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जब चिकित्सा व्यापार बन जाए

स्वास्थ्य या चिकित्सा उद्योग? — जब बीमारी व्यापार बन जाए

🏥 स्वास्थ्य या चिकित्सा उद्योग: जब इलाज एक व्यापार बन जाए

🚨 बचिए इस सुनियोजित चिकित्सा जाल से — और स्वस्थ रहें सहज रूप से”

आज भारत समेत पूरे विश्व में एक बहुत ही खतरनाक लेकिन छुपा हुआ षड्यंत्र चल रहा है, जिसे आम आदमी चिकित्सा सुविधा समझ रहा है, लेकिन असल में यह एक महा-व्यवस्थित “लूट मशीन” बन चुकी है।

🧠 यह कोई संयोग नहीं यह एक ठोस सिंडिकेटहै:

🔗 एक मजबूत गठजोड़ (Nexus) बन चुका है:

  • डॉक्टर
  • निजी अस्पताल
  • डायग्नोस्टिक लैब
  • मेडिकल शॉप्स
  • इंश्योरेंस कंपनियाँ
  • और इन सबको संचालित करने वाला सबसे बड़ा खिलाड़ी — बिग फार्मा (Big Pharma)

👉 इन सबका एक ही उद्देश्य है:
रोगी नहीं, ग्राहक चाहिए और वो भी आजन्म

💊 कैसे लूटा जाता है आम आदमी को?

  • बिल्कुल सामान्य बुखार या थकान को रोगबना दिया जाता है
    → दर्जनों टेस्ट, टैबलेट्स, कैप्सूल्स, कंसल्टेशन शुरू
  • टेस्ट में हल्का सा बदलाव पाए जाने पर डर फैलाया जाता है
    → “आप प्री-डायबेटिक हैं”, “आपका कोलेस्ट्रॉल खतरनाक है”
  • जरूरत न होने पर भी दवाओं का पुलिंदा थमा दिया जाता है
    → जैसे कि गैस, अनिद्रा, बीपी, थायरॉइड, विटामिन्स आदि
  • डॉक्टर डायग्नोस्टिक लैब से कमीशन लेते हैं
    → इसलिए हर बार दर्जनों टैस्ट लिखना जरूरी हो जाता है
  • मेडिकल स्टोर पर वही दवाएं जो सबसे महँगी और भारी मार्जिन वाली हों
    → “जन औषधि” या आयुर्वेद का विकल्प कभी नहीं बताया जाता
  • हॉस्पिटल का टारगेट होता है बेड फिलिंग
    → इसलिए बिना कारण ऐडमिट कर देना, ICU में रखना, घबराना, डराना आम बात है
  • अनावश्यक सर्जरी (जैसे गॉल ब्लैडर, अपेंडिक्स, सी-सेक्शन, बायपास आदि)
    → “नहीं करवाया तो जान का खतरा है” कहकर दबाव बनाया जाता है

📉 इसका परिणाम क्या होता है?

  • दवा से ज्यादा दवा का साइड इफेक्ट
  • बिना कारण डायबिटीज, बीपी और हार्ट पेशेंट बन जाना
  • मानसिक रूप से “बीमार” मान लेना खुद को

और अंततः परिवार की बचत और आत्मबल — दोनों का विनाश

🛑 क्या करें? — इलाज से पहले आत्मबोध ज़रूरी है

  • सामान्य मौसमी बीमारियों का इलाज घरेलू नुस्खों से करें
    जैसे बुखार, खांसी, जुकाम, बदहजमी आदि के लिए हल्दी, अदरक, तुलसी, गिलोय, त्रिकटु, काढ़ा आदि।
  • योग, प्राणायाम, ध्यान और सैर को जीवन का हिस्सा बनाएं
    → यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है
  • शरीर के प्राकृतिक संकेतों को समझें, न कि हर लक्षण पर घबरा जाएं
  • गंभीर मामलों मैं दूसरे डॉक्टर की राय जरूर लें
    → एक डॉक्टर की राय अंतिम नहीं होती
  • जन औषधि केंद्रों की और जनेरिक दवाओं को प्राथमिकता दें
    → वही फार्मूला, वही असर — सिर्फ बिना ब्रांडिंग और लूट के

🚨 याद रखें आपको बीमार नहीं बनाया जा रहा, बल्कि ग्राहक बनाया जा रहा है

  • “जहाँ बीमारी न हो, वहाँ भी मरीज खड़ा किया जा रहा है, ताकि ये मेडिकल साम्राज्य फलता-फूलता रहे।”

🔥 अब क्या करें? — जागिए, पूछिए, समझिए और विकल्प खोजिए

🔹 अपनी जीवनशैली सुधारिए
🔹 अनावश्यक टैस्ट और दवाओं से बचिए
🔹 जागरूक रहें — डर का शिकार न बनें
🔹 मेडिकल माफिया के इस “लूटतंत्र” से बाहर निकलिए

🙏 स्वास्थ्य अधिकार है भय, भ्रम और दवा पर आश्रित होना नहीं

और अंत में जो शरीर आपको मिला है, उसकी रक्षा आप ही करें। डॉक्टर और दवा केवल सहायक हैं, अंतिम सत्य नहीं।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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