो रहा, बल्कि यह इस्लामिक कट्टरता और आर्थिक जिहाद से भी जुड़ गया है। इसमें शामिल हैं:
- चीन से मंगाए गए ज़हरीले रसायन दूध में मिलाए जाते हैं
- मिनरल ऑयल्स से बेकरी उत्पाद चमकाए जाते हैं
- मिठाइयों, चाय और दालों में डिटर्जेंट और सिंथेटिक रंग मिलाए जाते हैं
- गैर–कानूनी बूचड़खानों और ‘हलाल–केवल’ नेटवर्क के ज़रिये जहरीला खानपान फैलाया जा रहा है
यह केवल स्वास्थ्य का नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मुद्दा है।
मांग:
- खाद्य मिलावट को ग़ैर–जमानती अपराध घोषित किया जाए
- कठोर वित्तीय दंड और शारीरिक सज़ा दी जाए
- फूड मॉनिटरिंग सिस्टम को सख्ती से लागू किया जाए
5. जीवनशैली: शरीर मंदिर है — इसका आदर करें
- भारतीय संस्कृति में शरीर को आत्मा की साधना के लिए दिया गया साधन माना गया है। शुद्ध भोजन ही स्वस्थ शरीर की पहली आवश्यकता है।
- जंक फूड, रसायनों और तनाव से इसे बिगाड़ना अधर्म है।
स्वस्थ जीवन के लिए अपनाएं:
- दिन की शुरुआत पानी, प्रार्थना और सूर्य के प्रकाश से करें
- लोकल, मौसमी और सात्विक आहार लें
- प्रतिदिन व्यायाम करें — चलना ही पर्याप्त है
- प्राणायाम और ध्यान को जीवन में शामिल करें
पर्याप्त नींद लें
राष्ट्रीय आह्वान: अब जागो भारत
अब समय है कि हम अपनी और अपने परिवार की सेहत की जिम्मेदारी लें।
रासायनिक भोजन, फूड जिहाद, और लाइफस्टाइल बीमारियों के खिलाफ लड़ाई छेड़नी होगी।
मांग और समाधान:
- ऑर्गेनिक किसानों को समर्थन
- रिफाइन्ड फूड का बहिष्कार
- मिलावटखोरों को जेल भेजना
- जन जागरण अभियान चलान
स्वस्थ भारत — सशक्त भारत की नींव है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳