क्या आप जानते हैं?
हाल ही में उत्तराखंड से एक खौ़फनाक सच्चाई सामने आई है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। मदरसों में पढ़ाई करने वाले करीब 2 लाख मुस्लिम बच्चे एक रात में “गायब” हो गए। इस खबर के सामने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक हैरान रह गए।
पूरा मामला क्या है?
पिछले 50-60 सालों से सरकार मुस्लिम छात्रों को मदरसों में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देती आ रही थी। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने इन छात्रों के बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक करने का निर्देश दिया।
1. 1,95,360 बच्चे “गायब” हो गए
जैसे ही यह कदम उठाया गया, 1,95,360 बच्चे गायब हो गए। आंकड़ों के अनुसार, सरकार हर साल इन “बच्चों” के नाम पर 14.5 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति देती थी। आधार लिंक होने के बाद यह राशि घटकर मात्र 2 करोड़ रुपये रह गई।
क्या पता चला?
ये बच्चे असल में कभी थे ही नहीं। मदरसों ने फर्जी नामों का इस्तेमाल कर सरकारी स्कॉलरशिप का लाभ उठाया था।
भ्रष्टाचार का खेल
कांग्रेस सरकार के दौरान घोटाला
कांग्रेस सरकार के दौरान यह घोटाला जारी रहा। नेताओं और अधिकारियों ने इस फंड का बड़ा हिस्सा कमीशन के तौर पर लिया।
बीजेपी सरकार द्वारा खुलासा
भा.ज.पा. ने इस मामले की जांच की और पूरा भ्रष्टाचार उजागर हो गया।
मुस्लिम असुरक्षित क्यों महसूस करते हैं?
जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों का पंजीकरण अनिवार्य किया, तो इसका भी कड़ा विरोध हुआ।
- कई मदरसों और छात्रों के फर्जी नामों से करोड़ों का घोटाला हो रहा था।
- यह पैसा ईमानदार करदाताओं से लिया जा रहा था और भ्रष्टाचारियों की जेब में जा रहा था।
आंकड़े जो चौंकाते हैं
2,21,800 छात्र
2014-15 में उत्तराखंड में इतने छात्र सरकारी स्कॉलरशिप ले रहे थे। आधार लिंक के बाद यह संख्या गिरकर केवल 26,440 रह गई।
जनसंख्या से अधिक पंजीकरण
कुछ जिलों में स्कॉलरशिप लेने वाले छात्रों की संख्या वहां की कुल मुस्लिम जनसंख्या से भी अधिक थी।
हरिद्वार में सबसे बड़ा घोटाला
हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल के मदरसों में सबसे ज्यादा फर्जी छात्र पाए गए।
भ्रष्टाचार का तरीका
फर्जी नाम और कागजों पर मदरसे
मदरसों में फर्जी छात्रों के नाम दर्ज कराए जाते थे और कई मदरसे सिर्फ दस्तावेजों में मौजूद थे, जहां असल में कोई पढ़ाई नहीं होती थी।
छात्रवृत्ति का दुरुपयोग
गरीब छात्रों के नाम पर स्कॉलरशिप ली जाती थी, लेकिन पैसा भ्रष्टाचारियों में बंट जाता था।
कांग्रेस की भूमिका
कांग्रेस सरकार के समय यह घोटाला दशकों तक चलता रहा। इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा था, लेकिन किसी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की।
बीजेपी सरकार की कार्रवाई
आधार से लिंक अनिवार्य
अब सभी लाभार्थियों के आधार कार्ड से लिंक होने के बाद फर्जी छात्रों की पहचान हुई और मदरसों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
युवाओं के लिए संदेश
सच्चाई को समझें
यह मुद्दा सिर्फ स्कॉलरशिप का नहीं, बल्कि हिंदुओं के पैसे और अधिकारों की लूट का भी है।
एकता बनाए रखें
जब भ्रष्ट ताकतें एकजुट होकर इस तरह के घोटाले करती हैं, तो हमें भी संगठित होकर इस साजिश का विरोध करना होगा।
सतर्क रहें
जो लोग मुस्लिम असुरक्षा की बात करते हैं, उनका असली उद्देश्य समझें और भड़काने वालों से बचें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं
यह समय है जागरूक होने का और सही नेतृत्व का समर्थन करने का।
हमें जागरूक होना होगा
हमारे करदाताओं के पैसे की लूट अब और नहीं हो सकती। इस खबर को सभी के साथ साझा करें और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक बनें।
जय हिंद! जय भारत!
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