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ट्रंप का टैरिफ हमला

ट्रंप का टैरिफ हमला – मोदी के भारत का जवाब अब दुनिया सुनेगी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोचा कि टैरिफ युद्ध के जरिए वह दुनिया को झुका सकते हैं।

  • उनकी सोच सीधी थी — आर्थिक हथियार का इस्तेमाल करो, और जो देश अमेरिकी आदेश न माने, उसे व्यापारिक दंड दो।
  • लेकिन ट्रंप भूल गए कि दुनिया बदल चुकी है, और सबसे ज़्यादा बदल चुका है भारत
  • मोदी के नेतृत्व में भारत अब न तो किसी दबाव में आने वाला है, न ही अपने राष्ट्रीय हितों की बलि चढ़ाने वाला।
  • यह वही नया भारत है जो सर्जिकल स्ट्राइक करता है, बॉर्डर पर आँख में आँख डालकर जवाब देता है, और अब व्यापारिक मोर्चे पर भी कूटनीतिक प्रहार करने की क्षमता रखता है।

1. चीन को रियायत, भारत पर सीधा वार — दोहरा रवैया साफ

  • 11 अगस्त 2025 को ट्रंप ने चीन के साथ टैरिफ युद्ध में 90 दिन की मोहलत देने का ऐलान किया।
  • मौजूदा 10% टैरिफ बरकरार, लेकिन कोई नई बढ़ोतरी नहीं।
  • वजह? “चीन ने महत्वपूर्ण कदम उठाए” — जबकि असल में चीन ने बस कुछ गैर-शुल्क प्रतिकार उपायों को अस्थायी रूप से रोका।
  • असल फायदा चीन को — उसे समय मिला अपने रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे रणनीतिक हथियार का इस्तेमाल अमेरिकी हाई-टेक सेक्टर पर दबाव बनाने के लिए।
  • इसके ठीक 10 दिन पहले, 1 अगस्त को, ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ ठोक दिया।
  • कारण बताया: भारत का सस्ता रूसी तेल खरीदना।
  • कोई बातचीत का समय नहीं, कोई वार्ता का मंच नहीं — बस सीधा आर्थिक हमला।

2. ट्रंप की असली चाल — RIC को तोड़ो

यह टैरिफ युद्ध सिर्फ व्यापारिक कदम नहीं था, यह एक जियोपॉलिटिकल मूव था।
ट्रंप का असली लक्ष्य था भारत और चीन के बीच दरार डालना, ताकि RIC (Russia–India–China) का उभरता हुआ मंच कमजोर हो।

  • अमेरिका और NATO जानते हैं कि RIC का मजबूत होना उनके लिए सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा है:
  • RIC मिलकर दुनिया की 40% आबादी और 25% से ज़्यादा GDP का प्रतिनिधित्व करता है।
  • रूस के पास ऊर्जा और रक्षा संसाधन, चीन के पास मैन्युफैक्चरिंग ताकत, और भारत के पास बाजार + तकनीकी क्षमता है।
  • अगर यह तीनों देश तालमेल से काम करें, तो अमेरिकी वर्चस्व सिर्फ एशिया में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में चुनौती के घेरे में आ जाएगा।

3. मोदी का भारत — चाल समझ चुका है

  • मोदी सरकार जानती है कि अमेरिका का यह डिफरेंशियल टैरिफ गेम सिर्फ चीन को समय देने और भारत पर दबाव डालने के लिए है।
  • लेकिन यह नया भारत है, जो दुश्मन की चाल पढ़कर उसी के खिलाफ मोहरा चल देता है।
  • भारत और चीन, भले ही सीमा विवाद में उलझे हों, लेकिन इस मामले में दोनों ने ट्रंप की नीति को भांप लिया है।
  • RIC अब पहले से ज्यादा मज़बूत हो रहा है, और यह गठबंधन अमेरिका–NATO के लिए एक रणनीतिक सिरदर्द बन चुका है।
  • रूस पहले ही भारत और चीन के बीच ऊर्जा, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग को तेज कर रहा है।

4. उलटा असर — अमेरिका पर ही भारी पड़ रहा है टैरिफ युद्ध

ट्रंप ने सोचा था कि टैरिफ युद्ध से वह देशों को अमेरिकी नीति के सामने झुका देंगे।
पर हुआ उलटा —

  • यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देश अब अमेरिका पर व्यापारिक निर्भरता घटाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
  • भारत जैसे 140 करोड़ की आबादी वाले विशाल बाजार को नाराज़ करना, अमेरिकी टेक, डिफेंस, एनर्जी और फार्मा सेक्टर के लिए अरबों डॉलर का घाटा लाएगा।
  • भारतीय कंपनियां अब अमेरिका की जगह यूरोप, मिडल ईस्ट और एशिया-पैसिफिक में व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।

अमेरिका को अब यह समझना होगा कि भारत कोई छोटा खिलाड़ी नहीं है।
भारत की आर्थिक ताकत, बाजार क्षमता और कूटनीतिक पहुंच इतनी है कि उसके आर्थिक प्रतिबंध भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गहरे झटके दे सकते हैं।

5. नया भारत — अब हम नियम बनाएंगे

मोदी का भारत अब विकसित और आत्मनिर्भर शक्ति बनने के रास्ते पर है।

  • Make in India, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार ने हमें आर्थिक हथियार दे दिए हैं।
  • RIC, BRICS+ और SCO में हमारी सक्रिय भूमिका अमेरिका के दबाव को सीधा चुनौती देती है।
  • अगर अमेरिका हमें टैरिफ से मारने की कोशिश करेगा, तो हम अपने सप्लाई चेन और व्यापारिक रूट बदलकर खेल के नियम ही बदल देंगे।

6. ट्रंप सुन लें — भारत झुकने वाला नहीं

  • यह वही भारत है जिसने पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा।
  • यह वही भारत है जिसने COVID, आर्थिक संकट और सीमा पर खतरे — सबका डटकर सामना किया।
  • और यह वही भारत है जो अब अमेरिका को दिखा देगा कि दुनिया के नए पावर समीकरण में भारत सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि निर्णायक शक्ति है।
  • अगर ट्रंप सोचते हैं कि भारत को आर्थिक हथियार से डराया जा सकता है, तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है।

भारत न सिर्फ इस हमले का जवाब देगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि RIC और हमारे वैश्विक गठबंधन इतने मजबूत हों कि अमेरिका–NATO को भी नए विश्व संतुलन के आगे झुकना पड़े

ट्रंप की टैरिफ नीति उलटी पड़ चुकी है।
  • मोदी का भारत इस खेल में न केवल जीवित रहेगा, बल्कि अमेरिका को यह एहसास कराएगा कि अब एशिया का युग है — और इस युग का नेतृत्व भारत करेगा।

🔥 नया भारत न झुकता है, न रुकता है, न बिकता है।🔥

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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